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आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को जमीन मामले में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, उच्च न्यायालय में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की याचिका को तुरंत सूचीबद्ध कर सुनवाई करेगा. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के जमीन संबंधी फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

Mohammad Ali Jauhar University News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत नहीं मिली है. आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज यूपी सरकार के रद्द करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोट का दरवाजा खटखटाया था. उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलेगी. लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट जाने को कहा गया है. कोर्ट ने प्रकरण को लेकर कहा कि पहले आप हाईकोर्ट जाइये जहां चीफ जस्टिस आपके मामले को एक बेंच बनाकर सुनेंगे. इस तरह फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट के रुख पर जौहर यूनिवर्सिटी का मामला निर्भर होगा. हालांकि, इस मामले से सम्बंधित मुकदमा इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है. लेकिन, वहां मामले की सुनवाई में लगातार देरी हो रही है. इस वजह से मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई. लेकिन राहत नहीं मिली. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की याचिका को तुरंत सूचीबद्ध कर सुनवाई करेगा. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के जमीन संबंधी फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन करने वाली ट्रस्ट के अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान हैं.

99 साल के लीज पर दी गई स्कूल की जमीन

प्रकरण के मुताबिक समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को रियायती दर पर एक स्कूल की जमीन 99 साल के लिए लीज पर दी गई थी. लीज की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर मौजूदा सरकार ने इसे रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने आजम खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूपी सरकार में सत्ता में रहने के दौरा रामपुर में अपने इस मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय में काम करने के लिए 106.56 करोड़ रुपए के सरकारी धन का इस्तेमाल किया था. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले को हितों के टकराव के मामला भी बताया. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि जिस विभाग ने इस विश्वविद्यालय को धनराशि जारी की, उसके मंत्री भी आजम खान थे. जिस ट्रस्ट के जरिए इस विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ उसके आजीवन ट्रस्टी भी आजम खान थे. साथ ही जो यूनिवर्सिटी बनी उसके आजीवन चांसलर भी आजम खान ही थे.

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अनियमितताओं के लगे आरोप

आजम खान की मौलाना अली जौहर यूनिवर्सिटी में कई अनियमितताओं के आरोप भी लगे. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि वहां जो भी काम हुआ, उसमें नियमों की पूरी अनदेखी की गई. जल विभाग ने जो काम किया उसके लिए किसी भी तरह की औपचारिक अनुमति और नियमों का पालन नहीं किया गया. इसी तरह लोक​ निर्माण विभाग की ओर से किए गए काम में भी अनियमितताएं पाई गई हैं. इन मामलों पर ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को सुने जाने के लिए मामले को यूपी हाईकोर्ट ट्रांसफर किया है, जिससे आजम खान पक्ष को झटका लगा है.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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