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कांग्रेस ने बीजद की चुप्पी पर उठाया सवाल, कहा- मंत्री को सुरक्षा देने में फेल रहे सीएम पटनायक

ओडिशा के दिवंगत मंत्री नब दास मर्डर केस पर कांग्रेस पार्टी बीजद पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि सीएम पटनायक को जनता को जवाब देना चाहिए.

भुवनेश्वर. ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वे अपने कैबिनेट मंत्रियों में से एक नव किशोर दास को बचाने में विफल रहे हैं. पत्रकारों से बात करते हुए ओपीसीसी प्रमुख ने कहा कि पूर्व में भी हत्या की घटनाएं हुई हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अपने ही कैबिनेट के मंत्री को बचाने में नाकाम रहे हैं.

ओडिशा के इतिहास में पहली बार घटी ऐसी घटना

ओडिशा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पुलिस अधिकारी ने किसी मंत्री की गोली मारकर हत्या कर दी हो. ओपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच से हम संतुष्ट नहीं हैं. सीवेज टैंक से बरामद पत्रों के बरकरार होने को लेकर अपराध शाखा द्वारा किये गये दावे पूरी तरह से कहानी की तरह लगते हैं. उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट तस्वीर उभरनी बाकी है. उन्होंने ओडिशा पुलिस डीजी पर भी उनके बयान को लेकर निशाना साधा और कहा कि भगवान जगन्नाथ पर सब कुछ छोड़ना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.

सीएम को देना चाहिए प्रदेश के लोगों को जवाब

ओपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि नव किशोर दास की नृशंस हत्या के इतने दिनों बाद भी गृह विभाग के मुखिया मुख्यमंत्री खामोश हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को ओडिशा के लोगों को जवाब देना चाहिए, क्योंकि आरोपी पुलिस अधिकारी गोपाल दास को मानसिक रूप से अस्थिर बताने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में हर किसी को शक है कि नव किशोर दास की हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश है और मुख्यमंत्री को निश्चित रूप से सच्चाई सामने लानी चाहिए और पूरी घटना पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.

सीबीआई जांच की मांग की

साथ ही सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने या सीबीआइ जांच का आदेश देने की मांग भी की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्र भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पुलिस विभाग पर जमकर बरसे. उन्होंने हत्याकांड की जांच एसआइटी से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमें ओडिशा पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसके कुछ कारण हैं. ओडिशा पुलिस में कई प्रतिभाशाली अधिकारी हैं, लेकिन सरकार उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति नहीं दे रही है. इसलिए नव किशोर दास हत्याकांड की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश या सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देखरेख में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) होना चाहिए.

पुलिस डीजी पर भी उठाए सवाल

ऐसा नहीं लगता कि ओडिशा में कोई पुलिस डीजी है. अगर डीजीपी ने कहा कि सब कुछ भगवान जगन्नाथ पर निर्भर है, तो पुलिस विभाग की कोई जरूरत नहीं है. इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं, क्योंकि उनके पास गृह विभाग का पोर्टफोलियो है. नैतिक आधार पर उसे विभाग छोड़ देना चाहिए और उसके स्थान पर किसी को नियुक्त कर देना चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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