Balidan Diwas 2023 : पूरा देश भगत सिंह का आज 93 वां शहीदी दिवस मना रहा है. लेकिन जहां लोग उन्हें क्रांतिकारी के रूप में जानते हैं वहीं आगरा के लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. आपको बता दें शहीद भगत सिंह अपने साथियों के साथ 1928 से 1929 तक करीब 1 साल आगरा में अज्ञातवास में रहे थे. आगरा के दूरी दरवाजे पर स्थित लाला छन्नू मल की हवेली में वह रंजीत नाम रख कर रहे थे और इसी हवेली में उन्होंने बम बनाया था. इसी बम को 1929 में दिल्ली की असेंबली में फोड़ा था. आगरा के समाजसेवी विनोद साहनी भगत सिंह को भगवान की तरह पूजते हैं. लाला छन्नुमल की हवेली से 50 कदम दूर तिराहे पर भगत सिंह का मंदिर बनाया गया है. यह मंदिर विनोद साहनी के प्रयासों से तैयार किया गया था. इस मंदिर में भगत सिंह की मूर्ति है. रोजाना समाजसेवी विनोद साहनी सुबह शाम यहां माल्यार्पण के साथ दीपक जलाते हैं. उनका कहना है कि देश का युवा हमारे वीर शहीदों की शहादत को और उनकी कुर्बानी को भूल गया है, लेकिन वह आज भी उन्हें हमेशा याद रखते हैं. उनका कहना है कि काफी लंबे समय से वह प्रयास में थे कि जिस हवेली में भगतसिंह रहे हैं. उस कमरे को संग्रहालय बनाया जाये. ऐसे में अब कुछ कवायदें शुरू हो गई हैं. जल्द ही भगत सिंह की यादों को सहेज कर रखा जाएगा, ताकि आगे आने वाली युवा पीढ़ी उनकी कुर्बानी को समझ सके.
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Balidan Diwas 2023 : आगरा के भगवान हैं क्रांतिकारी भगत सिंह, मंदिर में की जाती है पूजा
Balidan Diwas 2023 : पूरा देश भगत सिंह का आज 93 वां शहीदी दिवस मना रहा है. लेकिन जहां लोग उन्हें क्रांतिकारी के रूप में जानते हैं. वहीं आगरा के लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. आपको बता दें शहीद भगत सिंह अपने साथियों के साथ 1928 से 1929 तक करीब 1 साल आगरा में अज्ञातवास में रहे थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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