Sambalpur News: संबलपुर में शनिवार सुबह आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा अनादि काल से भारत में उत्पन्न योगाभ्यास पूरे विश्व में एक जन आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा कि योग शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक चेतना का वैज्ञानिक प्रयोग है.
‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ पर अपने विचार व्यक्त किये
मां समलेश्वरी मंदिर परिसर और महानदी के किनारे आयोजित योग कार्यक्रम में उपस्थित जनों को योग दिवस की बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं, स्वयंसेवी व सामाजिक संगठनों के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों के साथ योगाभ्यास किया. धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री के उद्घोष ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ पर अपने विचार व्यक्त किये. कहा कि योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की अनमोल धरोहर है. 21 जून, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 150 से ज्यादा देशों के समर्थन से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी योग, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को महत्व दिया गया है. हमें संबलपुर को स्वस्थ और सुंदर बनाना होगा. गांव-गांव तक योगाभ्यास को पहुंचाना होगा. कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री रववि नारायण नायक, संबलपुर विधायक जयनारायण मिश्र, संबलपुर डीएम सिद्धेश्वर बोलीराम बोंडार, एसपी मुकेश भामू, आरडीसी सचिन रामचंद्र जाधव, आइजी हिमांशु लाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे.भुवनेश्वर : योग दिवस पर मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री ने दीं शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य व देश के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में योग को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली माध्यम बताया. उन्होंने कहा कि योग शारीरिक और मानसिक सुदृढ़ता प्राप्त करने का एक प्रभावशाली माध्यम है. आइये, हम सब मिलकर योग को अपनी दैनिक जीवनशैली का हिस्सा बनाये और इसके लाभों को और अधिक व्यापक रूप से फैलायें. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को अनेकों शुभकामनाएं. योग, मन, शरीर और आत्मा के संतुलन का मार्ग है. यह विश्व को भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो स्वस्थ जीवन और आध्यात्मिक संतुलन का आधार है. आइये, योग के शाश्वत आदर्शों को अपनाकर एक स्वस्थ, सामंजस्यपूर्ण और उन्नत भविष्य के लिए संकल्पबद्ध हों.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है