21.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Chaitra Navratri 2023 Day 4: यहां है माता कुष्मांडा का सबसे प्राचीन मंदिर, नवरात्रि में होती है पूजा

Chaitra Navratri 2023 Day 4, Kushmanda Mata Temple: देश के लगभग हर राज्य में चैत्र नवरात्र को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है. मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है. ऐसे में हम आपको मां कुष्मांडा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां पिछले 34 सालों से अखंड ज्योति जल रही है.

Chaitra Navratri 2023 Day 4, Kushmanda Mata Temple in India,Kushmanda Maa Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन कल मां कुष्मांडा देवी की पूजा होगी. देश के लगभग हर राज्य में चैत्र नवरात्र को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है. मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है. ऐसे में हम आपको मां कुष्मांडा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां पिछले 34 सालों से अखंड ज्योति जल रही है.

जानें कहां स्थित है मां कुष्मांडा का मंदिर

मां कुष्मांडा मंदिर उत्तर प्रदेश के सागर-कानपुर के बीच घाटमपुर में स्थित है है. ऐसा कहा जाता है कि साल 1988 से इस मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है. मां कुष्मांडा देवी के वर्तमान मंदिर का निर्माण 1890 में चंदीदीन भुर्जी ने कराया था. इस मंदिर में मां कुष्मांडा लेटी हुईं मुद्रा में हैं और उनसे पानी रिसता है. जिसे पवित्र माना जाता है और ऐसा भी कहा जाता है कि इससे कई तरह के रोग दूर होते हैं.

सिर्फ महिला पुजारी ही करती है मां की पूजा

कहा जाता है कि मंदिर में मां की पूजा सिर्फ महिला पुजारी ही करती हैं. इसकी वजह पूंछने पर उन्होंने बताया कि यहां मां की लेटी हुई मूर्ति है. जिस कारण सिर्फ महिलाओं को ही श्रृंगार की अनुमति होती है.

वाराणसी में भी स्थित है माता कुष्मांडा देवी का मंदिर

वाराणासी में नवरात्र के चौथे दिन माता कुष्मांडा देवी के दर्शन का विधान है. यह मंदिर वाराणसी के दक्षिण क्षेत्र में देवी दुर्गा कुष्मांडा रूप में विराजमान हैं. मंदिर से लगे कुंड को दुर्गा कुंड कहा जाता है. यह अत्यंत ही प्राचीन दुर्गा मंदिर है. यह मंदिर नागरी शैली में निर्मित है. मन्दिर का इतिहास काफी पुराना है. मन्दिर के बारे में मान्यता है कि यह मानव निर्मित नही अपितु स्वयं ही प्रकट हुवा था. नवरात्र में इस मन्दिर में हजारों श्रद्धालु बड़ी ही संख्या में आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्र में माता के दर्शन करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती हैं.

नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गाकुंड स्थित माता कुष्मांडा देवी के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ अहले सुबह से ही लगनी शुरू हो जाती हैं. यहां लाल फूल, चुनरी, नारियल लेकर भक्त माता के दर्शनों के लिए लंबी कतारों में शामिल होकर जयकारा लगाते हैं. मन्दिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण कई राजाओं द्वारा कराया गया है.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel