28.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Astrology: क्या आपको पता है केला और नारियल पूजा-पाठ में क्यों रखता है खास स्थान, जानों ज्योतिषीय महत्व

Astrology: केले के फल को नैवेद्यम या भोग के रूप में देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है. भगवान गणेश को केले के पत्ते बहुत पसंद हैं और गणपति पूजा के दौरान पत्ते चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं.

Astrology: भगवान को केवल नारियल और केला ही क्यों चढ़ाया जाता है, क्योंकि ये सर्वसुलभ और प्राकृतिक रूप से शुद्ध, स्वच्छ और हर कोई चढ़ा सके ऐसे फल होते हैं. नारियल और केला ये दो ही ऐसे फल है, जो किसी के जूठे बीज से उत्पन्न नहीं होते. धार्मिक शास्त्र में बताया गया है कि अगर हमे आम का पेड़ लगाना है तो हम आम को खाते है और उसके बीज या गुठली को जमीन में बोते है, तो वह पौधे के रूप में उगता है, या फिर ऐसे ही गुठली निकाल के लगा दे तो भी वह उस पेड़ का बीज उसका जूठा अंग ही हुआ, लेकिन केले का या नारियल का पेड़ लगाने को केवल जमीन से निकला हुआ पौधा (ओधी) ही लगाते है, जो की खुद में ही पूर्ण है, इसलिए भगवान को सम्पूर्ण फल अर्पित किया जाता है.

केले के फल को नैवेद्यम या भोग के रूप में देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है. पेड़ का तना सौभाग्य और समृद्धि को दर्शाता है और इसलिए इसका उपयोग हिंदू संस्कृति में धार्मिक त्योहारों या समारोहों के दौरान सजावट के लिए किया जाता है. भगवान गणेश को केले के पत्ते बहुत पसंद हैं और गणपति पूजा के दौरान पत्ते चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं.

पूजा में नारियल क्यों रखा जाता है?

नारियल में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. नारियल पर बने छेद की तुलना तो शिवजी के नेत्र से की जाती है और लगभग सभी पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल होता है. नारियल को लेकर अन्य मान्यता यह भी है कि मानव के रूप में नारियल को विश्वामित्र द्वारा तैयार किया गया था.

नारियल पवित्र क्यों है?

धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव की तीन आंखों का प्रतिनिधित्व नारियल द्वारा किया जाता है. नारियल में त्रिदेव यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है. नारियल पर दिखाई देने वाली तीन आंख भगवान शिव के त्रिनेत्र का रूप मानी जाती हैं. नारियल एक नेक और गौरवान्वित हृदय का भी प्रतीक है, जिसके बाहर की तरफ सख्त खोल और अंदर की तरफ मीठा, नाजुक फल होता है.

Also Read: Astrology Tips: घर में किस धातु के बर्तन का करना चाहिए प्रयोग, जानें ज्योतिषीय फायदे और नुकसान
शिव जी को नारियल चढ़ाने से क्या होता है?

नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिनका संबंध भगवान व‌िष्‍णु से है और इसल‌िए श‌िव जी को यह नहीं चढ़ाया जाता है. माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इसका प्रयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं होता है.

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे

ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न [email protected] या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel