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श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज छठा दिन, विविध औषधीयुक्त पवित्र जल से रामलला करेंगे दिव्य स्नान

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक दिन शेष है. अयोध्या पूरी तरह से रामभक्ति में डूब गयी है. हर ओर ‘सीता राम’ और ‘जय हनुमान’ के जयकारे गूंज रहे हैं. आज 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त पवित्र जल से रामलला को स्नान कराया जायेगा.

अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के आज छठा दिन है. आज 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त पवित्र जल से रामलला को स्नान कराया जायेगा. इसके बाद महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास, अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण, सायं पूजन व आरती होगी. अनुष्ठान के पांचवें दिन शनिवार को 81 कलशों के औषधीय जल से प्रभु का ‘सर्पण संस्कार’ संपन्न हुआ. इसके पहले गर्भगृह को सरयू नदी के पानी से धोया गया. वास्तु शांति के बाद राम मंदिर गर्भगृह में रामलला की मूर्ति को सिंहासन पर स्थापित कर दिया गया. प्रभु को स्थापित करने के लिए स्वर्ण मंडित आधार तैयार किया गया है. इसके उपरांत प्रभु का ‘शर्कराधिवास’ और ‘फलाधिवास’ संस्कार संपन्न हुआ. 81 कलशों के औषधीय जल से ‘सर्पण संस्कार’ हुआ. सायंकाल आरती के साथ पांचवें दिन का अनुष्ठान पूर्ण हुआ.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक दिन शेष

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक दिन शेष है, लेकिन अयोध्या पूरी तरह से रामभक्ति में डूब गयी है. हर ओर ‘सीता राम’ और ‘जय हनुमान’ के जयकारे गूंज रहे हैं. ‘जय श्रीराम’ लिखे वस्त्र धारण किये रामभक्त सरयू घाट से लेकर हनुमानगढ़ी और जन्मभूमि मंदिर तक दिखाई दे रहे हैं. वहीं, दिव्य श्रीराम मंदिर को फूलों और विशेष रोशनी से सजाया गया है. इन फूलों की सुगंध और सुंदरता ने श्रीराम मंदिर की दिव्यता को और बढ़ा दिया है. इधर, प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए श्रीराममंदिर के दरवाजे खुल जायेंगे. अयोध्या धाम आने वाले श्रद्धालु प्रभु रामलला के दर्शन के साथ ही अयोध्या की संस्कृति और सूर्यवंश के वैभव से रूबरू हो सकेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए भव्य संग्रहालय का खाका तैयार किया है. श्रद्धालुओं के लिए कनक भवन, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल और सरयू के बाद आकर्षण के नये केंद्र के रूप में संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा.


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राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई मूर्ति

अयोध्या में सोमवार को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ और मंदिर के भव्य उद्घाटन से पहले उत्साह और प्रत्याशा स्पष्ट थी, शुक्रवार को प्रसिद्ध मैसूरु मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई. श्री राम लल्ला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था. घूंघट से ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट कर बताया कि ‘रविवार को स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन, हवन, पारायण, आदि कार्य, प्रातः मध्वाधिवास, मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नपन, महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासाद‌ परिक्रमा, शय्याधिवास, तत्लन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक-पौष्टिक – अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण, सायं पूजन एवं आरती होगी.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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