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धनबाद : गोविंदपुर के आसनबनी में आयोजित तब्लीगी इज्तिमा का आज होगा समापन

गोविंदपुर प्रखंड की आसनबनी गांव में तब्लीगी जमात निजामुद्दीन दिल्ली द्वारा आयोजित तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा के दूसरे दिन रविवार को लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा.

दिलिप दीपक, गोविंदपुर : गोविंदपुर प्रखंड की आसनबनी गांव में तब्लीगी जमात निजामुद्दीन दिल्ली द्वारा आयोजित तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा के दूसरे दिन रविवार को लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. आयोजकों ने दावा किया कि आज करीब 5 लाख लोगों ने इसमें शिरकत की और बिहार झारखंड के कोने-कोने से लोगों के आने का सिलसिला अभी जारी है जो तीन दिन वक्त नहीं दे पाए हैं वह सोमवार समापन के मौके पर आयोजित दुआएं खास में शामिल होंगें . अंदाज लगाया जा रहा है कि सोमवार को दुआ के वक्त करीब 10 लाख लोगों की भीड़ होगी. लोगों का मानना है कि सामुहिक दुआएं खास में मांगी गई दुआ अल्लाह क़ुबूल करते हैं. इस कारण तीन दिवस इस आयोजन में सोमवार को समापन के मौके पर सर्वाधिक भीड़ होगी. रविवार को भीड़ ऐसी जमी कि जीटी रोड गोविंदपुर स्थित रंगडीह मोड़ से लेकर आसनबनी गांव तक और उधर तिलाबनी गांव होते हुए टुंडी रोड तक मेला सा दृश्य लगा रहा . आसनबनी गांव के कई बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इस तरह की भीड़ कभी नहीं देखी थी. दिन भर नमाज, इबादत व तकरीर होती रही. बिहार और झारखंड से आए हुए जमात के लोगों के बीच उलेमा ने वक्तव्य दिए.

मुख्य वक्ता तबलीग जमात मुख्यालय निजामुद्दीन मरकज दिल्ली के जिम्मेदार मौलाना मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि अच्छी बातों का हुक्म करना और गलत कार्यों को रोकना अल्लाह का संदेश है. हम इबादत करें, खैर-बरकत की दुआ करें, गुनाहों की माफी मांगें और दीनी बातें करें. हम अपनी जिंदगी को बदलने की मेहनत करें.समाज में लोगों से अच्छा व्यवहार, लोगों की इज्जत करना, बड़ों को सम्मान देना, पांच वक्त की नमाज अदा करना, जुआ से दूर रहना, शराबखोरी से दूर रहना अपना कर्तव्य है. समाज से भटके हुए लोगों को मुख्य धारा में जोड़ना और उन्हें गलत कार्यों से रोकना हमारा मकसद है. उन्होंने कहा कि तबलीगी इज्तिमा लोगों के बीच यह संदेश देता है कि आपस में भाईचारा के साथ रहे. ऐसा कोई कार्य न करें जिससे किसी को तकलीफ हो किसी का दिल दुखे ,तकलीफ़ हो. यदि हम किसी का दिल दुखाने वाला कार्य करेंगे तो खुदा हमें बरकत नहीं देंगें.ऐसा काम करें जिससे अपना भी भला हो और दूसरों की भी भलाई हो.जमात के लोग देश के विभिन्न भागों में घूम घूम कर लोगों को उनके दायित्व का बोध कराते हैं. परिवार में किस तरह जिंदगी जीनी चाहिए. बड़ों छोटो का किस तरह सम्मान होना चाहिए. मर्द अपना फर्ज कैसे अदा करें.औरतें अपना दायित्व का निर्वाह कैसे करें . बच्चे अपने माता-पिता की इज्जत किस तरह करें .अपने देश के कानून का पालन करते हुए जिंदगी जिए .कोई भी गैरकानूनी कार्य किसी भी हालत में न करें. उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति में सुधार हो जाएगा तो पूरा परिवार सुधरेगा. पूरा परिवार में सुधार होगा तो समाज सुधरेगा और समाज में सुधार होगा तो पूरे देश में सुधार आएगा. सभी अपने मुल्क के अमन चैन की दुआ करें. युसूफ साहब के वक्तव्य को लोगों ने बड़े गौर से सुना. इस दौरान लाखों की भीड़ के बावजूद पूरी शांति बनी रही .लोगों ने उनके वक्तव्य को काफी गंभीरता से लिया. इसके पूर्व नमाज-ए-फजर के बाद तकरीर करते हुए निजामुद्दीन मरकज से पधारे मौलाना इलियास साहब ने कहा कि तबलीगी जमात की कोशिश है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद एवं कुरान के संदेश पर अमल करें तथा अपने धार्मिक दायित्व को पूरा करें. मौलाना इलियास साहब ने कहा कि लोगों के अंदर से बुराई खत्म हो जाए और अच्छाई जिंदगी के अंदर आ जाए. हमारी जिंदगी के अंदर में हुजूर सल्लल्लाह वाला सुन्नत तरीका आ जाए. हमारा वक्त मस्जिद वाले आलाम में ज्यादा से ज्यादा लगे. हमारा अखलाक बुलंद हो जाए. तब्लीगी इज्तिमा में निजामुद्दीन दिल्ली मरकज के हजरत मौलाना अब्दुल सत्तार साहब, नवादा मरकज के मौलाना फरहान साहब, पटना मरकज के जिम्मेदार मौलाना कमरे नसीम आदि ने मकरीर पेश किये. दूसरे दिन भी बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों से जमात के लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा. एक हजार से भी अधिक बसें आ चुकी हैं. मारुति, कार, सुमो आदि इस गिनती से बाहर है. आसनबनी मैदान भर जाने के बाद तिलाबनी मैदान में भी स्टैंड बनाना पड़ा. झारखंड के दूरदराज के क्षेत्रों तथा बिहार से आए हुए जमात के लोग समय निकालकर जमकर खरीदारी कर रहे हैं. अच्छी दुकानदारी से दुकानदार काफी खुश हैं. हालांकि लोगों ने खाने की अपनी व्यवस्था कर रखी है, फिर भी होटलों में भी भीड़ लगी रही. स्थानीय मुस्लिम महिलाएं तब्लीगी इज्तिमा की सफलता के लिए जहां रोजा रख रही हैं, वहीं घर से जमात के लोगों के लिए रोटी-सब्जी बनाकर भी भेज रही हैं. स्थानीय लोग भी कार्यक्रम की सफलता में अच्छा सहयोग कर रहे हैं। जिसमें आसनबनी के मुखिया गयासुद्दीन अंसारी, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष अख्तर हुसैन अंसारी, जिप सदस्य सोहराब अंसारी, पूर्व मुखिया गुल्लू अंसारी व मोबिन अंसारी, एजाज अहमद, माथुर अंसारी, जंगलपुर के मुखिया पति मोकिम अंसारी, सदर गुलाम मुस्तफा, अब्दुल कयूम काजी, शौकत अली, अजहर हुसैन, जहीर अंसारी, गब्बर अंसारी सहित दर्जनों लोग शामिल है. स्वागत कक्ष की कमान रांची जमात के अरमान खान, हाजी माशूक एवं मोहम्मद मुश्ताक संभाल रहे हैं.

तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज निजामुद्दीन दिल्ली से आए कई जिम्मेदार लोगों ने बताया कि तब्लीगी इज्तिमा को लेकर कहा कि कुछ लोगों में भ्रांतियां है कि यह धर्मांतरण का कार्यक्रम है. देश के विभिन्न भागों में जब इस तरह के आयोजन होते हैं तो लोग तरह-तरह की बातें करते हैं . अफवाह उड़ाते हैं परंतु तबलीगी जमात कभी धर्मांतरण नहीं कराता . इस जमात के लोग किसी भी तरह के अनैतिक और गलत कार्यों को प्रश्रय नहीं देते. तबलीगी जमात अपने लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ता है. अपने लोगों में कुछ बुराइयां आती है तो उसे सुधारता है . उन्होंने कहा कि इस जमात के लोगों का लव जिहाद जैसे शब्दों से कोई मतलब भी नहीं है और न दूसरे धर्म की लड़कियों से विवाह का प्रश्रय देता है. यह विशुद्ध रूप से गैर राजनीतिक संगठन है, जो मुस्लिम समाज को इस्लाम धर्म के अनुरूप चलने की सीख देता है . तब्लीगी इज्तिमा मे बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं .इसमें इंसान को इंसानियत जिंदगी जीने की सीख दी जाती है. इसमें भटके हुए युवाओं एवं लोगों को सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाता है. यह धर्मांतरण बिल्कुल नहीं कराता है.देश के कानून को मानते हुए धर्म की राह पर चलने का नाम ही तब्लीगी जमात है. इसकी स्थापना 1926 में निजामुद्दीन बंगले वाली मस्जिद में मौलाना इलियास रहमतुल्लाह ने की थी. 2026 में यह अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा. उन्होंने बताया कि तब्लीगी इज्तिमा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर आयोजित किया जाता है. आसनबनी में आयोजित यह इज्तिमा प्रदेश स्तरीय है. 62 जिलों के लोग भाग ले रहे हैं . यहां एक लाख लोगों की व्यवस्था की गई थी, परंतु देखने सुनने बड़ी संख्या में लोग आ जाते हैं. इस कारण यहां क्षमता से अधिक लोगों का जुटान हुआ है. उन्होंने कहा कि तबलीकी इज्तिमा एक पारदर्शी एवं खुला कार्यक्रम है. इसमें किसी भी मजहब के लोग आकर भाग ले सकते हैं . उलेमा की बातें सुन सकते हैं . किसी को रोक नहीं है और न किसी तरह की गोपनीय बातें ही होती है. जो बातें होती है, खुले में होती है . उन्होंने कहा कि 2018-19 में बुलंदशहर में आयोजित इज्तिमा राष्ट्रीय स्तर का था. जिसमें दो करोड़ की भीड़ जुटी थी.उन्होंने कहा कि गैर राजनीतिक संगठन होने और समाज सुधार का काम करने का ही परिणाम है कि लगभग 100 वर्षों के इतिहास में इस संगठन पर कभी प्रतिबंध नहीं लगा. अन्य मुस्लिम संगठनों पर समय-समय पर प्रतिबंध लगे परंतु यह संगठन खुले रूप से काम करता रहा समाज में सुधार लाता रहा.उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना के दौर में कतिपय लोगों ने इस संगठन की आलोचना की थी, परंतु इसमें संगठन का कोई दोष नहीं था. तबलीगी जमात में यदि विदेश से लोग आए थे तो सरकार का दायित्व था कि दिल्ली हवाई अड्डा पर ही सभी की जांच कराती और जो कोरोना से ग्रस्त थे, उन्हें वापस उनके देश हवाई अड्डा से ही भेज देती .

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Vikash Kumar Upadhyay
Vikash Kumar Upadhyay
Journalist at Prabhat Khabar Digital, Gold Medalist alumnus MGCU, Former intern Tak App, Biz Tak and DB Digital. Ex reporter INS24 News. Former media personnel District Information and Public Relation Department, Motihari. Former project partner and planner Guardians of Champaran. Very keen to work with the best faculties and in challenging circumstances. I have really a big dream to achieve and eager to learn something new & creative. More than 3 years of experience in Desk and Reporting.

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