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जन्मदिन विशेष: आइसबर्ग थ्योरी के जनक अर्नेस्ट हेमिंग्वे की ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ आज भी पाठकों में है लोकप्रिय

अमेरिका के इलिनॉय प्रदेश के ओक पार्क में 1899 में जुलाई की 21 तारीख को जन्मे हेमिंग्वे को हम उनके लोकप्रिय उपन्यास 'द ओल्ड मैन एंड द सी' से अधिक जानते हैं, लेकिन प्रेम, युद्ध, स्पेन की बुल फाइटिंग समेत जीवन के अनेक अनुभवों पर केंद्रित उनका एक बड़ा रचना संसार है, जो पाठकों को आज भी बेहद प्रिय है.

वर्ष 1953 में पुलित्जर एवं 1954 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से नवाजे गये अमेरिकी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे वर्ष 1899 में जुलाई की 21 तारीख को जन्मे थे. 1961 में इसी महीने की 2 तारीख को उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. हम हेमिंग्वे को उनके लोकप्रिय उपन्यास ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ से अधिक जानते हैं.

‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ हेमिंग्वे की पहचान

अमेरिका के इलिनॉय प्रदेश के ओक पार्क में 1899 में जुलाई की 21 तारीख को जन्मे हेमिंग्वे को हम उनके लोकप्रिय उपन्यास ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ से अधिक जानते हैं, लेकिन प्रेम, युद्ध, स्पेन की बुल फाइटिंग समेत जीवन के अनेक अनुभवों पर केंद्रित उनका एक बड़ा रचना संसार है, जो दुनिया भर के पाठकों को आज भी बेहद प्रिय है. हेमिंग्वे एक उपन्यासकार, लघु कथा लेखक और पत्रकार थे. उनके लेखन ने एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया. वर्ष 1982 में साहित्य का नोबेल पानेवाले गाब्रिएल गार्सिया मार्केज से जब उनके अंतरंग पत्रकार मित्र प्लीनियो आपूलेयो मेन्दोजा ने पूछ कि ‘क्या खाली पन्ने को देखकर तुम्हें भी वैसी ही निराशा होती है जैसी दूसरे लेखक महसूस करते हैं ?’ उनका जवाब था- ‘ इस बारे में मैंने हेमिंग्वे की एक सलाह पढ़ने के बाद चिंता करना छोड़ दिया. हेमिंग्वे ने कहा है कि आपको अपना काम तब छोड़ना चाहिए, जब आपको मालूम हो कि आप अगले दिन क्या करना चाहते हैं.’

बीसवीं शताब्दी के महानतम लेखक

हेमिंग्वे के लेखन और उनके जीवन के प्रति लोगों का आकर्षण आज भी बरकरार है. वह एक ऐसे लेखक थे, जिनके लिए जीवन ही साहित्य था. हेमिंग्वे को बीसवीं शताब्दी के महानतम लेखक-व्यक्तित्व में शुमार किया जाता है. उनकी कई रचनाएं अमेरिकी साहित्य के क्लासिक्स में शामिल हैं. सात उपन्यास, छह लघु-कहानी संग्रह और दो गैर-फिक्शन कार्य उनके सामने और तीन उपन्यास, चार लघु-कहानी संग्रह, और तीन गैर-काल्पनिक रचनाएं मरणोपरांत प्रकाशित हुईं. वर्ष 1961 में हेमिंग्वे ने स्वयं को गोली मार कर अपना जीवन समाप्त कर लिया था.

जिजीविषा का पर्याय ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ का बूढ़ा मछुआरा

एक अच्छी किताब और उसका प्रभावी किरदार आपके जीवन को नयी दिशा देने की ताकत रखता है. ऐसा ही है हेमिंग्वे के विश्वविख्यात उपन्यास ‘द ओल्ड मैन एंड द सी’ और उसका किरदार बूढ़ा मछुआरा सैंटियागो. यह एक बूढ़े मछुआरे की जिजीविषा एवं जीवन जीने की जद्दोजहद की रोमांचक कहानी या कहें संघर्षगाथा है. बहुत बूढ़ा, दुबला-पतला, विपन्न मछुआरा एक बड़ी मछली पकड़ने का स्वप्न लेकर समुद्र में दूर-दूर तक जाता है. एक युवा लड़का मनोलिन भी मछली पकड़ना सीखने के लिए रोज उस मछुआरे के साथ नाव में जाता है. इस किताब में सीखने के लिहाज से कई उपयोगी बाते हैं. मसलन, एक जगह लड़का बूढ़े मछुआरे से पूछता है कि ‘बूढ़े लोग प्राय: इतनी सुबह क्यों जाग जाते हैं?’ बूढ़ा मछुआरा जवाब देता है, ‘अपना दिन लंबा करने के लिए.’ यह छोटी सी बात समय प्रबंधन की सीख देती है. सीखने के लिए ऐसी कई और बाते हैं इस किताब में. जैसे 84 दिनों तक लगातार मछली पकड़ने में असफल रहने के बाद अतंत उस लड़के के माता पिता उसे बूढ़े मछुआरे के साथ जाने से रोक देते हैं. लेकिन, लड़के की अपने गुरु के प्रति आस्था कम नहीं होती. 85 वें दिन बूढ़ा अकेले ही नाव लेकर निकलता है. इसके बाद है कठोर चुनौतियों का सामना करने और तूफानों से लड़ने की कहानी.

युद्ध के अनुभव और हेमिंग्वे का लेखन

प्रथम विश्वयुद्ध में हेमिंग्वे सैनिक के रूप में युद्ध में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उनकी आंखें कमजोर थीं, इसलिए वह सैनिक नहीं बन सके. हालांकि वह युद्ध में एम्बुलेंस ड्राइवर बनने में सफल रहे और उन्होंने इस युद्ध को करीब से देखा. इस युद्ध के दौरान वे बुरी तरह घायल हुए. युद्ध के अपने अनुभव पर हेमिंग्वे ने उपन्यास ‘फेयरवेल टू आर्म्स’ लिखा. इसके प्रकाशन के समय हेमिंग्वे महज 27 साल के थे. आज भी युद्ध को संदर्भ बनाकर लिखे गये उपन्यासों के प्रसंग में इस उपन्यास का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. इसके बाद हेमिंग्वे ने द्वितीय विश्वयुद्ध को भी युद्ध पत्रकार के तौर पर कवर किया. स्पेन के गृहयुद्ध को भी पत्रकार के रूप में नजदीक से देखा. गृहयुद्ध के अनुभवों पर उन्होंने ‘फॉर हूम द बेल टौल्स’ उपन्यास लिखा. यह ‘द ओल्ड मैन एंड सी’ के बाद हेमिंग्वे का सबसे अधिक बिकने वाला उपन्यास है.

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Preeti Singh Parihar
Preeti Singh Parihar
Senior Copywriter, 15 years experience in journalism. Have a good experience in Hindi Literature, Education, Travel & Lifestyle...

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