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भाजपा राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे के निधन से रिक्त सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित, 15 सितंबर को मतदान

भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक उपचुनाव को लेकर 29 अगस्त 2023 को अधिसूचना जारी की जाएगी. इसके साथ ही उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे. वहीं नामांकन की अंतिम तारीख 5 सितंबर है. नामांकन पत्रों की जांच 6 सितंबर को होगी और 8 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.

Lucknow: भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे के निधन से रिक्त सीट पर भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. इसके लिए 15 सितंबर को मतदान के बाद उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा.

25 नवंबर 2026 तक है कार्यकाल

भारत निर्वाचन आयोग ने हरद्वार दुबे के निधन के बाद उत्तर प्रदेश से इस राज्यसभा सीट को 26 जून 2023 को रिक्त घोषित कर दिया गया था. हरद्वार दुबे का कार्य कार्यकाल 25 नवंबर 2026 तक है. इस वजह से भारत निर्वाचन आयोग ने अब इस सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित किया है.

नामांकन की अंतिम तारीख 5 सितंबर

भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक उपचुनाव को लेकर 29 अगस्त 2023 को अधिसूचना जारी की जाएगी. इसके साथ ही उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे. वहीं नामांकन की अंतिम तारीख 5 सितंबर है. नामांकन पत्रों की जांच 6 सितंबर को होगी और 8 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं. 15 सितंबर को उपचुनाव को लेकर मतदान होगा और इसी दिन मतगणना के बाद नतीजा घोषित किए जाएगा. निर्वाचन आयोग ने 19 सितंबर से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है.

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निर्वाचन आयोग के उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित करने के बाद अब सियासी दल उम्मीदवारों पर मंथन करेंगे. हालां​कि सदस्यों की संख्या के हिसाब से भाजपा का पलड़ा भारी है. इसलिए भाजपा के घोषित उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है. हालांकि पार्टी को चुनौती देने के लिए विपक्ष की ओर से भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जा सकता है.

तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली में हुआ था निधन

राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे का दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया था. दिल्ली स्थित आवास पर देर रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अचानक दिल में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद ही उनकी सांसें थम गईं.

आगरा छावनी के दो बार के पूर्व विधायक और पूर्व राज्यमंत्री हरद्वार दुबे 2020 में राज्यसभा सदस्य बने थे. वे कल्याण सिंह सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे थे. सीतापुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक रहे.

आगरा की राजनीति में लंबे समय से रहे सक्रिय

मूल रूप से बलिया के निवासी हरद्वार दुबे लंबे समय से आगरा में राजनीति कर रहे. वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन आगरा आए थे. तभी से यहां की राजनीति में सक्रिय रहे. 1983 में वे महानगर इकाई के मंत्री बने. इसके बाद महानगर अध्यक्ष बने. 1989 में आगरा छावनी से पहली बार चुनाव लड़कर उन्होंने जीत दर्ज की.

1991 में वह फिर विजयी हुए, जिसके बाद उन्हें संस्थागत वित्त राज्यमंत्री बनाया गया. 2005 में वह खेरागढ़ विधानसभा से उपचुनाव लड़े, जिसमें हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2011 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. हरद्वार दुबे के परिवार में पुत्र प्रांशु दुबे, पुत्रवधू उर्वशी, पुत्री डॉ. कृत्या दुबे, दामाद डा शिवम और पौत्र दिव्यांश, पौत्री दिव्यांशी हैं. उनके भाई गामा दुबे भी वरिष्ठ भाजपा नेता हैं.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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