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झारखंड में अगर कहीं स्वर्ग है तो वह पारसनाथ पहाड़ पर, जानें इसकी खासियत

पारसनाथ पर्वत श्रृंखला केवल झारखंड की ही नहीं बल्कि यह हिमालय के दक्षिणी भूभाग का भी सबसे ऊंचा पहाड़ है. यहां सालों भर ठंडी हवा बहती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि झारखंड में अगर कहीं स्वर्ग है, तो वह पारसनाथ पर्वत पर है. आइए जानते हैं इसकी खासियत...

झारखंड में मिनी कश्मीर कहा जाने वाला पारसनाथ पर्वत, राज्य का सबसे ऊंचा पर्वत है. वैसे तो सभी पहाड़ अपने तरीके से खास होते है, लेकिन पारसनाथ पर्वत की खासियत अलग है. माना जाता है कि यहां 24 में से 20 जैन तीर्थंकरों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. झारखंड का पारसनाथ पर्वत सम्मेद जी शिखर के नाम से भी प्रचलित है. यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, हालांकि जैन धर्मावलंबियों के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे पर्यटन स्थल नहीं बनाने का आदेश दे दिया. 11 दिसंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है. इस साल की थीम “रीस्टोरिंग माउंटेन इकोसिस्टम” रखी गई है. इसका अर्थ होता है, पर्वतीय इकोसिस्टम को बचाये रखना और फिर बहाल करने में योगदान देना. इस खास दिन पर झारखंड के सबसे ज्यादा खास पर्वत पारसनाथ के बारे में विस्तार से जानेंगे.

पारसनाथ में स्वर्ग!

पारसनाथ पहाड़ झारखंड के गिरिडीह जिले में हैं, जो समुद्र तल से लगभग 1365 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं. पहाड़ पर चढ़ने और उतरने के लिए कुल 27 किमी तक का सफर तय करना पड़ता है. यह पर्वत श्रृंखला केवल झारखंड की ही नहीं बल्कि यह हिमालय के दक्षिणी भूभाग का भी सबसे ऊंचा पहाड़ है. यहां सालों भर ठंडी हवा बहती है. जब आप पहाड़ पर चढ़ेंगे तो एक समय ऐसा आएगा, जहां आपको लगेगा कि आसमान और धरती का मिल हो रहा है. यह दृश्य काफी रोमांचित करने वाला होता है. शिखर को छू कर गुजरने वाली हवा जब आप तक आती है तो ऐसा लगता है, मानों वह आपसे कुछ कहना चाहती है. ठंडी हवाओं की वजह से आपके कानों में सरगोशियां महसूस होगी, जिसे बस सुनते और महसूस करते रहने का मन करेगा. यह कहना गलत नहीं होगा कि झारखंड में अगर कहीं स्वर्ग है, तो वह पारसनाथ पर्वत पर है.

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विश्व प्रसिद्ध है पारसनाथ पहाड़

झारखंड का पारसनाथ पहाड़ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इसके कारण हैं – जैन धर्मावलंबी. दरअसल, पारसनाथ पहाड़ जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. यहां हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. पारसनाथ की चोटी पर बना मंदिर दुनियाभर में जैन धर्म के लोगों का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है. यहां पत्थरों से खुदा तारीख, 1785 AD है. पारसनाथ दुनिया का इकलौता ऐसा स्थान है, जहां 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था. जैन धर्म शास्त्रों में वर्णन है कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ अर्थात भगवान ऋषभदेव ने कैलाश पर्वत पर, 12 वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य ने चंपापुरी में, 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ ने गिरनार पर्वत और 24 वें तीर्थंकर तथा अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर ने बिहार स्थित पावापुरी में मोक्ष प्राप्त किया. बाकी अन्य सभी 20 तीर्थंकरों ने पारसनाथ की धरती पर ही मोक्ष प्राप्त किया है. उन्हीं 20 तीर्थंकरों से संबंधित यहां मंदिरों का एक समूह है. इसलिए जैन धर्म के लोग पारसनाथ को “मोक्ष द्वार” भी कहते हैं.

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तीर्थंकर का अर्थ

तीर्थंकर का अर्थ सर्वोच्च जैन गुरु होता है. ऐसे दिव्य पुरुष जिन्होंने अपनी कठिन साधना, तप और ध्यान के बल पर इंद्रियों पर विजय पाई और लोगों को सही मार्ग पर चलने की नसीहत दी. उन्हें जैन धर्म में तीर्थंकर के रूप में जाना जाता है. इस तरह जैन धर्म में भगवान आदिनाथ से लेकर भगवान महावीर तक 24वें तीर्थंकर हुए हैं.

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यहां मांस-मदिरा के सेवन पर पाबंदी

चूंकि, पारसनाथ जैन धर्म को लोगों का पवित्र स्थान है. इसलिए यहां मांस मदिरा के सेवन पर रोक है. यही कारण है कि पारसनाथ को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जा सका. झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल बनाने की कोशिश की थी. इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन इतना बड़ा था कि सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला वापस लेना पड़ा और अदालत ने पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने से मना कर दिया. जैन समाज के लोगों का कहना था कि अगर इसे पर्यटन स्थल बना दिया जाएगा तो यहां होटल और पार्क भी बनेंगे. लोग दर्शन करने तो आएंगे, साथ ही छुट्टियां और पिकनिक मनाने भी आएंगे. जिसके बाद यहां मांस-मदिरा आदि के सेवन की भी खुली छूट हो जाएगी. युवाओं के मौज-मस्ती का अड्डा बन जाएगा. इसलिए जैन धर्म इस पवित्र स्थल पर इसकी इजाजत नहीं देगा.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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