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Asian Games: चोट के कारण पदक से चूकी मीराबाई चानू, तीन अक्टूबर को होगा इलाज

एशियाई खेलों में भारत के तरफ से गई भारोत्तोलक मीराबाई चानू 49 किग्रा स्पर्धा के दौरान बुरी रह से चोटिल हो गई. उन्होंने अपना पहला लिफ्ट सही तरीके से पूरा किया पर बाकी की लिफ्ट में वो नहीं सकी और खुद को चोटिल कर बैठी. तीन अक्टूबर को उनका इलाज किया जाएगा.

हांगझोउ में चल रहे एशियाई खेलों में भारत के तरफ से गई भारोत्तोलक मीराबाई चानू 49 किग्रा स्पर्धा के दौरान बुरी रह से चोटिल हो गई. उन्होंने अपना पहला लिफ्ट सही तरीके से पूरा किया. जिसके बाद उन्होंने अपना दूसरा लिफ्ट उठाने में विफल हो गई और फिर अपनी तीसरी लिफ्ट के दौरान उनके पैरों में चोट लग गई. मीराबाई चानू जांघ की मांसपेशियों में चोट लगने के कारण पदक जीतने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाई. इस कारण से वह बहुत निराश है. ओलंपिक रजत पदक विजेता  मीराबाई चानू  ने कहा कि प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ‘वार्म अप’ करते समय उन्हें दर्द महसूस हुआ जिसके बाद उनके कोच ने प्रतियोगिता से हटने की सलाह दी. उन्होंने कोच की सलाह को नजरअंदाज कर अभ्यास जारी रखा क्योंकि वह देश के लिए पदक जीतना चाहती थीं.

कोच के मना करने के बाद भी मैंने स्पर्धा में भाग लिया

मीराबाई चानू ने स्पर्धा के बाद कहा, जब मैं स्नैच चरण से पहले वार्म अप कर रही थी तो मुझे अपनी जांघ पर दर्द महसूस हुआ. दर्द कम करने के लिए मैंने बर्फ और स्प्रे का इस्तेमाल किया था. मुझे अभी भी काफी दर्द हो रहा है. चानू ने कुल 191 किग्रा (83 किग्रा +108 किग्रा) का वजन उठाया जिससे वह चौथे स्थान पर रहीं. उन्होंने कहा, मुझे यह दर्द जांघ की मांसपेशियों और दाहिनी ओर की हड्डियों में हो रहा है. मैच के पहले मेरे कोच ने मुझे स्पर्धा में भाग लेने से माना किया था पर मैंने भाग लिया.

एशियाई खेलों में पदक जीतना मेरा सपना:मीराबाई चानू

मीराबाई चानू ने कहा,  मैंने कड़ी ट्रेनिंग की थी लेकिन इस दर्द के कारण पदक नहीं जीत सकीं. मैंने देश के लिए पदक जीतने की पूरी कोशिश की लेकिन यह नहीं हो सका. मुझे बुरा लग रहा है. उन्होंने कहा, मैं 2018 एशियाई खेलों में भाग नहीं ले सकी थी. एशियाई खेलों में पदक जीतना मेरा सपना था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. अब मेरा लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है. स्नैच वार्म अप के दौरान दर्द शुरू हो गया था. कोच विजय शर्मा ने मुझसे पूछा कि क्या मैं प्रतियोगिता से हट सकती हूं क्योंकि इससे गंभीर चोट लग सकती है. लेकिन मैंने पदक की आस में खेलना जारी रखा. चानू ने कहा,  दर्द के बाद भी मैं कम से कम कांस्य पदक जीतने के लिए क्लीन एवं जर्क में 117 किग्रा का भार उठाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं रहीं.

Vaibhaw Vikram
Vaibhaw Vikram
वैभव विक्रम डिजिटल पत्रकार हैं. खेल, लाइफस्टाइल, एजुकेशन, धर्म में रुचि है और इसी विषय पर अपने विचार प्रकट करना पसंद है. क्रिकेट से बहुत लगाव है. वर्तमान में प्रभात खबर के खेल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत हैं.

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