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टिकैत का ऐलान
लखनऊ किसान महापंचायत में आए राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक किसानों की मांग नहीं मानी जाती है, तब तक आंदोलन चलता रहेगा. सरकार हमसे बात करें और मांग पर कार्रवाई करें.
केंद्र सरकार को करनी होगी बात
लखनऊ में आयोजित महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, गन्ना किसानों का भुगतान भी जल्द से जल्द किया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक किसानों से बात नहीं करेगी, तब तक इस मसले का अंत नहीं होगा.
पूर्व डीजीपी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की ये मांग
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और सामाजिक कार्यकर्ता एसआर दारापुरी भी किसानों की महापंचायत में पहुंचे. उन्होंने महापंचायत के मंच से उत्तर प्रदेश में एमएसपी पर धान गेहूं की खरीद और आदिवासियों को जमीन आवंटन का मुद्दा उठाया.
सरकार से मांगों की बढ़ी लिस्ट
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, कि महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी बात करेंगे. हर मुद्दे पर भी बात करने को तैयार हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने अपनी मांगों की सूची बढ़ा ली है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. धीरे-धीरे भीड़ कम होती जा रही है. लोग अपने घरों को रवाना हो रहे हैं.
क्या हैं किसानों की मांगें?
किसानों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखते हुए कहा कि, MSP पर कानून बनाया जाए, ताकि हर किसान को अपनी फसल पर कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिल सके.इसके अलावा विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020-21 के ड्राफ्ट को वापस लिया जाए. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों को सजा देने के प्रावधान समाप्त किए जाएं. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी समेत अन्य राज्यों के हजारों किसानों पर इस आंदोलन के दौरान मुकदमों में फंसाया गया है, जोकि वापस लिए जाएं. इसके अलावा आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवार को कम से कम करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए.
इको गार्डन में उमड़ी किसानों की भीड़
लखनऊ के बंगला बाजार स्थित इको गार्डन में किसानों की भीड़ उमड़ी हुई है. जहां नजर उठाओ, उधर ही सिर पर हरी पगड़ी बांधे किसानों का जत्था उमड़ा दिख रहा है. सुबह से ही मंच पर एक-एक करके विभिन्न किसान संगठनों के नेता भाषण दे रहे हैं. सभी बीते एक साल से चल रहे किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देने के साथ ही एमएसपी की मांग पर अड़े हुए हैं.
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