23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Maa Brahmacharini Puja Vidhi: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन ऐसे करें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें मंत्र, स्तुति, स्त्रोत, प्रार्थना व आरती

Chaitra Navratri 2021, Maa Brahmacharini Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Stotra, Stuti, Prarthana: चैत्र नवरात्र 2021 में मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप के रूप में देवी ब्रह्मचारिणी को पूजा जायेगा. इन्हें चमेली का पुष्प बेहद पसंद है. इनकी कोई सवारी नहीं होती है. नंगे पैर ही मां का स्वरूप दर्शाया गया है. जिनके दाहिने हाथ में जपने वाली माला और बाएं हाथ में कमण्डल रहता है. भगवान शि को पति के रूप में पाने के लिए इनके द्वारा की गई कड़ी तपस्या के परिणामस्वरूप इनका नाम ब्रह्मचारिणी रखा गया. आइये जानते हैं इनकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र जाप, प्रार्थना, स्तुति, स्त्रोत व आरती....

Chaitra Navratri 2021, Ma Brahmacharini Puja Vidhi, Mantra, Aarti, Stotra, Stuti, Prarthana: चैत्र नवरात्र 2021 में मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप के रूप में देवी ब्रह्मचारिणी को पूजा जायेगा. इन्हें चमेली का पुष्प बेहद पसंद है. इनकी कोई सवारी नहीं होती है. नंगे पैर ही मां का स्वरूप दर्शाया गया है. जिनके दाहिने हाथ में जपने वाली माला और बाएं हाथ में कमण्डल रहता है. भगवान शि को पति के रूप में पाने के लिए इनके द्वारा की गई कड़ी तपस्या के परिणामस्वरूप इनका नाम ब्रह्मचारिणी रखा गया. आइये जानते हैं इनकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र जाप, प्रार्थना, स्तुति, स्त्रोत व आरती….

देवी ब्रह्मचारिणी मंत्र

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

(Om Devi Brahmacharinyai Namah)

देवी ब्रह्मचारिणी प्रार्थना

दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू.

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

देवी ब्रह्मचारिणी स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Brahmacharini Rupena Samsthita.

Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah)

देवी ब्रह्मचारिणी ध्यान

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्.

जपमाला कमण्डलु धरा ब्रह्मचारिणी शुभाम्॥

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्.

धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालङ्कार भूषिताम्॥

परम वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन.

पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

देवी ब्रह्मचारिणी स्त्रोत

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्.

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शङ्करप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी.

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

देवी ब्रह्मचारिणी कवच

त्रिपुरा में हृदयम् पातु ललाटे पातु शङ्करभामिनी.

अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥

पञ्चदशी कण्ठे पातु मध्यदेशे पातु महेश्वरी॥

षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो.

अङ्ग प्रत्यङ्ग सतत पातु ब्रह्मचारिणी.

देवी ब्रह्मचारिणी आरती

जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता. जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥

ब्रह्मा जी के मन भाती हो. ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥

ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा. जिसको जपे सरल संसारा॥

जय गायत्री वेद की माता. जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥

कमी कोई रहने ना पाए. उसकी विरति रहे ठिकाने॥

जो तेरी महिमा को जाने. रद्रक्षा की माला ले कर॥

जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर. आलस छोड़ करे गुणगाना॥

माँ तुम उसको सुख पहुँचाना. ब्रह्मचारिणी तेरो नाम॥

पूर्ण करो सब मेरे काम. भक्त तेरे चरणों का पुजारी॥

रखना लाज मेरी महतारी.

Posted By: Sumit Kumar Verma

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel