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धनबाद : संजीव सिंह ने कोर्ट से मांगी इच्छा मृत्यु, कहा-तड़पकर मरने से अच्छा गरिमा के साथ मरें, अंगदान की अपील

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने अदालत से इच्छा मृत्यु मांगी है. संजीव सिंह की ओर से अदालत में दिए गए याचिका की पुष्टि उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने की है. इससे पहले उन्होंने रांची रिम्स जाने से इनकार कर दिया.

Dhanbad News: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने कोर्ट में पीटीशन दायर कर इच्छा मृत्यु मांगी है. अदालत में दायर याचिका में संजीव सिंह ने लिखा कि इलाज के लिए नहीं भेज सकते तो मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दें. संजीव सिंह की ओर से मंगलवार को उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में आवेदन दायर किया, जिसमें कोर्ट से इच्छा मृत्यु मांगी गयी है. अदालत ने इस पर आदेश सुरक्षित रख लिया है.

अधिवक्ता ने अदालत को क्या बताया

अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने अदालत को बताया कि विचाराधीन बंदी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता है. संजीव का कहना है कि गरिमा के साथ मरने का उनका मौलिक अधिकार है. उन्होंने वर्ष 2018 के सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीश की खंडपीठ द्वारा पारित निर्णय कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि गरिमा के साथ जीवित रहना और गरिमा के साथ मरना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मनुष्य का मौलिक अधिकार है.

‘तड़प कर मरने से अच्छा है कि गरिमा के साथ मरें’

मोहम्मद जावेद ने कहा है कि संजीव सिंह इलाज के अभाव में एसएनएमएमसीएच में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मानवता मर गयी है. कोर्ट में राज्य सरकार इनके इलाज का विरोध कर रही है. सरकारी अस्पताल में बेड पर इलाज के अभाव में तड़प कर मरने से अच्छा है कि गरिमा के साथ मरें.

मरने के बाद अंग दान करने की अपील

अधिवक्ता जावेद ने यह भी कहा कि संजीव सिंह के मरने के बाद उनका एक-एक अंग जरूरतमंद लोगों को दान देंगे. दिनों-दिन संजीव का स्वास्थ्य गिर रहा है. वह 14 दिनों से बिना अन्न-जल के हैं. वह एक दर्जन रोगों से ग्रसित हैं. एसएनएमएमसीएच में यूएसजी और एमआरआई की कोई व्यवस्था नहीं है. संजीव सिंह बार-बार अदालत से अपने निजी खर्च पर प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की अपील कर रहे हैं, फिर भी सरकार उनका इलाज रिम्स रांची में कराने पर क्यों अडिग है. उनके अधिवक्ता ने बताया कि संजीव सिंह इतना कमजोर हो गये हैं कि वह धनबाद से रांची की दूरी नहीं तय कर पायेंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, झारिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अप्रैल 2017 से धनबाद जेल में बंद हैं. 11 जुलाई 2023 को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें धनबाद मंडल कारा से एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था. एसएनएमएमसीएच के सीसीयू में भर्ती संजीव सिंह की हालत स्थिर बनी हुई थी. अदालत ने उनके इलाज के लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद उन्हें रिम्स भेजने की सलाह दी है. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आलोक में कोर्ट ने उन्हें रिम्स भेजने का निर्देश दिया है. धनबाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस संजीव को लेने अस्पताल पहुंची, परंतु संजीव ने रांची रिम्स जाने से इनकार कर दिया.

संजीव सिंह को रिम्स नहीं भेजना चाहती हैं पत्नी

संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह और उनके समर्थक नहीं चाहते कि उन्हें रिम्स लाया जाए. वे लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह पहले भी कह चुकी हैं कि उनके पति का उपचार धनबाद के किसी बड़े निजी अस्पताल में कराया जाये. सारा खर्च उनका परिवार वहन करेगा. उन्होंने आशंका जतायी कि रिम्स में उनके पति का सही इलाज नहीं होगा. सरकार के दबाव में उनके पति का समुचित इलाज नहीं हो रहा है. रिम्स में उन्हें गलत और हानिकारक दवा देकर क्षति भी पहुंचा सकते हैं. कांड के सूचक पक्ष सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लोग हैं. उनका समस्त परिवार विपक्षी दल भाजपा से जुड़ा है.

हाई कोर्ट ने भी मेडिकल ग्राउंड पर राहत देने से किया इंकार

पिछले दिनों हाई कोर्ट ने भी उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर राहत देने से इनकार कर दिया था. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद संजीव सिंह की याचिका खारिज कर दी थी. अस्पताल में दाखिला कराते वक्त बताया गया था कि संजीव जेल में कुर्सी से गिर कर घायल हो गये हैं. दरअसल, 1 जुलाई से पूर्व मेडिकल बोर्ड ने जांच में संजीव सिंह की स्थिति सामान्य पायी थी. रिपोर्ट में उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं होने की बात बतायी गयी थी. वहीं, जेल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि प्रार्थी संजीव सिंह को मेडिकली फिट हैं. जिसके बाद अदालत ने जेल प्रशासन की रिपोर्ट को देखते हुए संजाीव सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया.

क्यों जेल में बंद हैं संजीव सिंह, क्या है आरोप?

मालूम हो कि झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह पर धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड का आरोप है. नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में संजीव सिंह अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं. हालांकि, इन दिनों संजीव एसएनएमएमसीएच धनबाद में इलाजरत हैं. वहां वो अभी सीसीयू में भर्ती हैं. उन्होंने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर बेल देने का आग्रह किया था.

Also Read: धनबाद : संजीव सिंह को लाया जा सकता है रिम्स, पत्नी रागिनी सिंह कर रहीं विरोध

Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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