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अमीरों को इस पौधे से लाखों रुपए में मिल रही ऑक्सीजन, आम लोगों की पहुँच से है दूर

आम लोग तो इसे खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकते. हम बात कर रहे हैं चीन में विकसित फाइकस प्रजाति के माइक्रोकार्पा पौधे की. जिसकी कीमत हजारों से शुरू होती है और लाखों में जाती है. आइए जानते हैं क्या है इस पौधे की खासियत क्यों है यह इतना महंगा.

Agra News: ताजनगरी में एक पौधा है जो प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है लेकिन इसकी ऑक्सीजन को पाने के लिए लोगों को काफी दाम चुकाना होता है. दरअसल यह पौधा महंगा होने के चलते अधिकतर अमीरों के घर की शोभा बना हुआ है. आम लोग तो इसे खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकते. हम बात कर रहे हैं चीन में विकसित फाइकस प्रजाति के माइक्रोकार्पा पौधे की. जिसकी कीमत हजारों से शुरू होती है और लाखों में जाती है. आइए जानते हैं क्या है इस पौधे की खासियत क्यों है यह इतना महंगा.

अमीरों की पसंद बना

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से लोगों में ऑक्सीजन की कमी सामने आई थी. जिसके बाद से अचानक बाजार में ऑक्सीजन छोड़ने वाले पौधों की बिक्री बढ़ गई थी. लोगों ने इसके लिए कई जतन किए और ऑक्सीजन देने वाले बरगद, पीपल आदि के पेड़ों को खरीदना भी शुरू कर दिया. हालांकि बरगद और पीपल ऐसे पौधे हैं जो आम लोगों की पहुंच में भी आते हैं. वहीं नर्सरी में ऑक्सीजन देने वाला एक ऐसा भी पौधा है जो अधिकतर अमीरों की पसंद बना हुआ है. यह पौधा ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में छोड़ता है वहीं दूसरी तरफ इसकी संरचना और आकार देख लोग इसके दीवाने हो जाते हैं.

क्‍या है माइक्रोकार्पा की कीमत

हम बात कर रहे हैं फाइकस प्रजाति के माइक्रोकार्पा पौधे की, चीन में विकसित हुए फाइकस प्रजाति के यह बोनसाई पौधे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं. आगरा की कुछ गिनी चुनी नर्सरी में ही यह पौधे आपको मिलेंगे. क्योंकि इनकी कीमत इतनी है कि इन्हें आम लोग वहन नहीं कर सकते और सिर्फ यह अमीरों के घर में ही शोभा बढ़ाते हैं. नर्सरी संचालक बबलू कुशवाह ने बताया कि माइक्रोकार्पा की पौध शुरुआत में ढाई सौ से ₹300 की आती है. और जैसे-जैसे इसकी उम्र और इसका आकार बढ़ता है इसकी कीमत भी बढ़ जाती है. नर्सरी संचालक ने बताया कि उनकी नर्सरी में 3 से 4 फीट के दो पौधे हैं और एक पौधा ऐसा भी है जिसकी ऊंचाई करीब 10 से 15 फीट की है. छोटे पौधों की कीमत जहां 25 से ₹30000 है वहीं बड़े पौधे की कीमत ढाई लाख रुपए है. उनका कहना है कि इस पौधे की उम्र करीब 12 से 15 साल है और इसकी ऊंचाई व आकार भी बड़ा है जिसकी वजह से इसकी कीमत भी लाखों में है.

लखटकिया पेड़ भी कहा जा रहा

नर्सरी संचालक का कहना था कि इन पौधों को अत्यधिक धूप की जरूरत नहीं होती, क्योंकि ज्यादा धूप इनकी पत्तियों को जला सकती है. यह पौधा इनडोर और आउटडोर दोनों जगह लगाया जा सकता है. इसीलिए जब भी इस पौधे को आउटडोर में लगाया जाए तो ध्यान रखा जाए कि वहां पर सिर्फ कुछ समय के लिए ही इस पौधे को धूप लगनी चाहिए. अगर ज्यादा धूप लगी तो यह पौधा मर भी सकता है. वहीं दूसरी तरफ पौधे को कम पानी की आवश्यकता होती है. जिसके लिए हम कोकोपिट तकनीक से खाद बनाकर इसमें लगाते हैं जिससे कि इसमें पानी की कमी ना रहे. उनका कहना है कि इस पौधे की लंबाई करीब 20 मीटर तक जा सकती है. माइक्रोकार्पा की कीमत अधिक होने की वजह से अधिकतर यह अमीर लोगों के घरों की ही शोभा बढ़ा रहा है. इसीलिए इसे अमीरों को आक्सीजन देने वाला लखटकिया पेड़ भी कहा जा रहा है.

रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

Prabhat Khabar News Desk
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