21.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

धनबाद के ओडीएफ गांव रखितपुर का सच, किसी के यहां नींव खोद कर छोड़ा तो कहीं केवल खड़ी है दीवार

ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांवों की स्थिति फिर से पहले वाली हो गयी है. कई जगह तो कागजों पर ही कई चीजें हो गयीं और हालात जस के तस रह गये. धनबाद के भी कई इलाके ओडीएफ घोषित हो चुके हैं, पर उनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं.

संजीव झा, धनबाद

Dhanbad News: ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांवों की स्थिति फिर से पहले वाली हो गयी है. कई जगह तो कागजों पर ही कई चीजें हो गयीं और हालात जस के तस रह गये. धनबाद के भी कई इलाके ओडीएफ घोषित हो चुके हैं, पर उनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं. वर्तमान में क्या है हालात यह जानने की कोशिश की जब इस संवाददाता ने तो कई ऐसे तथ्य सामने आये जिन्होंने पोल खोल दी. आज पड़ताल के इस क्रम में जाने वर्ष 2018 में ओडीएफ घोषित बलियापुर प्रखंड के रखितपुर गांव का सच.

चार साल में ही व्यवस्था फेल खुले में जाने की मजबूरी

दो अक्तूबर 2018 को बलियापुर प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने स्थित रखितपुर गांव को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित किया गया था. यहां पर खुले में शौच मुक्त गांव में आपका स्वागत है का बोर्ड भी लगा. यह गांव बलियापुर प्रखंड के भिखराजपुर पंचायत में पड़ता है, लेकिन अब यहां बोर्ड नहीं है. लोगों ने उसे तोड़ कर फेंक दिया है. गांव में एक सौ से अधिक घर हैं. ग्रामीणों के अनुसार अब भी 30 घर ऐसा है जहां शौचालय की सुविधा नहीं है, जबकि सभी ग्रामीणों का नाम शौचालय के लाभुकों की सूची में है. शनिवार को प्रभात खबर की टीम जब गांव पहुंची, तो देखा कि कई लोगों के घरों में शौचालय नहीं है. दो के यहां तो सिर्फ नींव खोद कर छोड़ दिया गया है, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के यहां आधा-अधूरा काम हुआ है. लाभुकों का आरोप है कि यह काम भी उन लोगों ने अपने पैसे से करवाये हैं.

1,82,202 शौचालय बनाने का था लक्ष्य

खुले में शौच मुक्त योजना शुरू होने के बाद धनबाद जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1,82,202 शौचालय बनाने का लक्ष्य लिया गया था. यह कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दोनों प्रमंडलों की देख-रेख में शुरू हुआ. ओडीएफ घोषित करने की होड़ मच गयी. आनन-फानन में पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. अभी दूसरे चरण में यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 906 योजनाओं का चयन किया गया है, जबकि 17 सौ आवेदन अब भी लंबित हैं.

कहते हैं अधिकारी

शौचालय योजना के तहत लाभुकों को सही तरीका से लाभ नहीं देने के मामले की जांच होगी. यह गंभीर मामला है. राशि की निकासी हुई की नहीं, हुई तो किसके खाते में गयी. जांच के बाद दोषियों पर विभागीय कार्रवाई होगी.

शशि प्रकाश सिंह, उप विकास आयुक्त

यह गांव ओडीएफ तो घोषित हो गया, लेकिन अब तक मेरा नाम भी नहीं चढ़ा है. मुखिया व प्रखंड कार्यालय से कहा जाता है कि जल्द ही शौचालय आवंटित हो जायेगा. दौड़-दौड़ कर थक गये हैं.

मोहसिम अंसारी, ग्रामीण

अब तक इस योजना के तहत एक भी पैसा नहीं मिला है. बोला गया था कि योजना के तहत चयन हो गया है. काम शुरू करायें. अपने पैसे से ईंट की दीवार तो खड़ी कर दी, लेकिन आगे का काम पूर्ण नहीं करा पाये.

सलमा बीबी, ग्रामीण

राशि के अभाव में शौचालय का पूरा काम नहीं करा पाये. दीवार बनवा लिया, पैन भी लगवा लिये. लेकिन दरवाजा नहीं लगवा पाये. कुछ अन्य काम भी नहीं करवा पा रहे हैं. कई बार इसकी शिकायत की गयी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

रफीक अंसारी, ग्रामीण

नींव की खुदाई भी चार वर्ष पहले ही की गयी. उसके बाद काम नहीं हुआ. खुद से शौचालय बनाने में अक्षम हूं. अधिकारियों व मुखिया को कई बार कहा गया. शारीरिक रूप से भी दौड़-भाग करने में सक्षम नहीं हैं. बहुत परेशानी होती है.

मजीद अंसारी, ग्रामीण

Rahul Kumar
Rahul Kumar
Senior Journalist having more than 11 years of experience in print and digital journalism.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel