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Kanpur: PM किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 12 हजार से अधिक लोग मिले अपात्र, रोकी गई राशि

Kisan Nidhi Yojana: कानपुर में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां पर 12 हजार 326 लोग ऐसे मिले हैं, जिनका मोबाइल नम्बर, पता व जमीन सही नहीं मिले हैं. भूलेख अंकन की जांच रिपोर्ट के बाद इनकी सम्मान निधि की राशि रोक दी गई है.

Kisan Nidhi Yojana: कानपुर में किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां पर 12 हजार 326 लोग ऐसे मिले हैं, जिनका मोबाइल नम्बर, पता व जमीन सही नहीं मिले हैं. भूलेख अंकन की जांच रिपोर्ट के बाद इनकी सम्मान निधि की राशि रोक दी गई है. इसमें ज्यादातर किसान सदर तहसील के बताए गए हैं.

ई-केवाईसी अपडेट का निर्देश

शासन की ओर से लाभार्थियों से ई-केवाईसी अपडेट व भूलेख संबंधी अभिलेखों को पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद लेखपाल ने किसानों का विवरण (खतौनी, खसरा, रकबा, बैनामा या वरासत) दर्ज कराया है. कानपुर में पहली किस्त 2.61 लाख किसानों के खाते में भेजी गई थी. जिसके बाद फिर आधार सत्यापन व केवाईसी अपडेट में 20 हजार से अधिक किसान बाहर हो गए. वहीं शासन ने लाभार्थियों का भूलेख अंकन करने का निर्देश दिया तो लेखपाल व कृषि विभाग के कर्मचारियों ने सर्वे किया. सर्वे में 12326 लाभार्थी ऐसे मिले, जिनका पता गलत है या फिर आवेदन पर लिखा नंबर सही नहीं है. ऐसे में इन लाभार्थियों को किसान सम्मान निधि से हटा दिया गया है.

12 हजार किसानों का पता गलत

कृषि विभाग के उपनिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि भूलेख अंकन में करीब 12 हजार किसानों का पता गलत मिला है. उनके मोबाइल नंबर भी नहीं मिल रहे हैं. ऐसे किसानों की सम्मान निधि पर रोक लगा दी गई है. वेरिफिकेशन के बाद ही इन किसानों की क़िस्त जारी हो पाएगी.

लखीमपुर खीरी में भी फर्जीवाड़ा

पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया जारी है, लेकिन इस बीच चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, 1.19 लाख किसानों ने कई माह बाद भी ई-केवाईसी नहीं कराई है. आशंका है कि योजना की शुरुआत में पीएम किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा कर अपात्रों के नाम बड़े पैमाने पर शामिल कर दिए गए थे.

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अब वह ई-केवाईसी नहीं करा रहे हैं. पिछले वर्ष 2022 (जून-जुलाई) में सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे किसानों की ई-केवाईसी प्रक्रिया प्रारंभ की थी, जिसके बाद से अब तक 4.87 लाख किसान वैध पाए गए हैं. इसमें से 55 हजार किसानों की अभी ई-केवाईसी होना शेष है, जिसके लिए कृषि विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है.

लाखों किसानों ने अभी तक नहीं काराई ई-केवाईसी

वहीं 1.58 लाख किसानों ने जब ई-केवाईसी नहीं कराई, तो उनके डाटा के आधार पर जांच कराई गई. जांच में पता चला कि 39 हजार किसान मृतक/अपात्र हो गए हैं, जबकि 1.19 लाख किसानों का पता नहीं चल रहा है. इनके पते पर इनका निवास नहीं मिला है और जमीन की गाटा संख्या भी फर्जी पाई गई है.

रिपोर्टः आयुष तिवारी

Prabhat Khabar News Desk
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