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Republic Day Special: आजादी के पहले बना बरेली कॉलेज और आईवीआरआई लेकिन इसके बाद शहर का हुआ विकास

आजादी से पहले भारत में बरेली की पहचान क्रांतिकारियों के जज्बे के कारण होती थी. जिन्होंने बरेली को ब्रिटिश हुकूमत में वर्ष 1857 में बरेली कॉलेज की स्थापना हुई थी. उस वक्त बरेली कॉलेज में 57 छात्र थे, लेकिन अब रेगुलर और प्राइवेट लाखों छात्र हैं.

Bareilly: देश 74वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है. आजादी के बाद देश में काफी विकास हुआ है. इस विकास में यूपी के बरेली शहर के योगदान की बात करें तो पाते हैं कि यहां सुन्नी मरकज आला हजरत हैं. दोनों हाथों से लिखने वाले आला हजरत इमाम अहमद रजा खां ने सैकड़ों दीनी किताब लिखीं हैं, जो अब भी मौजूद हैं. आला हजरत के अकीदतमंद दुनिया भर में हैं. वह हर वर्ष उर्स में आते हैं. फिल्म मेरा साया का गाना झुमका गिरा रे बरेली के बाजार ने भी इस शहर को बड़ी पहचान दिलाई. यहां के बांस (बेत), सुर्मे, और मांझे (डोर) की दुनिया भर में मांग है.

आजादी से पहले क्रांतिकारियों ने बरेली को दी पहचान

आजादी से पहले भारत में बरेली की पहचान क्रांतिकारियों के जज्बे के कारण होती थी. जिन्होंने बरेली को ब्रिटिश हुकूमत में वर्ष 1857 में बरेली कॉलेज की स्थापना हुई थी. उस वक्त बरेली कॉलेज में 57 छात्र थे, लेकिन अब रेगुलर और प्राइवेट लाखों छात्र हैं. इसके साथ ही 1889 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की नींव पड़ी थी. यहां पशु, पक्षियों आदि की बीमारियों पर शोध होता है.

कई मेडिकल कॉलेज, इंजीनयरिंग इंस्टीट्यूट हैं पहचान

देश की आजादी के बाद बरेली ने काफी विकास किया है. पिछले 20 वर्ष में तीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है. जिनमें हजारों छात्र मेडिकल की डिग्रियां लेकर हर वर्ष निकलते हैं. शहर के नैनीताल रोड पर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज, शहर के पीलीभीत बाईपास पर रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज, रामपुर रोड पर राजश्री मेडिकल कॉलेज बना. पीलीभीत बाईपास पर एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी की स्थापना 1975 में की गई थी. अब एक निजी यूनिवर्सिटी इनवर्टिस भी है. इसके साथ ही कई निजी डिग्री कॉलेज और बड़ी शिक्षण संस्थाएं हैं, जिनमें बरेली के साथ-साथ देशभर के छात्र पढ़ने आते हैं.

सड़कों का बिछा जाल, बनें ओवरब्रि

आजादी से पहले बरेली में सिर्फ एक ही हाईवे था, बाकी रोड कच्चे था. मगर,आजादी के बाद शहर में तीन नेशनल हाईवे बन चुके हैं. अब बड़ा बाईपास से वाहन गुजरते हैं. सड़कों का जाल है. शहर में कई ओवरब्रिज भी बने हैं. देश की आजादी के बाद बरेली में चार इंडस्ट्रियल एरिया की स्थापना की गई है. इसमें परसा खेड़ा, सीबीगंज, भोजीपुरा, और रजऊ इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण हुआ है.य हां कई उद्योग धंधे लगे हैं. हालांकि बड़े उद्योग बंद हो चुके हैं.

देश भर का आवागमन हुआ आसान

बरेली में देश की आजादी से पहले कोई रेलवे स्टेशन नहीं था. आजादी के बाद बरेली जंक्शन, इज्जत नगर स्टेशन, कैंट और बरेली सिटी स्टेशन, रोडवेज पुराना बस अड्डा, सैटेलाइट बस अड्डा है. यहां से हवाई सफर भी शुरू हो गया है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद बरेली

Prabhat Khabar Digital Desk
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