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आजम खां को हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत, वॉयस सैंपल देने पर लगाई रोक, जानें क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने आजम खां के हेट स्पीच मामले में कहा कि प्रतिवादी को नोटिस जारी करें. इस बीच अक्टूबर 2022 के आदेश के माध्यम से ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों पर और जुलाई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बरकरार रखे गए आदेश पर अंतरिम रोक रहेगी.

Azam Khan Hate Speech Case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को 2007 के हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम राहत देते हुए ट्रायल कोर्ट के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी, जिसमें उन्हें 2007 के हेट स्पीच मामले में आवाज का नमूना जमा करने का निर्देश दिया गया था.

आवाज का नमूना देने के आदेश को दी थी चुनौती

इस केस में रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने आजम खां को अपनी अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. अपनी याचिका में सपा नेता आजम खां ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसने निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. आजम से कहा गया था कि ऑडियो कैसेट में रिकॉर्ड की गई आवाज उनकी है या नहीं, इसके लिए आवाज का नमूना देना होगा.

2007 का है मामला

जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ सपा नेता आजम खां की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हेट स्पीच वाले भाषण मामले में उनकी आवाज का नमूना देने के निर्देश के खिलाफ याचिका दायर की गई, जिससे अगस्त 2007 में रामपुर में सभा दिये गए एक सार्वजनिक भाषण की तुलना उनके द्वारा दिए गए सीडी-रिकॉर्डेड भाषण से की जा सके. पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एक विशेष न्यायाधीश के इस निर्देश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

कपिल सिब्बल कर रहे आजम खां की पैरवी

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि पूर्व विधायक द्वारा विशेष अनुमति याचिका दायर करने के बावजूद, विशेष न्यायाधीश ने आज होने वाले उनके आवाज के नमूने के संग्रह को स्थगित करने से इनकार कर दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट आज उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमत हो गया. आज जब मामला उठाया गया तो पीठ ने तुरंत याचिका पर नोटिस जारी किया और विधायक को इस बीच अपनी आवाज का नमूना जमा करने से सुरक्षा दी.

हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक

पीठ ने कहा कि प्रतिवादी को नोटिस जारी करें. इस बीच अक्टूबर 2022 के आदेश के माध्यम से ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों पर और जुलाई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बरकरार रखे गए आदेश पर अंतरिम रोक रहेगी. दरअसल उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत का एक आदेश है जिसमें आजम खां को 2007 के नफरत भरे भाषण मामले में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे में आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था.

मायावती के खिलाफ की थी अपमानजनक टिप्पणी

यह मामला अगस्त 2007 में धीरज कुमार शील की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) से उपजा है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आज खां ने पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और एक विशिष्ट समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई.

आजम पर उस समय विधान सभा सदस्य (एमएलए) के रूप में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. मामला भारतीय दंड संहिता, 1860, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया.

पुलिस को सौंपी जा चुकी है भाषण की सीडी

हालांकि आजम खां के भाषण की एक प्रति एक सीडी में पुलिस को सौंप दी गई थी, लेकिन उचित दस्तावेज की कमी के कारण इसकी सत्यता का परीक्षण करने के प्रयास असफल रहे और इस तरह इस सीडी के संबंध में कोई फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी. पिछले साल अक्टूबर में अनुपस्थिति को ध्यान में रखते हुए यूपी ट्रायल कोर्ट ने खान को अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया ताकि इसे ऑडियो कैसेट के साथ फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा जा सके.

ट्रायल कोर्ट और इलाहाबाद उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत

इसके बाद बाद में कानूनी कार्रवाइयां हुईं, जिसमें आदेश को वापस लेने का आवेदन भी शामिल था, जिसे पिछले साल नवंबर में ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद आजम खां ने आवाज का नमूना उपलब्ध कराने के निचली अदालत के निर्देश के खिलाफ अपील में इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया. पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के आजम खां के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और उन्हें अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया था.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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