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यूपी में भी बढ़ा म्यूकर माइकोसिस का खतरा, लखनऊ में भर्ती हैं ब्लैक फंगस के कई मरीज, जानिए लक्षण

Mucormycosis Cases in India, Black Fungus, UP News, Spread in Uttar Pradesh: कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी मरीजों में पोस्ट कोरोना इफेक्ट सामने आ रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा घातक फंगस इन्फेक्शन है. इस घातक बीमारी का नाम म्यूकर माइकोसिस है. गुजरात के बाद अब यूपी में भी इस बीमारी की दस्तक होने लगी है. लखनऊ में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों में म्यूकर माइकोसिस के लक्षण मिले है.

Mucormycosis Cases in India, Black Fungus, UP News, Spread in Uttar Pradesh: कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी मरीजों में पोस्ट कोरोना इफेक्ट सामने आ रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा घातक फंगस इन्फेक्शन है. इस घातक बीमारी का नाम म्यूकर माइकोसिस है. गुजरात के बाद अब यूपी में भी इस बीमारी की दस्तक होने लगी है. लखनऊ और वाराणसी में भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों में म्यूकर माइकोसिस के लक्षण मिले है. यूपी में इस तरह के कुल सात मामले आ चुके हैं. सभी का फिलहाल इलाज चल रहा है.

म्यूकर माइकोसिस लक्षण

यूपी में कोरोना का जारी है कहरः गौरतलब है कि यूपी में कोरोना का कहर जारी है. शहरों के साथ साथ कोरोना संक्रमण तेजी से गांवों में भी फैल रहा है. आलम यह है कि कोरोना से जूझते मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन की भी कमी हो जा रही है. ऐसे में काली फंगस के मामले की यूपी में सामने आना एक और खतरे की घंटी है. बता दें, लखनऊ के केजीएमयू में इस फंगस के तीन मरीज और लोहिया संस्थान में चार मरीजों का इलाज चल रहा है.

महाराष्ट्र और गुजरात में कई की जा चुकी है जानः ब्लैक फंगस या म्युकर माइकोसिस के कारण मरीजों की हड्डियां गलने लगती है. इस बीमारी से महाराष्ट्र में कई मौतें हो चुकी हैं. केजीएमयू के चिकित्सक ने बताया कि, यह संक्रमक से भी फैलता है. और यह काफी घातक होता है. यह शरीर की कोशिकाओंको मारता है. और कई अंगों को क्षतिग्रस्त कर देता है. यहां तक की इससे मरीजों की जान तक चली जाती है. इससे आंखों की रोशनी भी चली जाती है.

डायबिटीज मरीजों को ज्यादा खतराः दिल्ली में कई लोगों को पोस्ट कोरोना इफेक्ट क् तौर पर यह बीमारी के लक्षण दिखे हैं. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को इससे ज्यादा खतरा होता है. डायबिटीज के मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. ऐसे में इस बीमारी के फैलने का खतरा अधिक होता है. फिलहाल नाक से लेकर दिमाग तक इसका अधिक असर दिखा है.

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Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
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