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जंगल की लकड़ी बेचने जा रहा अधेड़ वनकर्मियों को देख नहर में कूदा, लॉकडाउन में आर्थिक तंगी के कारण लकड़ी बेच चला रहा था आजीविका

गौनाहा : जंगल से जलावन की लकड़ी चुनकर बाजार में बेचने जा रहे 45 वर्षीय बलिराम पटवारी नहर में डूब गया है. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो घटना शुक्रवार की सुबह उस समय की है, जब अचानक वन विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंची. छापेमारी टीम से बचने के लिए साइकिल पर लदी लकड़ी छोड़ कर दौड़ते हुए बलिराम ने कौआहा पुल के दोन कैनाल नहर में छलांग लगा दी. सूचना पर पहुंच परिजन व ग्रामीण खोजबीन में जुटे हुए हैं. सहोदरा पुलिस भी मौके पर पहुंच कर छानबीन में जुट गयी है. एनडीआरएफ की टीम को भी नहर में डूबे व्यक्ति की खोज के लिए बुलाया गया है.

गौनाहा : जंगल से जलावन की लकड़ी चुनकर बाजार में बेचने जा रहे 45 वर्षीय बलिराम पटवारी नहर में डूब गया है. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो घटना शुक्रवार की सुबह उस समय की है, जब अचानक वन विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंची. छापेमारी टीम से बचने के लिए साइकिल पर लदी लकड़ी छोड़ कर दौड़ते हुए बलिराम ने कौआहा पुल के दोन कैनाल नहर में छलांग लगा दी. सूचना पर पहुंच परिजन व ग्रामीण खोजबीन में जुटे हुए हैं. सहोदरा पुलिस भी मौके पर पहुंच कर छानबीन में जुट गयी है. एनडीआरएफ की टीम को भी नहर में डूबे व्यक्ति की खोज के लिए बुलाया गया है.

जानकारी के अनुसार, सुबह करीब पांच बजे गौनाहा थाना क्षेत्र के सेमरी डुमरी गांव निवासी बलिराम पटवारी अपने कुछ साथियों के साथ जलावन की लकड़ी लेकर बाजार में बेचने के लिए पिपरिया होते हुए नरकटियागंज जा रहा था. इसी बीच, कौवांहा पुल के पास घात लगाए बैठे मंगुराहा रेंज के वन कर्मीयों अचानक छापेमारी कर दी. टीम ने सभी को दौड़ा दिया. इससे अन्य ग्रामीण गन्ने के खेत में जाकर छिप गये, लेकिन बलिराम कौआहां पुल से दोन कैनाल नहर में छलांग लगा दी.

इधर, वनकर्मियों ने मौके से तीन साइकिल और जलावन की लकड़ी उठाकर मौके से फरार हो गये. सूचना पाकर उसके परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच कर नहर के पानी में डूबे हुए बलिराम की खोजबीन में जुटे हुए हैं. सहोदरा पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की है. इस संबंध में थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ के टीम को बुलाया गया है. आवेदन के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.

लॉकडाउन में तंगी के कारण जलावन बेच कर चलाता था आजीविका

ग्रामीणों ने बताया कि बलिराम का परिवार काफी गरीब है. पहले वह मजदूरी करके अपनी परिवार चलाता था, लेकिन लॉकडाउन में काम नहीं मिलने पर वह जंगल से जलावन की लकड़ी चुन कर बाजार में बेचता था. इससे उसकी आजीविका चलती थी. बलिराम अपनी ससुराल सेमरी डुमरी में ही रहता था. घर पर उसकी पत्नी और चार बच्चे हैं. इस घटना को लेकर क्षेत्र के लोगों में वन विभाग के प्रति काफी आक्रोश है.

वन माफियाओं पर नहीं होती कार्रवाई

घटना को लेकर ग्रामीण गुस्से में है. ग्रामीणों का कहना है कि वन माफियाओं पर कभी कार्रवाई नहीं होती है. वन विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से रोजाना पेड़ काटे जाते हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती है. जबकि, गरीब परिवार के लोग लॉकडाउन के इस विषम परिस्थिति में अपने पेट की आग बुझाने के लिए जलावन की लकड़ी लेने जाता है, तो वनकर्मी उस पर कहर बरसाते हैं. इस संबंध में वनक्षेत्र पदाधिकारी सुनील कुमार पाठक से पूछे जाने पर 0उन्होंने बताया कि अभी मीटिंग में उपस्थित हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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