25.5 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रात में नाबालिग को थाने के अंदर रखने पर होगी कार्रवाई, बच्चों के उत्पीड़न पर SSP को देना होगा जवाब

डीजीपी ने सभी पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि बच्चे को रात में थाने में रखने पर कार्रवाई होगी.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस अब किसी भी बच्चे को रात में थाने में नहीं रख सकेगी. इस नियम की इनदेखी करने वाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने सभी पुलिस अधिकारियों को इस आदेश दिए हैं. डीजीपी ने सभी पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि बच्चे को रात में थाने में रखने पर कार्रवाई होगी. राज्य बाल संरक्षण आयोग ने डीजीपी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. आयोग के पास लगातार शिकायत पहुंच रही थीं कि पुलिस बाल अधिकारों की अनदेखी कर रही है. जेसीएल श्रेणी में आने वाले बच्चों को भी रात को थाना में रख रही है.

किशोर को जेल या पुलिस लॉकअप में नहीं रखा जा सकता

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि किशोर न्याय बोर्ड का मतलब ” मूक दर्शक” बनना नहीं है, साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी किशोर को जेल या पुलिस लॉकअप में नहीं रखा जा सकता है. किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Boards) कानून के साथ संघर्ष में बच्चों (Juvenile in conflict with law) से निपटने के लिए संबंधित प्राधिकरण है. JCL का मतलब एक बच्चा है जिस पर आरोप है कि उसने अपराध किया है.

सुप्रीम कोर्ट का भी रुख है सख्त  

शीर्ष अदालत ने कहा था कि देश के सभी जेजेबी को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का “अक्षरशः पालन” करना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा के लिए बने कानून का ” किसी के द्वारा भी उल्लंघन नहीं किया जा सकता. न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने फरवरी 2020 में यह बात तब कही जब उसका ध्यान दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बच्चों को कथित तौर पर पुलिस हिरासत में रखे जाने और “प्रताड़ित” किये जाने से संबंधित मीडिया रिपोर्ट के जरिए संज्ञान में आए मामले में हस्तक्षेप करते हुए कही थी.

निगरानी गृह या सुरक्षित स्थान पर रखे जाएंगे बच्चे 

पीठ ने स्पष्ट व्याख्या दी थी कि अधिनियम का प्रावधान स्पष्ट रूप से बताता है कि कानून के साथ संघर्ष करने वाले कथित बच्चे को पुलिस लॉकअप में नहीं रखा जाएगा. जेल में बंद नहीं किया जाएगा. एक बार जब बच्चे को जेजेबी के सामने पेश किया जाता है, तो जमानत होने का नियम है. अदालत ने 10 फरवरी के अपने आदेश में कहा, “अगर जमानत नहीं दी जाती है, तो भी बच्चे को जेल या पुलिस लॉकअप में नहीं रखा जा सकता है और उसे निगरानी गृह या सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए .

अनुज शर्मा
अनुज शर्मा
Senior Correspondent

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel