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UP Assembly Monsoon Session: सपा बोली- मिलावट में इजाफा, दाल के बाद अब गरीब की थाली से सब्जी की कटोरी गायब

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार महंगाई को स्वीकार क्यों नहीं कर रही है. गरीबों को जो तेल आप दे रहे थे, उसमें कौन-कौन से अन्य तेल मिलए गए थे, ये बताना चाहिए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोई मिलावट नहीं होती है.

UP Assembly Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को विपक्ष के सदस्यों ने महंगाई का सवाल उठाते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया. नियम 56 के तहत महंगाई पर समाजवादी पार्टी ने सरकार के महंगाई पर नियंत्रण और दामों में कमी के दावों पर सवाल उठाए. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव के दौरान सरसों के तेल में दूसरे तेल मलाकर पैकेट वितरित किए गए. हकीकत में महंगाई कम नहीं हुई, बल्कि मिलावट बढ़ाई गई है.

समाजवादी पार्टी के सदस्य मनोज पांडेय ने कहा कि गरीब की थाली में अरहर की दाल तो कटोरी से पहले ही गायब हो गई थी. लेकिन, जब इस सरकार का दूसरा कार्यकाल आया तो सब्जी की कटोरी भी गायब हो गई

महंगाई के कारण परिवार में झगड़े बढ़े, खुदकुशी की घटनाएं

उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है. गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन यापन और दिनचर्या के काम में आने वाली वस्तुएं उनके घरेलू बजट से बाहर होती जा रही हैं. बढ़ती महंगाई के कारण जहां पारिवारिक क्लेश और आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, वहीं आपराधिक घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि यहां तक की दिनचर्या के खाने पीने की वस्तुएं अरहर, मूंग और चने की दाल सहित रिफाइंड, सरसों का तेल आदि में भी लगभग 36.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आटा, दूध से लेकर निर्माण सामग्री महंगी

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आटा के दाम में भी लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दूध में लगभग 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. डीजल पेट्रोल में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस वजह से ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ है और अन्य चीजें भी इसकी वजह से प्रभावित हुई हैं. उन्होंने भवन निर्माण ​सामग्री सीमेंट, मोरंग, बालू, गिट्टी पर भी लगभग 28 फीसदी का इजाफा हुआ है.

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कालाबाजारी और भ्रष्टाचार बढ़ती हुई महंगाई के मुख्य कारण

मनोज पांडेय ने कहा कि अगर हम गैस सिलेंडर की बात करें तो इसमें अकेले लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आज स्थिति यह है कि गरीब पुनः लकड़ी से खाना बनाने को मजबूर हो गया है. कालाबाजारी और भ्रष्टाचार बढ़ती हुई महंगाई के मुख्य कारण हैं. उन्होंने कहा कि इस महंगाई के कारण सामान्य लोगों का परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.

टमाटर के लिए लोग कतार में खड़े

सपा सदस्य ने सब्जियों के दामों में भारी इजाफे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पूरे यूपी में टमाटर की स्थिति यह है कि पूरे प्रदेश की प्रतिष्ठित कॉलोनियों से लेकर छोटी-छोटी बस्तियों में इसके लिए लाइन लग रही है. और यह हम नहीं कह रहे हैं सीएजी की रिपोर्ट कह रही है. उन्होंने कहा कि देश में यह पहली बार होगा जब 250 रुपए किलोग्राम टमाटर मिल रहा है.

अदरक, लहसुन, धनिया से लेकर मिर्च महंगी

उन्होंने कहा कि अगर हम टमाटर से अलग हटकर बात करें तो एक महीना पहले जो अदरक 60 रुपए का था, आज वह 110 रुपए किलो बिक रहा है. इसी तरह लहसुन 55 की जगह 95 रुपए में बिक रहा है. धनिया के दाम 28 रुपए की जगह बढ़कर 55 रुपए पहुंच गए हैं. हरी मिर्च 30 की जगह 75 रुपए में बिक रही है.

इनके भी दाम बढ़े

इसके अलावा परवल के दाम 35 रुपए से बढ़कर 75 रुपए पहुंच गए हैं. वहीं लौकी 20 की जगह 40 रुपए और कद्दू 20 से बढ़कर 50 रुपए में बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आलू की बात करें तो 10 रुपए से बढ़कर 30 रुपए पहुंच गया है, जबकि शिमला मिर्च 25 से बढ़कर 50 रुपए में मिल रही है.

गरीब से चटनी के साथ खाने का भी मौका छीना

उन्होंने कहा कि गरीब की थाली में अरहर की दाल तो कटोरी से पहले ही गायब हो गई थी. लेकिन, जब इस सरकार का दूसरा कार्यकाल आया तो सब्जी की कटोरी भी गायब हो गई. फिर गरीब के पास केवल यह बचा था कि वह टमाटर और मिर्च की चटनी बना कर अपना पेट भर लेता था. लेकिन, आज 250 रुपए किलोग्राम बिकने वाले टमाटर ने गरीब को उससे भी दूर कर देने का काम किया है.

लोगों को वोट देने का हो रहा पछतावा

इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सरकार को घेरते हुए नारे लगाए. मनोज पांडेय ने कहा कि महंगाई को लेकर आज सदन में चर्चा होनी चाहिए. आज महंगाई जिस तरीके से चरम सीमा पर बढ़ती चली जा रही है, गरीब और मध्यम श्रेणी के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. उनकी दो वक्त की रोटी दूर हो गई है, जो सपना 2014, 2017 और 2019 में दिखाया गया, आज वह सपने न सिर्फ टूट गया है, बल्कि घरों में बैठकर पछतावा कर रहे हैं.

गरीब आदमी एक वक्त का खाना बनाने को मजबूर

सपा नेता ने कहा कि आज गरीब दो वक्त के बजाए एक वक्त का खाना बनाने को मजबूर है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है आखिर और कौन लोग इसके पीछे है, जिनके इशारे पर ये काम हो रहा है. वह कौन लोग हैं जिन लोगों ने टमाटर को अपने गोदामों में रखा हुआ है. टमाटर, प्याज गोदामों में पैक है. लोगों को लहसुन नहीं मिल रहा है. सबसे कड़वा मिर्च भी अब आम जनता से बहुत दूर है. सरकार और सबंधति विभागों को बताना चाहिए कि कालाबाजारी रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए.

सरकार ने दामों में गिरावट का दिया हवाला

इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अरहर और उड़द की दाल के साथ टमाटर के दाम में इजाफा हुआ है. लेकिन, चना की दाल पिछली बार की कीमत 72 रुपए प्रति किलोग्राम पर आज भी बिक रही है. इसी तरह मूंग की दाल पिछली बार 107 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो आज 102 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रही है.

उन्होंने कहा कि वहीं मसूर की दाल पिछली बार 91 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो आज कम होकर लगभग 89 रुपए में बिक रही है. इसके साथ ही मूंगफली का तेल जो पिछली बार 193 प्रति किलोग्राम था, उसमें दो प्रतिशत की कमी हुई है. सरसों के तेल में 18 रुपए की कमी आई है.

सपा के सदस्यों ने जताया विरोध

इसके अलावा वनस्पति के तेल में 16 प्रतिशत और सूरजमुखी के तेल में 1 प्रतिशत, था पाम ऑयल में 18 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. आलू आज पिछली बार की तुलना में 4 रुपए प्रति किलोग्राम सस्ता है. मंत्री ने उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में वैट की दर कम होने का हवाला दिया. उन्होंने जैसे ही अन्य राज्यों के दाम बताना शुरू किया तो सपा के सदस्यों ने आपत्ति जताई.

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा और सपा सदस्य मनोज पांडेय ने कहा दूसरे राज्यों से तुलना नहीं की जा सकती. मनोज पांडेय ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने मानसून सत्र के पहले दिन ही कहा था कि दूसरे राज्य से तुलना नहीं होगी. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सदस्य ने डीजल और पेट्रोल में मूल्य वृद्धि का जिक्र किया है, इसलिए जवाब देना जरूरी है.

अखिलेश यादव ने मंत्री को बताया कंफ्यूज

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि माननीय मंत्री कंफ्यूज हैं. विपक्ष और हमारे सदस्य महंगाई पर सवाल पूछ रहे हैं. मंत्री मूंगफली के तेल का जिक्र कर रहे हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि क्या मूंगफली का तेल महंगाई में नहीं आता. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह से मिक्सड रिफाइंड तेल गरीबों को चुनाव में पिलया गया था, उससे साफ है कि महंगाई कम नहीं हुई है, बल्कि मिलावट की गई है.

सपा का सदन से वॉकआउट

सरकार महंगाई को स्वीकार क्यों नहीं कर रही है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोई मिलावट नहीं होती है. जहां पर मिलावट होती है, वहां पर कार्रवाई जरूर होती है. अखिलेश यादव ने कहा कि गरीबों को जो रिफाइंड तेल आप दे रहे थे, उसमें सरसों के साथ कौन-कौन से तेल मिलए गए थे, ये सरकार को बताना चाहिए. सरकार की ओर से जवाब से असंतुष्ट होने के बाद सपा के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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