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बंगाल में दावे के बावजूद मुफ्त में कोरोना वैक्सीन नहीं? सरकार के नए फैसले पर उठने लगे सवाल

Bengal Corona Update: देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश के कई राज्य सरकारें आम जनता को फ्री में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रही है. पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार में हर गांव के स्कूल में लोगों को वैक्सीन लगाया जा रहा है. दूसरी तरफ बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है. पश्चिम बंगाल के निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन को लेकर ममता बनर्जी सरकार ने मंगलवार को नई गाइडलाइंस जारी की. इससे संशय बढ़ता जा रहा है.

Bengal Corona Update: देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश की कई राज्य सरकारें आम जनता को फ्री में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रही है. पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार में हर गांव के स्कूल में लोगों को वैक्सीन लगाया जा रहा है. दूसरी तरफ बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है. पश्चिम बंगाल के निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन को लेकर ममता बनर्जी सरकार ने मंगलवार को नई गाइडलाइंस जारी की. इससे संशय बढ़ता जा रहा है.

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निजी अस्पतालों के लिए नई गाइडलाइंस

ममता बनर्जी सरकार की नई गाइडलाइंस से संभावना बढ़ गई है कि राज्य के सभी लोगों को फ्री में वैक्सीन मिलना संभव नहीं होगा. राज्य में सभी को समय पर वैक्सीन मिलने पर सवाल उठने लगे हैं. गाइडलाइंस में जिक्र है कि राज्य सरकार ने जिन निजी अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन दी है, उसके बचे हुए पुराने स्टॉक को 30 अप्रैल तक वापस लौटाना होगा. अगर एक मई से प्राइवेट अस्पताल वैक्सीनेशन जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से खरीदनी होगी. आम लोगों को नोटिस देकर वैक्सीन की कीमत की जानकारी भी देनी होगी.

कहने का मतलब है कि पहले लोग अस्पतालों में पहचान पत्र लेकर जाते थे और वैक्सीन की डोज लेकर लौट जाते थे. अब ऐसा नहीं होगा. कोविड-19 पोर्टल पर रजिस्टर्ड लोगों को ही कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी. सरकार के नए नियम से साफ हो गया है कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया स्लो हो जाएगी. इसको लेकर कई लोग राज्य सरकार पर सवाल भी उठा रहे हैं.

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बंगाल में स्लो वैक्सीनेशन का भी खतरा…

स्लो वैक्सीनेशन से कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा बढ़ने के अनुमान हैं. प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों को मोटी रकम भी चुकानी होगी. वैक्सीनेशन को कोरोना संक्रमण से बचाव का अचूक उपाय माना जा रहा है. लेकिन, ऑक्सीजन और लाइफ सेविंग्स ड्रग्स की तरह कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी काफी हद तक बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है. बंगाल में कोरोना संकट की बात करें तो पिछले चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना संक्रमण के 16 हजार मामले मिले हैं. 24 घंटे में लिए गए सैंपल में करीब आधे कोरोना संक्रमित हैं. कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 11,000 पार कर चुकी है. राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 95,000 से ज्यादा है. राज्य में मार्च महीने तक एक्टिव केस की संख्या सिर्फ 3,000 थी. अप्रैल के आखिरी सप्ताह में एक्टिव केस की संख्या 95,000 पहुंच गई.

Prabhat Khabar Digital Desk
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