Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने अपनी निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के तहत ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम उठाते हुए परिधीय गांवों की महिलाओं के लिए बांस शिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. नुआगांव ब्लॉक के लिंड्रा गांव में कौशल विकास के क्षेत्र में कार्यरत एक प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन निर्माण के सहयोग से यह प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है. यह पहल रीना स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्यों पर केंद्रित है, जिन्हें बांस के उत्पाद, विशेष रूप से विभिन्न आकार और प्रकार की टोकरियां बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है.
बढ़ा आत्मविश्वास, परिवार की भी कर सकती हूं मदद : लाभार्थी
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाओं ने स्थानीय बाजारों में अपने हस्तशिल्प का उत्पादन और बिक्री शुरू कर दी है, जिससे आय सृजन और आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त हो रहा है. लाभार्थियों में से एक, कुलामनी मुंडारी ने अपनी खुशी और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे यह बांस शिल्प प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क मिला. अब मैं न केवल टोकरियां बना सकती हूं, बल्कि उन्हें बाजार में बेचकर पैसे भी कमा सकती हूं. इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मेरे परिवार को भी मदद मिल रही है. यह पहल न केवल पारंपरिक बांस शिल्प को संरक्षित करती है, बल्कि आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा देती है. कौशल विकास और बाजार संपर्कों को सक्षम बनाकर, आरएसपी क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान दे रहा है और एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि कर रहा है.
सेल का जून तिमाही में शुद्ध लाभ कई गुना बढ़कर 745 करोड़ रुपये पर
देश की सबसे बड़ी इस्पात विनिर्माता सेल का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ कई गुना बढ़कर 744.58 करोड़ रुपये हो गया. परिचालन क्षमता में सुधार और नकदी प्रवाह बढ़ने से कंपनी का लाभ बढ़ा है. स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने शुक्रवार को शेयर बाजार को अप्रैल-जून, 2025 तिमाही के इन नतीजों की सूचना दी. सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी ने पिछले साल की समान तिमाही में 81.78 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था. आलोच्य अवधि में कंपनी की एकीकृत आय बढ़कर 26,083.90 करोड़ रुपये हो गयी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 24,174.80 करोड़ रुपये थी. हालांकि, पिछली तिमाही में सेल का कुल खर्च भी बढ़कर 25,189.19 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 23,871.60 करोड़ रुपये था. सेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि कंपनी का पहली तिमाही में प्रदर्शन बेहतर परिचालन दक्षता, बेहतर नकदी प्रवाह और घरेलू बाजार में बिक्री मात्रा में मजबूत वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि अनिश्चित वैश्विक रुझानों के बावजूद बढ़ती घरेलू खपत, इस्पात क्षमता का विस्तार और सरकार से सुरक्षा शुल्क समर्थन मिलने से कंपनी सभी इस्पात उपभोक्ता क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता वाला इस्पात मुहैया कराना जारी रखे हुए है.
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