24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Gyanvapi Case: एएसआई सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, आज ही सुनवाई की अपील

ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हाईकोर्ट की ओर सभी की निगाहें टिक गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने और आदेश के मद्देनजर मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसके लिए उसने मंगलवार को याचिका दाखिल की है.

Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी एएसआई सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने मंगलवार को याचिका दाखिल की. वाराणसी जिला जज के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में सोमवार से शुरू हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वेक्षण पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में इस याचिका को दाखिल किया गया है.

ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इस याचिका में 21 जुलाई को आए जिला जज के फैसले को रद्द किए जाने और अंतिम फैसला आने तक इस पर रोक लगाए जाने की अपील की है. मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ये याचिका दाखिल की है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर इस याचिका को अर्जेंसी के आधार पर आज ही सुनने की अपील भी की गई है. हाईकोर्ट में आज ही दोपहर के वक्त याचिका पर सुनवाई हो सकती है. मस्जिद कमेटी ने याचिका में अपनी तमाम दलीलें पेश की हैं.

याचिका में कहा गया है कि जिला जज ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला दिया है. उधर मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए हिंदू पक्ष के वकीलों ने भी मामले के विधिक बिंदुओं पर मंथन शुरू कर दिया है. उनकी ओर से भी हाईकोर्ट जाने की पूरी तैयारी है.

हिंदू पक्ष भी हाईकोर्ट में दलील देने को तैयार

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर जिला न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है और इलाहाबाद कोर्ट को मामले पर नए सिरे से फैसला करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि अब हम अपनी दलील हाईकोर्ट में रखेंगे. मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया और कहा कि वहां खुदाई शुरू हो गई है, जो सच नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी की सच्चाई एएसआई के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी.

Also Read: Gyanvapi Case: अब हाईकोर्ट पर टिकी निगाहें, 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक के बाद दोनों पक्ष ने जानें क्या कहा…
हाईकोर्ट को 26 जुलाई तक पारित करना होगा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने हर हाल में 26 जुलाई की शाम 5 बजे से पहले ज्ञानवापी सर्वे पर हाईकोर्ट को अपना आदेश पारित करने को कहा है. इस तरह इस प्रकरण में अब हाईकोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का भविष्य तय होगा.

अगले आदेश तक सर्वे पर पूरी तरह से रोक

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के मुताबिक उच्चतम न्यायालय के ज्ञानवापी सर्वे केस में एएसआई को 26 जुलाई तक सर्वे रोकने के निर्देश प्राप्त हुए हैं. इसके क्रम में सर्वे की कार्रवाई 26 जुलाई शाम तक तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है. मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. अगले आदेश तक सर्वे नहीं कराया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले एएसआई ने की जांच

इससे पहले जिला जज के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने सोमवार सुबह ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की, हालांकि कुछ घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद इसे रोक दिया गया. बताया जा रहा है कि टीम ने साढ़े पांच घंटे तक पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी दीवार, व्यास जी का कमरा, नमाज पढ़ने की जगह, खंभों व कमरों की नाप-जोख करने के साथ पूरे परिसर की ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस से पैमाइश की.

उपकरणों के साथ पहुंची थी एएसआई की टीम

इसके साथ ही वहां मौजूद धार्मिक व ऐतिहासिक चिह्नों को देखा. इमारत की नींव के पास से मिट्टी और ईंट-पत्थर के नमूने जुटाए. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एएसआई की टीम ने सुबह साढ़े छह बजे परिसर में प्रवेश किया. टीम अपने साथ कई जांच उपकरण भी साथ लाए थे. टीम ने छह समूहों में परिसर के अलग-अलग हिस्सों की जांच की. जीपीएस से संबंधित 12 उपकरण श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गेस्ट हाउस के चारों तरफ लगाए गए.

पूरी प्रक्रिया की कराई गई वीडियोग्राफी

ये उपकरण एक टैबलेट से जुड़े थे, जिस पर इमारत की इमेज आ रही था. इसकी मदद से पूरे परिसर का नक्शा बनाया गया. ताला बंद होने की वजह से टीम तहखानों व मुख्य गुंबद के नीचे नहीं पहुंच सकी. पूरी प्रक्रिया की फोटो खींची गई और वीडियोग्राफी कराई गई. सर्वे के दौरान अफवाह फैल गई कि परिसर में खोदाई की जा रही है. हालांकि बाद में कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने इसका खंडन किया. मस्जिद पक्ष से सर्वे में कोई शामिल नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील वुजूखाने के क्षेत्र में टीम ने पैमाइश आदि नहीं कराई.

हिंदू पक्ष ने दिखाए अपने धर्म से संबंधित निशान

कहा जा रहा है कि टीम ने वहां मौजूद हर कलाकृति व ढांचे की बारीकी से जांच की. मंदिर पक्ष के लोगों ने कमल, त्रिशूल, स्वास्तिक, घंटा, हाथी समेत अन्य निशान उन्हें दिखाए. टीम ने हर चीज का नाप लिया. सीढ़ी, कमरे, खंभे, पुराने निर्माण, नए निर्माण सबकी बारीकी से जांच की. टीम ने सबसे अधिक समय मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर दिया. वहां से होकर तीसरे गुंबद के नीचे जा रहे बंद रास्ते पर लगे प्लास्टर की जांच की.

पश्चिमी दीवार के पास व कुछ अन्य खुली जगहों पर ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार यानी जीपीआर का भी प्रयोग किया. वुजूखाने की नंदी से दूरी, दीवारों, सीढ़ियों की नाप-जोख की. पत्थरों की मोटाई और उसकी बनावट को देखा.

सर्वे टीम में ये अधिकारी रहे शामिल

सर्वे टीम का नेतृत्व अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पुरातात्विक सर्वेक्षण में शामिल रहे एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक अलोक त्रिपाठी ने किया. आगरा, पटना, बनारस, दिल्ली, लनखऊ, उन्नाव से आए विशेषज्ञ भी टीम का हिस्सा थे. कुछ सेवानिवृत्त हो चुके पुरातत्वविद को भी सर्वे में शामिल किया गया था.

हिंदू पक्ष की महिलाओं ने कैविएट की दाखिल

उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की ओर से पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने की संभावना को देखते हुए मंदिर पक्ष की ओर से वादिनी राखी सिंह व अन्य पांच महिलाओं ने कैविएट दाखिल करने की बात सामने आई है.

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel