Rourkela News: कोइड़ा ब्लॉक के केबलांग थाना अंतर्गत केबलांग एवं बिमलागढ़ पंचायत के दो गांव कमरपोस एवं बड़रमा कुराढ़ी नाल के दोनों ओर बसे हैं. इस क्षेत्र के लोग कुराढ़ी नाल के पास रुंगटा कंपनी की ओर से लगभग तीन एकड़ जमीन अधिग्रहण करने एवं भविष्य में कुराढ़ी नाल से पानी लेकर कोइड़ा क्षेत्र की खदान में ले जाने की परियोजना का विरोध कर रहे हैं.
दीवार निर्माण के लिए जमीन की पहचान करने पहुंची थी कंपनी की टीम
रुंगटा कंपनी ने कुछ दिनों पूर्व उक्त स्थान पर कई कीमती पेड़ों को काटकर साफ कर दिया है. शुक्रवार को जब पुलिस की मदद से कंपनी की टीम दीवार निर्माण के लिए जमीन की पहचान करने पहुंची, तो दोनों गांवों के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया. ग्रामीणाों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारियों ने बांकी रेंजर एवं वन विभाग के कर्मचारियों की मदद से यहां परियोजना बनाने के लिए कई कीमती पेड़ों को काटा था, लेकिन दोनों गांवों में बिना ग्राम सभा या पंचायत की ग्राम सभा के ही पेड़ों को काटा गया. दोनों गांवों के लोगों ने इसका विरोध किया है तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री और सुंदरगढ़ के जिलापाल, बणई उपजिलापाल, डीएफओ राउरकेला से लिखित शिकायत की थी. बाद में बणई उप-जिलापाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी शिकायत पत्र सौंपा गया था. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है.
अपनी मांगों पर अडिग हैं ग्रामीण, कहा-नहीं बनने देंगे परियोजना
ग्रामीणों की ओर से उक्त परियोजना का विरोध किये जाने का पता चलने पर बणई एसडीपीओ राम चंद्र बिस्वाल, केबलांग थाना अधिकारी क्षितिश पात्र, लहुणीपाड़ा थाना अधिकारी सूरज कुमार झांकर पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वहीं बिमलगढ़ सरपंच मोहन मुंडा, केबलांग सरपंच सुप्रिया मुंडा, बिमलगढ़ पंचायत के पूर्व सरपंच जगदीश मुंडा समेत विधायक लक्ष्मण मुंडा ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन दोनों गांवों के लोग इस बात पर अड़े रहे कि अगर यहां प्रोजेक्ट लगाया गया, तो उन्हें बहुत नुकसान होगा. इसलिए उन्होंने चेतावनी दी कि वे यहां प्रोजेक्ट नहीं बनने देंगे. जिस कारण शुक्रवार को वहां पर रुंगटा कंपनी की ओर से जमीन चिह्नित करने का काम नहीं हो पाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है