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Rourkela News: स्वस्थ मन व शरीर के लिए योग को दिनचर्या का हिस्सा बनायें : एनआइटी निदेशक

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला में योग दिवस मनाया गया. एनआइटी के निदेशक ने सभी से योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया.

Rourkela News: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), राउरकेला ने छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और परिसर निवासियों की उत्साही भागीदारी के साथ 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया. इस वर्ष का समारोह वैश्विक थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ के तहत योग विद्या छात्र क्लब के सहयोग से एनआइटी में योग और प्राकृतिक कल्याण केंद्र की ओर से आयोजित किया गया. इस एक दिवसीय समारोह में दो सत्र शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक को योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया था.

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का हुआ सीधा प्रसारण

पहला सत्र अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2025 के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण सुनने के साथ शुरू हुआ. इसके बाद योग शिक्षक डॉ खगेश्वर ओझा के नेतृत्व में एक ऊर्जावान योग अभ्यास ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’ हुआ. दूसरे सत्र में कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन एनआइटीआर के बीबी ऑडिटोरियम में हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो के उमामहेश्वर राव ने समुदाय को योग को दैनिक अनुशासन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने योग के गहन दर्शन पर विचार करते हुए कहा कि जानवरों के विपरीत, मानव मस्तिष्क अतीत पर विचार करने और भविष्य का अनुमान लगाने में सक्षम है. एक स्वस्थ मन, एक स्वस्थ शरीर का निर्माण करता है और ध्यान इसके पोषण के रूप में कार्य करता है. अगर कोई एक चीज है, जो हमें अच्छी तरह से सीखनी चाहिए, तो वह है ध्यानपूर्वक सांस लेना और अपने शरीर और मन दोनों को क्या खिलाना है, इसके प्रति सचेत रहना.

योग के क्षेत्र में एनआइटी की उपलब्धियों का किया बखान

योग और वेलनेस सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर सरोज एल सामल ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और छात्र समुदाय के बीच योग में बढ़ती रुचि पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि छात्र टीमों ने मार्च-2025 में जेपी अस्पताल में आयोजित ओपन नेशनल योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भाग लिया था. लड़कियों की टीम ने पारंपरिक योगासन श्रेणी में स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि लड़कों की टीम ने पूरे भारत से 800 से अधिक प्रतिभागियों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए लयबद्ध योगासन में कांस्य पदक अर्जित किया. इस अवसर पर प्रोफेसर निरंजन पांडा (डीन, छात्र मामले), प्रोफेसर रोहन धीमान (रजिस्ट्रार), प्रोफेसर रमेश कुमार महापात्रा (अध्यक्ष, अतिरिक्त शैक्षणिक गतिविधियां प्रकोष्ठ) और प्रोफेसर विनोद बिहारी साहू (सह-पीआइसी, योग केंद्र) ने भी संबोधित किया, जिन्होंने एनआइटी राउरकेला में निरंतर अभ्यास और कल्याण संस्कृति में सकारात्मक बदलाव के महत्व पर जोर दिया.

योग शिक्षक व विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित

योग शिक्षक डॉ खगेश्वर ओझा और वटकृष्ण साहू को परिसर में नियमित योग प्रशिक्षण में उनके समर्पित योगदान के लिए सम्मानित किया गया. इस महीने की शुरुआत में कैंपस के बच्चों और छात्रों के लिए आयोजित योग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किये गये. इस सत्र में दो मुख्य व्याख्यान प्रो सुभाष चंद्र दास (संस्कृत विभागाध्यक्ष, उत्कल विश्वविद्यालय) द्वारा ‘विश्व शांति के लिए योग’ और डॉ गिरिजा शंकर दास (मुख्य महाप्रबंधक, सेल राउरकेला स्टील प्लांट और आर्ट ऑफ लिविंग के संकाय) द्वारा ‘योग : एक नया आयाम खोजने की कला’ पर हुआ.

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