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नव अयोध्या का वैभव देखेगी दुनिया, नेपाल-श्रीलंका-दक्षिण कोरिया ने मांगी जमीन, दीपोत्सव के बाद से शुरू होगा काम

बताया जा रहा है कि नव्य अयोध्या में अब तक देश के 10 राज्यों सहित कई बड़े मंदिरों के लिए जमीन आरक्षित की जा चुकी है. नेपाल, श्रीलंका, त्रिनिडाड, दक्षिण कोरिया ने भी जमीन मांगी है. इसके अलावा देश के कई राज्यों से आवेदन आए हैं. नव्य अयोध्या में होटल, मॉल, स्कूल कॉलेज के लिए भी जमीन आरक्षित की जाएगी.

Ayodhya News: रामनगरी में तीन गांवों की जमीन पर ग्रीन फील्ड टाउनशिप (नव्य अयोध्या) को आकार देने का काम तेजी से जारी है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद रामनगरी अयोध्या भारत के बेहद आकर्षक और हाइटेक शहरों में शुमार होगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयोध्या का वैभव कई गुना बढ़ जाएगा. दरअसल यूपी आवास विकास परिषद ने अयेाध्‍या में हाईटेक नव्‍य अयोध्‍या को बसाने का जो प्‍लान तैयार किया है, उसे केंद्र सरकार की नाइन सिटी चैलेंज योजना में चयनित होने के बाद वृहद विस्‍तार मिला है. इस प्रोजेक्ट में 80 देशों के गेस्ट हाउस सहित मठ, मंदिर और आश्रमों के लिए भी जमीन आरक्षित की जा रही है. नव्य अयोध्या में अब पड़ोसी देश नेपाल और श्रीलंका सहित दक्षिण कोरिया ने भी जमीन को लेकर मांग की. बताया जा रहा है कि तीनों देशों ने पांच-पांच एकड़ जमीन की मांग की है. टाउनशिप में 15 राज्य पहले ही जमीन मांग चुके हैं. वहीं गुजरात को भूखंड का आवंटन भी किया जा चुका है. इसके अलावा मशहूर टीवी सीरियल रामायण धारावाहिक के निर्माता रामानंद सागर के परिजनों ने भी आध्यात्मिक पार्क के निर्माण के लिए नव्य अयोध्या में जमीन की मांग की है.

10 राज्यों सहित कई बड़े मंदिरों के लिए जमीन आरक्षित

बताया जा रहा है कि नव्य अयोध्या में अब तक देश के 10 राज्यों सहित कई बड़े मंदिरों के लिए जमीन आरक्षित की जा चुकी है. नेपाल, श्रीलंका, त्रिनिडाड, दक्षिण कोरिया ने भी जमीन मांगी है. इसके अलावा देश के कई राज्यों से आवेदन आए हैं. नव्य अयोध्या में होटल, मॉल, स्कूल कॉलेज के लिए भी जमीन आरक्षित की जाएगी. प्रोजेक्ट के मुताबिक नव्य अयोध्या योजना कुल 1852 एकड़ में आकार लेगी. योजना को दो चरणों और छह क्षेत्रों में बांटा गया है. पहले चरण में 539 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. वहीं पूरे प्रोजेक्ट के लिए 1407 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी से ज्यादा खरीद ली गई है.

दीपोत्सव के बाद से शुरू होगा पहले चरण का काम

प्रशासन के मुताबिक विस्तारित क्षेत्र 248 एकड़ के लिए 21 अक्तूबर तक आपत्तियां ली जाएंगी. इसके बाद सुनवाई होगी. आवास विकास के अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण का काम दीपोत्सव के बाद से शुरू होगा. जमीन अयोध्या के मांझा, मांझा तिहुरा, मांझा बरेहटा और शाहनेवाजपुर के गांवों में खरीदी गई है.

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हाईटेक सिटी के तौर पर अयोध्या होगी विकसित

नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट को हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. इसके लिए गुजरात के गिफ्ट सिटी की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया गया है. गिफ्ट सिटी की तर्ज पर ही वैदिक सिटी को बसाने की तैयारी है. योजना में 80 देशों के गेस्ट हाउस, राज्यों के अतिथि निवास सहित मठ-मंदिर व आश्रम भी बनेंगे.

तिरुपति बालाजी ट्रस्ट ने भी मांगी जमीन

कई धार्मिक संस्थानों की भी ओर से जमीन के लिए मौखिक आवेदन आ रहे हैं. इनमें तिरुपति बालाजी ट्रस्ट भी शामिल है. इसके अलावा मशहूर टीवी सीरियल रामायण धारावाहिक के निर्माता रामानंद सागर के परिजनों ने आध्यात्मिक पार्क के निर्माण के लिए नव्य अयोध्या में जमीन की मांग की है. वर्ष 2005 में रामानंद सागर का निधन हो चुका है, लेकिन उनके परिजन उनकी यादों को श्रीराम जन्मभूमि में आध्यात्मिक पार्क बनाकर जीवंत रखना चाहते हैं. इस पार्क में रामायण धारावाहिक से जुड़ी स्मृतियों को संजोया जाएगा, जो न सिर्फ आकर्षण का बल्कि पर्यटन का भी बड़ा केंद्र बन सकता है. रामानंद सागर के पौत्र शिव सागर इस संबंध में आवास विकास परिषद के अफसरों से मुलाकात कर चुके हैं. इस पर उनसे योजना का डीपीआर तैयार करते हुए देने को कहा गया है. वहीं अन्य देशों को किस प्रक्रिया से जमीन दी जाएगी, इस संबंध में सरकार फैसला करेगी.

होटल, मॉल निर्माण के लिए जमीन होगी नीलाम

अयोध्या की नई आवासीय योजना में करीब पांच फाइव स्टार और 15 अन्य होटलों का प्रस्ताव है. कुछ शॉपिंग माॅल भी बनेंगे. इनकी जमीन को नीलामी से बेचा जाएगा. नव्य अयोध्या से सीधे रामजन्मभूमि पहुंच सकेंगे. यहां से रामजन्मभूमि की दूरी महज तीन किलोमीटर होगी. राष्ट्रीय राज्यमार्ग के दोनों तरफ आकार लेने वाली इस योजना को आपस में जोड़ने के लिए हाईवे को एलीवेट कर अंडरपास बनाया जाएगा. ग्रीन सिटी नव्य अयोध्या के ऊपर से एनएच-27 गोरखपुर-लखनऊ हाइवे जाएगा. हाईवे के नीचे दोनों ओर वैदिक सिटी बसेगी. एनएचएआई की इंजीनियरिंग टीम ने इस क्षेत्र में हाईवे की सड़क को ऊंचाई पर लिफ्ट करने की डिजाइन तैयार कर रही है.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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