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अयोध्या में 22 जनवरी को नहीं आएं वीआईपी, जानें- चंपत राय ने क्यों की ये अपील, अक्षत पूजन कार्यक्रम होगा खास

चंपत राय ने बताया कि पूजित अक्षत हल्दी और देशी घी से मिश्रित होगा और यहां से हर प्रांत के लिए पांच-पांच किलोग्राम का पैकेट दिया जाएगा. प्रांतों में ले जाकर कार्यकर्ता जरूर के मुताबिक स्थानीय मंदिरों में पूजन कर अतिरिक्त अक्षत इसी पूजित अक्षत में मिलाकर जनपदों में भेजेंगे.

Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को ही होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सहित सभी प्रमुख संतों ने इसी तारीख में शुभ मुहूर्त पर रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान कराना सबसे उचित माना है. इसलिए ट्रस्ट ने इसी तारीख के मुताबिक रामलला के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है. यहां तक की 22 जनवरी को संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों से अयोध्या नहीं आने की अभी से अपील की जा रही है, जिससे कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था नहीं हो. दरअसल भारी भीड़ के बीच वीआईपी मेहमानों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, उनके प्रोटोकॉल का पालन कराने में दिक्कत आ सकती है. इसलिए उनसे इस तारीख में अयोध्या नहीं आने की अपील की गई है. इस लिहाज से तय माना जा रहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को ही होगी. तारीख का आधिकारिक ऐलान सिर्फ इस वजह से नहीं किया जा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है.

26 जनवरी के बाद अयोध्या आएं वीआईपी मेहमान

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी प्रधानमंत्री कार्यालय से इसकी अधिकृत जानकारी नहीं मिली है, इसलिए तारीख घोषित करना फिलहाल मुनासिब नहीं है. उन्होंने संवैधानिक पदों पर आसीन पदाधिकारी को सलाह दी कि वह 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आएं. उन्होंने कहा सभी प्रोटोकॉल धारक 26 जनवरी के बाद अयोध्या आएंगे तो सुविधा होगी. चंपत राय ने दावा किया कि संगठन की ओर से पूरे कार्यक्रम के व्यवस्था संचालन की योजना तैयार कर दी गई है.

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विहिप के 48 सांगठनिक प्रांतों के प्रमुखों को आमंत्रण

विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताय कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख पर देशभर के मंदिरों में पूजन का निमंत्रण देने के लिए अयोध्या में 5 नवंबर को अक्षत पूजन किया जाएगा. इस मौके पर देश भर के सभी राज्यों के 48 सांगठनिक प्रांतों के प्रमुखों को बुलाया गया है. चंपत राय ने बताया कि इस तारीख पर हर प्रांत से दो-दो प्रमुखों के अलावा हर कमिश्नरी से भी दो-दो प्रमुखों को अयोध्या बुलाया गया है. इन सभी के जरिए पांच लाख गांव में के हर घर में निमंत्रण भेजा जाएगा.

इस तरह गांव-गांव पहुंचेगा पूजित अक्षत

चंपत राय ने बताया कि पूजित अक्षत हल्दी और देशी घी से मिश्रित होगा और यहां से हर प्रांत के लिए पांच-पांच किलोग्राम का पैकेट दिया जाएगा. प्रांतों में ले जाकर कार्यकर्ता जरूर के मुताबिक स्थानीय मंदिरों में पूजन कर अतिरिक्त अक्षत इसी पूजित अक्षत में मिलाकर जनपदों में भेजेंगे. इसके बाद जिले में कार्यकर्ता अपने गांव की आबादी के लिए लिहाज से अतिरिक्त अक्षत पूजन कर यहां से भेजे गए अक्षत में मिलाकर गांव-गांव वितरण के लिए भेजेंगे. इस अक्षत के साथ हर प्रांत की भाषा में आमंत्रण पत्र या पत्रक भी भेजा जाएगा. इसका वितरण 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच घर-घर में होगा.

विदेशों से आने वाले राम भक्त आगमन की दें जानकारी

इसके साथ ही चंपत राय ने विदेशों में रहने वाले राम भक्तों से 26 जनवरी से 22 फरवरी के बीच अयोध्या पहुंचने का आह्वान किया है. उन्होंने बताया कि अलग-अलग देशों से आने वाले राम भक्त अपनी इच्छा के मुताबिक तारीख तय करें और कार्यक्रम की सूचना फोन पर दें. विदेशों के राम भक्तों से सूचना संपर्क के लिए संगठन की ओर से पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इनसे संपर्क विदेशों में रहने वाले रामभक्त अपने आगमन की सूचना दे सकते हैं, जिससे अयोध्या में व्यवस्था बनाने में सुविधा हो.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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