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झारखंड से एमबीबीएस करने पर 3 साल की सेवा अनिवार्य, राज्य के इन तीन अस्पतालों को एम्स की तरह मिलेगी सुविधा

झारखंड के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करनेवाले छात्रों को अब राज्य में तीन वर्ष तक अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी. वहीं, यदि ये छात्र 10 साल तक राज्य में ही सेवा देने की सहमति देते हैं, तो पीजी कोर्स में इनके लिए 15 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव है.

Ranchi News: झारखंड के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करनेवाले छात्रों को अब राज्य में तीन वर्ष तक अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी. वहीं, यदि ये छात्र 10 साल तक राज्य में ही सेवा देने की सहमति देते हैं, तो पीजी कोर्स में इनके लिए 15 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रस्ताव है. स्वास्थ्य विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. 13 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक करेंगे. बैठक में इस प्रस्ताव की भी समीक्षा करेंगे. ज्ञात हो कि वर्तमान में राज्य के अंदर पीजी करने पर एक वर्ष ग्रामीण इलाकों में सेवा अनिवार्य की गयी है. अब विभाग इसमें बदलाव करने जा रहा है.

तीनों अस्पतालों में एम्स की तर्ज पर मिलेगी सुविधा

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद को स्टेट अॉफ द आर्ट बनाने की कार्ययोजना की भी समीक्षा की जायेगी. सरकार ने इन तीनों अस्पतालों में एम्स की तर्ज पर सुविधा देने का फैसला किया है. सीएम की बैठक में मोबाइल एप आधारित अॉनलाइन समेकित एंबुलेस सेवा प्रदान करने की व्यवस्था की समीक्षा होगी. साथ ही जिला, अनुमंडलीय एवं प्रखंडस्तरीय अस्पतालों में 24*7*365 सेवा देने की कार्ययोजना पर बात की जायेगी. मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में नामांकन व पठन-पाठन की व्यवस्था की समीक्षा की जायेगी.

राज्य में ट्रामा सेंटर की आवश्यकता एवं उपलब्धता, टेली मेडिसीन, मोहल्ला-हाट बाजार/हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर क्लिनिक की स्थापना एवं संचालन की भी समीक्षा होगी. इटकी में प्रस्तावित मेडिको सिटी की प्रगति की रिपोर्ट भी मांगी गयी है. सरकार द्वारा राज्य में दो नये फार्मेसी कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है. इसकी रिपोर्ट भी मांगी गयी है.

रिजल्ट नहीं निकलने के बाद भी तकनीकी संस्थान लेंगे नामांकन

सभी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में सीबीएसइ और अन्य बोर्ड के रिजल्ट की प्रतीक्षा में बैठे विद्यार्थियों का भी नामांकन लेने का निर्देश दिया गया है. इसे लेकर एआइसीटीइ ने सभी विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थानों को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय और संस्थान, वैसे विद्यार्थी जिनका चयन हो गया है, लेकिन बोर्ड का रिजल्ट नहीं निकलने से नामांकन नहीं ले पा रहे हैं, उनका नामांकन लें.

एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने कहा है कि विश्वविद्यालय व संस्थान ऐसे विद्यार्थियों का प्रोविजनल नामांकन ले सकते हैं. रिजल्ट जारी होने के बाद संबंधित विद्यार्थी को एक हफ्ते में उत्तीर्ण होेने का मार्क्सशीट संस्थान में जमा करना होगा. अंक पत्र जमा नहीं करने पर उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने सभी विवि व संस्थानों के प्रधान से आग्रह किया है कि वे इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करें.

तत्काल प्रभाव से व्यवस्था लागू करने का निर्देश

सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने सभी विवि व संस्थानों के प्रधान से आग्रह किया है कि वे इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करें. साथ ही इससे संबंधित नोटिस संस्थान के नोटिस बोर्ड/ वेबसाइट पर उपलब्ध करायेंं. प्रो कुमार के अनुसार रिजल्ट जारी नहीं होने के कारण कई विद्यार्थी और उनके अभिभावक परेशान थे अौर अनुरोध पत्र भेजा है. इसके बाद ही एआइसीटीइ ने छात्र हित में यह निर्णय लिया है.

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Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar News Desk
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