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विश्व होम्योपैथी दिवस आज, होम्योपैथी से बनाएं चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य 

हर साल अप्रैल की 10 तारीख को होम्योपैथी चिकित्सा के दुनिया में योगदान को याद करने के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. भारत में होम्योपैथी चिकित्सा की दूसरी सबसे लोकप्रिय प्रणाली है. आप अगर इस चिकित्सा प्रणाली में करियर बनाना चाहते हैं, जानें कैसे बढ़ सकते हैं आगे...

दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग होम्योपैथी चिकित्सा की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह दुष्प्रभावों से मुक्त है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार होम्योपैथी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा प्रणाली है और कानूनी रूप से भारत, जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस समेत दुनिया के 84 से अधिक देशों में प्रचलित है. वैश्विक होम्योपैथिक दवा बाजार, जो 2021 में 854.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, 2028 तक बढ़कर 1377.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की ओर अग्रसर है. होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती के अवसर पर 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान (एचआरआइ) की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में चिकित्सा देखभाल के लिए होम्योपैथी पर निर्भर लोगों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है. भारत में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के बाद बड़े पैमाने पर लोग होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को तरजीह देते हैं.

ऐसे बनें होम्योपैथी डॉक्टर

आप अगर होम्योपैथी डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो बायोलॉजी स्ट्रीम से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों में 12वीं करके इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स करना होता है, जिसमें नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी) के माध्यम से प्रवेश मिलता है. बीएचएमएस भी एमबीबीएस की तरह मेडिकल फील्ड का अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है. यह डिग्री होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के ज्ञान पर केंद्रित है. इस साढ़े पांच वर्षीय कोर्स को पूरा करने के बाद एक होम्योपैथिक डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं. होम्योपैथी में एमडी कोर्स भी उपलब्ध है. आप अगर इस क्षेत्र में अधिक विशेषज्ञता के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, तो बीएचएमएस के बाद तीन साल एमडी की पढ़ाई कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ अन्य कोर्स हैं – डिप्लोमा इन इलेक्ट्रो-होम्योपैथी, डिप्लोमा इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी, मास्टर ऑफ डॉक्टर इन होम्योपैथी. कुछ स्पेशलाइजेशन भी हैं, जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का आधार बनते हैं. इसमें होम्योपैथिक फार्मेसी, पीडियाट्रिक्स, साइकाइट्री, स्किन स्पेशलिस्ट आदि में स्पेशलाइजेशन का विकल्प है.

जॉब और प्रैक्टिस दोनों विकल्प

बीएचएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर जॉब शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा अपना क्लीनिक शुरू कर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का विकल्प है. होम्योपैथी की पढ़ाई करने के बाद न सिर्फ देश, बल्कि विदेश में भी करियर बनाने के मौके होते हैं. बहुत-सी दवा कंपनियों एवं रिसर्च फील्ड में होम्योपैथी पेशेवरों की आवश्यकता होती है. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर भी काम कर सकते हैं. होम्योपैथिक कॉलेज में अध्यापक एवं शोधकर्ता की जॉब मिल सकती है. होम्योपैथी के क्षेत्र में डॉक्टर के अलावा लेक्चरर, कंसल्टेंट, साइंटिस्ट, फार्मासिस्ट, मेडिकल असिस्टेंट, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, मेडिकल असिस्टेंट आदि के तौर पर आगे बढ़ सकते हैं.

कुछ प्रमुख संस्थान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता. नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीयू), नयी दिल्ली. भारती विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे. गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु. असम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, असम. भगवान बुद्ध होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कर्नाटक. गवर्नमेंट ऑटोनोमस होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, भोपाल.

Preeti Singh Parihar
Preeti Singh Parihar
Senior Copywriter, 15 years experience in journalism. Have a good experience in Hindi Literature, Education, Travel & Lifestyle...

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