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गोरखपुरः नगर निगम में सभी दुकानों को देना होगा लाइसेंस शुल्क, देखें लिस्ट

गोरखपुरः नगर निगम क्षेत्र में खुली दुकानों के लाइसेंस शुल्क जमा कराने के नियम की ज्यादातर दुकानदारों को भी जानकारी नहीं है. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि अभी नगर निगम में दुकानों की कोई सूची नहीं हैं. नगर निगम एवं दुकानों की सूची बनाएगी. इससे हमें दुकानों की पूरी जानकारी रहेगी.

गोरखपुरः यूपी के गोरखपुर में अब नगर निगम सभी दुकानों, होटलों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी क्लिनिक हॉस्पिटल सहित आदि को लाइसेंस शुल्क लेगा. नगर निगम अब इन सभी दुकानों का डाटा बैंक तैयार करने जा रहा है. महानगर में 54 तरह के व्यापार होते हैं. इन दुकानों पर लाइसेंस शुल्क लगाकर प्रमाण पत्र जारी होगा. इस प्रमाण पत्र को सभी दुकानों पर अनिवार्य रूप से लगाना होगा. ताकि यह पता चल सके कि दुकानदार शुल्क के दायरे में हैं.

अभी नगर निगम के पास दुकानों की कोई सूची नहीं है. कर निरीक्षक अपने हिसाब से लाइसेंस शुल्क का निर्धारण करते हैं. शुल्क सिर्फ वर्ष में एक बार जमा कराया जाता है. सभी दुकानों के लाइसेंस शुल्क के दायरे में आने से नगर निगम की आय में बड़ी वृद्धि होनी तय हैं. नगर निगम में जोन वार दुकानों की सूची बनाई जाएगी. एक सूची अलग बनेगी. इस सूची में दुकान वार ब्योरा होगा. उदाहरण के तौर पर अगर पैथोलॉजी है तो इसकी अलग सूची बनेगी.

नगर निगम क्षेत्र में खुली दुकानों के लाइसेंस शुल्क जमा कराने के नियम की ज्यादातर दुकानदारों को भी जानकारी नहीं है. एक दुकानदार से जब लाइसेंस शुल्क पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि निगम को तो हम लोग घरकर, जलकर व सीवरकर दिया जाता है. तो यह लाइसेंस शुल्क क्यों वसूला जाएगा. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि अभी नगर निगम में दुकानों की कोई सूची नहीं हैं. नगर निगम एवं दुकानों की सूची बनाएगी. इससे हमें दुकानों की पूरी जानकारी रहेगी.

नगर निगम में दो हजार दुकानें

नगर आयुक्त ने बताया कि दुकानों के लाइसेंस फीस आने से नगर निगम के आय में बढ़ोतरी होगी. यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराने के निर्देश दिए गए हैं. नगर निगम की दुकानों से लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा. नगर निगम में 2000 दुकानों को बनाया है. इन दुकानदारों से नगर निगम किराया लेकर ऐसी स्थिति में इन से लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा सभी दुकानदारों से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा. घरों में संचालित दुकानों का भी ब्योरा तैयार होगा. इन दुकानों का भी लाइसेंस शुल्क जमा होगा.

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नगर निगम सबसे ज्यादा लाइसेंस शुल्क शराब की दुकानों से जमा कराता है. अंग्रेजी शराब की दुकान का लाइसेंस शुल्क ₹10000 सालाना और देसी शराब की दुकान का लाइसेंस शुल्क ₹8000 सालाना है.

लाइसेंस शुल्क का विवरण

  • नाई 500

  • बेकरी 1000

  • पैथोलॉजी 1000

  • जनरल स्टोर 1500

  • माल की दुकाने 1500

  • माल 2000

  • क्लीनिक 2000

  • हॉस्पिटल 5000

  • इंश्योरेंस कंपनी 6,000

  • देसी शराब 8000

  • अंग्रेजी शराब 10000

रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर

Prabhat Khabar News Desk
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