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साहिबगंज में अवैध खनन का उल्लेख किये बिना पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

रांगा थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, कृष्णा साहा की खदान में दुर्घटना की सूचना मिलने पर एक जुलाई को थाना प्रभारी ने पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना दी. पतना के सीओ सुमन कुमार सौरभ और जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे.

साहिबगंज जिले के पतना अंचल क्षेत्र के चपांडे पहाड़ में शुक्रवार की रात अवैध खनन के दौरान दो मजदूरों की मौत मामले में रंगा थाने में पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. हालांकि प्राथमिकी में अवैध खनन का उल्लेख नहीं किया गया है. प्राथमिकी में मजदूरों की मौत का कारण लापरवाही से काम करने के दौरान पत्थर और मिट्टी का गिरना बताया गया है. साथ ही दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना दिये बिना ही शवों को हटाने का आरोप लगाया गया है.

आइपीसी की धारा 304A,279,120B,201 और 34 के तहत दर्ज प्राथमिकी में पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा, शंभु साहा, उपेंद्र मंडल व अन्य को अभियुक्त बनाया गया है. इसमें मजदूरों की मौत पर पर्दा डालने के लिए कृष्णा साहा के इशारे पर शवों को घटनास्थल से हटाने और उनके परिजनों से बातचीत करने का उल्लेख किया गया है.

रांगा थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, कृष्णा साहा की खदान में दुर्घटना की सूचना मिलने पर एक जुलाई को थाना प्रभारी ने पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना दी. पतना के सीओ सुमन कुमार सौरभ और जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. खदान के अंदर 70-80 फुट नीचे टूटे हुए पत्थर और ऊपर से मिट्टी धंसी हुई मिली.

घटनास्थल पर कोई शव नहीं मिला और न कोई घायल मजदूर मिला. कृष्णा साहा से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. पूछताछ के दौरान कृष्णा साहा के क्रशर पर मौजूद इंद्रजीत पोद्दार ने बताया कि रात को काम करने के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गयी थी. शपथ मंडल, ड्रिल हेल्पर के रूप में और मिथुन कुमार ड्रिल ऑपरेटर के रूप में काम करता था. घटना के बाद दोनों के परिजनों से बातचीत कर उन्हें शव सौंप दिया गया, ताकि मजदूरों के मरने की जानकारी किसी को नहीं मिल सके.

कृष्णा साहा के कहने पर खदान के मेट शंभु साहा, मुंशी पवन मंडल व अन्य द्वारा शवों को वहां से हटाया गया. मामला उजागर होने पर मिथुन पाल का शव उसके परिजनों ने पुलिस के हवाले कर दिया. उसके शव को साहिबगंज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. वहीं, मृत मजदूर शपथ मंडल के शव का उसके परिजनों ने पुलिस को सूचना दिये बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया है.

अंचलाधिकारी को ड्रिल के सबूत नहीं मिले

पतना के सीओ ने थाना प्रभारी और डीएमओ के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने घटनास्थल पर पत्थर और ऊपर से मिट्टी दरका हुआ पाया. सभी ने आशंका जतायी कि हो सके इससे मजदूरों की मौत हुई हो. यह अभी जांच का विषय है. निरीक्षण के दौरान अवैध खनन या ड्रिल करने का सबूत नहीं मिला. घटना में दो मजदूरों की मौत हुई है. एक मजदूर का शव पश्चिम बंगाल से यहां लाया गया है.

फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया मिथुन का शव

मिथुन पाल के शव को रांगा थाने की पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम के लिए साहिबगंज सदर अस्पताल भेजा. तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया, जिसमें डाॅ मोहन, डाॅ विजय, डाॅ कुलदीप शामिल थे. मजिस्ट्रेट अब्दुल समद की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया. शव का पोस्टमार्टम फोरेंसिक एक्सपर्ट से कराने का निर्णय लिया गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए हायर सेंटर भेजने की तैयारी की जा रही थी.

मृतकों का ब्योरा :

शपथ मंडल (ड्रिल हेल्पर), पिता- प्रफुल्ल मंडल, गणेशपुर मिडिल स्कूल के सामने, बरहरवा, साहिबगंज À मिथुन कुमार पाल (ड्रिल ऑपरेटर), पिता-नबो पाल, सााकिन-गुजहरिया, महंतपाड़ा, जिला-मुर्शिदाबाद

नौ लाख मुआवजा दे रहा कारोबारी मामले पर पर्दा डालने की कोशिश

मृतक के परिजन अवैध खनन के दौरान डंपर से टकरा कर जान जाने की बात कह रहे हैं. मृत मजदूर मिथुन के छोटे भाई ने मुआवजा के रूप में नौ लाख रुपये देने के लिए करार होने की बात भी स्वीकार की है. अवैध खनन के दौरान हुई मौत के मामले में अब भी पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है. पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा के लोग मृत मजदूरों के परिजनों को डंपर से कुचल कर मौत हो जाने की बात कह रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के मृत मजदूर मिथुन कुमार पाल के छोटे भाई वृंदावन पाल भी वही कहानी दोहरा रहा है. घटना के संबंध में पूछे जाने पर उसने कहा कि रात के साढ़े आठ बज रहे थे. अंधेरा हो गया था. एक डंपर ऊपर से माल लेकर आ रहा था. इसी दौरान उसका लाइट मिथुन की आंख पर पड़ा . वह डंपर से टकरा गया और दब जाने से उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद कंपनी की गाड़ी से शव को ले जाया गया था. उसने कहा कि मुआवजा के मामले में नौ लाख रुपये पर बात हुई है. कुछ एडवांस भी मिला है.

Prabhat Khabar News Desk
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