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गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या से पहले धनबाद जेल में बजी थी पगली घंटी, जानें मर्डर से पहले क्या हुआ था?

गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या से पहले कुछ हुआ था, जिसके बाद जेल प्रशासन की ओर से पगली घंटी बजायी गयी. सोमवार को गैंगस्टर अमन सिंह का सीटी स्कैन होना था. इसकी सूचना शनिवार को जेल प्रशासन द्वारा एसएनएमएमसीएच प्रबंधन को दी गयी थी.

Dhanbad Crime News: गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या से पहले रविवार की दोपहर जेल में बंदियों के अलग-अलग गुटों में झड़प होने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार बंदियों के बीच हुई झड़प के बाद जेल प्रशासन की ओर से पगली घंटी बजायी गयी. पगली घंटी की आवाज सुन सुरक्षा में तैनात जवान बंदियों को रोकने के लिए आगे बढ़ रहे थे. सूत्रों के अनुसार इसी बीच किसी ने अमन सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी. जब तक जेल की सुरक्षा में तैनात जवान वहां पहुंचते, तक अमन सिंह का शव जेल के अंदर जमीन पर खून से लथपथ पड़ा हुआ था.

एसएनएमएमसीएच में आज होना था अमन का सीटी स्कैन

न्यायालय के आदेश पर सोमवार को गैंगस्टर अमन सिंह का सीटी स्कैन होना था. इसकी सूचना शनिवार को जेल प्रशासन द्वारा एसएनएमएमसीएच प्रबंधन को दी गयी थी. सोमवार को उसे कड़ी सुरक्षा के बीच एसएनएमएमसीएच लाया जाना था. बता दें कि न्यायालय में स्वास्थ्य खराब का हवाला देकर अमन सिंह ने चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग की थी. न्यायालय के आदेश पर 29 नवंबर को मेडिकल बोर्ड गठित कर एसएनएमएमसीएच के चार सदस्यीय चिकित्सकों के दल ने जेल जाकर उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया था. चिकित्सकों की सलाह पर सोमवार को अमन सिंह का सीटी स्कैन होना था.

जेल के अंदर हथियार पहुंचने से सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

जेल में बंद संगठित अपराधियों के खिलाफ नकेल कसने के लिए वर्तमान में जेल की सुरक्षा-व्यवस्था काफी कडी गयी है. किसी भी बंदी से मिलने के लिए मुलाकाती अंदर लेकर कुछ जा नहीं सकता है. जेल गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी मुलाकाती को पूरी तरह से चेक करने के बाद ही अंदर जाने देते हैं. लेकिन अमन सिंह की हत्या के लिए जेल में पिस्टल ले जाने की घटना से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. मामले में यह सवाल उठने लगा है कि क्या जेल के किसी कर्मी ने हथियार पहुंचाने में अपराधियों की मदद की या फिर अपराधी सुरक्षाकर्मियों से बचकर किसी तरह खुद ही अंदर हथियार लेकर चले गये. एक दशक से पहले भी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद बंदी बलराम उर्फ डेविड के पास से पिस्टल बरामद हुई थी. तब यह बात सामने आयी थी कि उसके पास किसी की हत्या के लिए बाहर से हथियार भिजवाया गया था. वहीं दूसरी ओर पांच जून 2011 को होटवार जेल में बंद तीन बंदी मनोज सिंह, मनोज कुमार और बच्चा यादव की मौत जहरीली कोल्ड ड्रिंक्स पीने से हो गयी थी.

धनबाद जेल में तीन माह पूर्व भी बंदियों के बीच हुई थी झड़प, बजी थी पगली घंटी

नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद पूर्व विधायक संजीव सिंह के समर्थकों और गैंग्स ऑफ वासेपुर के अपराधियों के बीच लगभग तीन माह पूर्व धनबाद जेल में झड़प हुई थी. उस दौरान भी जेल में पगली घंटी बजी थी. इस झड़प में नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपियों ने गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था. इस घटना को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था.

Also Read: झारखंड: गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में हत्या, नीरज सिंह हत्याकांड में था बंद, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

Prabhat Khabar News Desk
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