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कानपुर: शिक्षा मंथन कार्यक्रम में बोलीं राज्यपाल, विभागों से प्रेजेंटेशन कराएं और शिक्षा में सुधार करें मंत्री

शिक्षा मंथन कार्यक्रम के समापन अवसर पर रविवार शाम राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सभागार में कहा कि कोई अधिकारी मना करें तो एक्शन लें. अगर हमारी वजह से अगर बच्चे कष्ट उठाते हैं तो दोष हमारा है.

कानपुर. शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए हमें खुद शुरुआत करनी होगी. एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपना सही नहीं है. प्रदेश सरकार के मंत्री व विभागों को बुलाकर प्रेजेंटेशन कराएं. समस्या क्या है, उसका समाधान क्या होना चाहिए, इस पर मंथन करें और अपने विभागों के अधीन शिक्षण संस्थानों में समय से उसे लागू कराएं. कोई अधिकारी मना करें तो एक्शन लें.अगर हमारी वजह से अगर बच्चे कष्ट उठाते हैं तो दोष हमारा है. पूर्व में 127 महाविद्यालयों के साथ हुई बैठक व इस शिक्षा मंथन कार्यक्रम में जो भी समस्याएं आई हैं, मैं उन्हें मुख्यमंत्री अपर मुख्य सचिव मुख्य सचिव को भेजूंगी और 2 माह बाद उन सब की समीक्षा बैठक करूंगी. छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित शिक्षा मंथन कार्यक्रम के समापन अवसर पर रविवार शाम राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सभागार में मौजूद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी से यह बात कही.

यूपी में भी विश्वविद्यालयों में व्यापक सुधार की जरूरत

अपने समापन वक्तव्य में राज्यपाल ने बताया कि सुबह वह एक विद्यालय के कार्यक्रम में गई थी. वहां 8 से 11 साल की बच्चियों को अपनी उम्र की दूसरी बच्चों को कंधे पर उठाकर डांस करते देखा. अचानक मन में विचार आया कि ऐसे योग्य समय में विश्वविद्यालय में मंथन कार्यक्रम हो रहा है. तीन बच्चियों के बेहतर भविष्य की नीव तैयार हो रही है. इसका लाभ उन्हें आने वाले वर्षों में मिलेगा. क्योंकि जो आज हमारा सिलेबस है. वह 5 साल बाद काम नहीं आने वाला है, इस शिक्षा मंथन कार्यक्रम से आने वाले वर्षों की तस्वीर बदलेगी. उन्होंने कहा कि वह जब भी अखबार पढ़ती हैं तो ज्यादातर विश्वविद्यालयों में एडमिशन मूल्यांकन अंकतालिका में बदलाव डिग्री ना मिलने जैसी खबरें पढ़ती हैं. गुजरात में भी कई वर्ष पूर्व ऐसा ही था. लेकिन उन्होंने प्रयत्न करके उन हालातों को बदला. इसी तरह यूपी में भी विश्वविद्यालयों में व्यापक सुधार की जरूरत है.

बेस्ट प्रैक्टिस बुक बनाओ विश्वविद्यालयों को भेजो

राज्यपाल ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक से कहा कि शिक्षा मंथन कार्यक्रम में हुए प्रस्तुतीकरण व आने वाले सुझावों की सॉफ्ट कॉपी सभी विश्वविद्यालयों को 2 से 3 दिन में भेजें. यह सभी विश्वविद्यालय अपने यहां कर्मचारियों की बैठक करके इन प्रेजेंटेशन व सुझावों को देखें. यह देखें कि इनमें से किन बातों पर अमल करने की जरूरत है. नैक, एनआईआरएफ, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग आदि में प्रतिभाग करें. राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से भी कहा कि वह अपने यहां संचालित गतिविधियों के आधार पर बेस्ट प्रैक्टिस बुक बनाएं. उन्हें सभी विश्वविद्यालयों को भेजें. उसके अनुरूप सभी विश्वविद्यालय भी अपने यहां उन गतिविधियों को शुरू कराएं. हालांकि, चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड लाने वाले दो विश्वविद्यालयों को होमवर्क दिया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ.

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आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुरू कराओ एनईपी

राज्यपाल ने बताया कि राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति केजी से लेकर पीजी तक में लागू की गई है. आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों के लिए नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्रों को अभी तक यह नहीं मालूम कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं. उन्होंने आह्वान किया कि आंगनबाड़ी केंद्र बेस्ट प्रैक्टिस के तहत बच्चों को ले जाकर कम से कम गमले में पौधारोपण तो कराएं. वहीं, कुलाधिपति आंनदीबेन पटेल ने शिक्षा मंथन-2023 के सफल आयोजन के लिए कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक को बधाई दी. समापन उद्बोधन में कुलाधिपति ने मंच से प्रो पाठक और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम के बेहतर प्रबंधन के लिए सराहना की.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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