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झारखंड में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा का रैकेट, कई राज्यों के युवाओं का हो रहा शोषण, प्रभात खबर को बताई आपबीती

झारखंड में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा का बड़ा रैकेट चल रहा है. ज्वाइनिंग के बाद सेंटर में ट्रेनिंग के नाम पर ऐसा शोषण किया जाता है कि युवा यहां अपने साथ हो रही आपबीती को भी समय पर किसी से बता नहीं पाते. इस फर्जीवाड़ा के रैकेट को संचालित करने में स्थानीय पुलिस-प्रशासन का भी संरक्षण प्राप्त है.

कोडरमा, विकास/साहिल : कोडरमा जिले में युवाओं को नौकरी देने के नाम पर बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा चल रहा है. युवाओं को स्टील प्लांट से लेकर बिजली ऑफिस व अन्य जगहों पर नौकरी दिलाने के नाम पर यहां बुलाया जाता है और इनका ब्रेन वॉश कर दूसरे युवकों को फंसाने के लिए बोला जाता है. ज्वाइनिंग के बाद सेंटर में ट्रेनिंग के नाम पर ऐसा शोषण किया जाता है कि युवा यहां अपने साथ हो रही आपबीती को भी समय पर किसी से बता नहीं पाते. हालांकि, कुछ युवा समय रहते इस खेल को समझ जाते हैं तो वे यहां से किसी तरह बचकर निकल रहे हैं. इन्हीं में से कुछ युवाओं ने प्रभात खबर को इस पूरे खेल की जानकारी दी है.

युवाओं ने क्या बताया

इन युवाओं की मानें तो इस फर्जीवाड़ा के रैकेट को संचालित करने में स्थानीय पुलिस-प्रशासन का भी संरक्षण प्राप्त है. कभी कभार अगर कोई दूसरा पहुंच भी जाता है तो प्रोडक्ट सेलिंग की बात कहकर झांसा दे दिया जाता है, जबकि यहां ऐसे कोई प्रोडक्ट सेलिंग का काम नहीं होता है. यही कारण है कि किसी ने अभी तक लिखित शिकायत नहीं की है. जानकारी के अनुसार तिलैया थाना से महज कुछ दूरी पर बाइपास रोड में विशुनपुर चौक पर एक बड़े भवन में कंपनी का कार्यालय संचालित है. इस भवन के बाहर मेसर्स शिवाय एसोसिएट्स का बोर्ड लगा है, जिसमें फ्रेंचाइजी ऑफ हैप्पी हेल्थ इंडिया मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड लिखा है, लेकिन अंदर संचालित कार्यालय में कार्यरत लोग खुद को रॉयल हेल्थ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का बताते हैं.

किया जाता है ब्रेन वॉश

यहां ठगी के शिकार हो चुके युवाओं की मानें तो इस कार्यालय में कोई काम नहीं होता है. सिर्फ झांसा देकर युवाओं का इंटरव्यू लिया जाता है और बाद में नवादा बस्ती में सरकारी स्कूल के सामने संचालित ट्रेनिंग सेंटर में सुबह-शाम ट्रेनिंग देने के नाम पर समाजशास्त्र का पाठ पढ़ाते हुए ब्रेन वॉश किया जाता है और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व अन्य को फांस कर नौकरी के नाम पर यहां बुलाने को बोला जाता है. इसके लिए कहा जाता है कि आपको टाटा स्टील में तो बिजली ऑफिस में कंप्यूटर काम करने के एवज में माह में 15 से 18 हजार रुपये तक वेतन दिया जाएगा. युवाओं को ट्रेनिंग देने के बाद कुछ दूर पर स्थित अलग-अलग मकानों में किराये पर लिए गए कमरों में बंधक की तरह रखा जाता है. खाने में चावल-दाल या सब्जी दिया जाता है.

पहले एक माह कहा जाता है कि आपका ट्रेनिंग चल रहा है. इसके बाद काम करना है, फिर ब्रेन वॉश कर दूसरों को झांसा देकर यहां बुलाने को कहा जाता है, जो ऐसा नहीं करता है उसे तरह-तरह की यातनाएं दी जाती है. मजबूरी में युवा दूसरों को यहां बुलाते हैं. इसके एवज में कुछ को नाम मात्र का कमीशन दिया जाता है. ठगी का शिकार हुए कुछ युवा हाल में यहां से किसी तरह निकले हैं. इनमें से कई ने प्रभात खबर से संपर्क किया है.

  • झुमरीतिलैया के विशुनपुर, फुटानी चौक व नवादा बस्ती में संचालित है कथित कंपनी का कार्यालय व ट्रेनिंग सेंटर

  • युवाओं को स्टील प्लांट, बिजली ऑफिस में नौकरी दिलाने के नाम पर हो रही ठगी, अब तक सैकड़ों युवा बन चुके है शिकार

प्रभात खबर को कंपनी ने क्या कहा?

इधर, इस संबंध में जब प्रभात खबर ने आरोपों में घिरी कंपनी के प्रतिनिधि राजीव कुमार से बात की तो उसका कहना था कि हम प्रोडक्ट सेलिंग का काम करवाते हैं. किसी को झांसे में लेकर बंधक बनाए जाने जैसी बात नहीं है. हालांकि, जब युवकों के द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑडियो-वीडियो के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

ज्वॉइनिंग के नाम पर लिए जाते हैं 21-25 हजार

ठगी के शिकार बन चुके युवाओं की मानें तो यहां नौकरी देने के नाम पर कागजात आदि दुरुस्त कराने के लिए शुरुआत में 21 से 25 हजार रुपये लगने की बात कही जाती है. इतना पैसा देने के बाद आईडी नंबर देते हुए कमरा एलॉट किया जाता है. एक युवा दूसरे को यहां कैसे फंसा कर बुलाता है, इसकी ऑडियो क्लिप भी प्रभात खबर को उपलब्ध कराई गई है. इसमें नौकरी दिलाने की बात कही जाती है. साथ ही ऑडियो में रहने-खाने व अन्य सुविधा देने का लालच देते हुए बातें सुनी जा सकती है.

बंधक की तरह रह रहे हैं करीब 300-350 लड़के व लड़कियां, कई नाबालिग भी

रॉयल हेल्थ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के फर्जीवाड़ा का शिकार होकर वर्तमान में करीब तीन सौ से 350 लड़के व लड़कियां शहर में रह रही हैं. इनका पूरी तरह ब्रेन वॉश किया जा चुका है. इनमें से कई एक वर्ष से तो कोई एक-दो माह से यहां रह रहा है. इनकी जिंदगी एक तरह से बंधक वाली है. इनमें कई बिहार, बंगाल, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों से हैं. कई लड़कियां भी नौकरी के झांसे में आकर यहां रह रही हैं, यही नहीं कुछ नाबालिग भी इसमें शामिल हैं. इतनी संख्या में युवाओं को किराये के कमरे में रख एक तरह से कॉल सेंटर संचालित कर दूसरों को फंसाने का खेल चल रहा है और इसका कोई पुलिस वेरीफिकेशन तक नहीं है.

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झारखंड में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा का रैकेट, कई राज्यों के युवाओं का हो रहा शोषण, प्रभात खबर को बताई आपबीती 3

केस स्टडी-1

बिहार के भागलपुर का रहने वाला अभिनव करीब 11 माह तक झुमरीतिलैया में संचालित इस कंपनी के झांसे में फंसा रहा. अभिनव की मानें तो उसे यहां यह बोल कर बुलाया गया था कि स्टील प्लांट में काम है, महीना 18 हजार रुपये मिलेगा. उसने बताया कि ‘नौकरी लगने से पहले कागजात आदि दुरुस्त करवाने के लिए 21 हजार रुपये लिया गया. सेंटर में आए तो पहले ट्रेनिंग के नाम पर उलझाया गया, फिर समय बीतता चला गया. मैंने अपने छह दोस्तों-रिश्तेदारों को यहां से जोड़ा तो बहुत मिन्नत करने पर पांच हजार रुपये दिया गया. एक माह से छुट्टी के लिए परेशान था. घर में मां बीमार थी, फिर भी जाने नहीं दिया गया. कमरे में पूरी तरह बंधक बना कर रखा जाता था. मां-पिता से भी सही से बात करने नहीं दिया जा रहा था. परेशान होकर मीडिया से संपर्क साधा.’

केस स्टडी-2

भागलपुर का रहने वाला उद्देश्य कुमार इस कंपनी के झांसे में आकर यहां पहुंचा. हालांकि, शरुआती समय में ही उसको यह एहसास हो गया, फिर भी दबाव मिलने पर करीब एक माह तक रहा. उद्देश्य ने कहा – ‘ट्रेनिंग में सिर्फ बड़ा सपना दिखाकर दूसरे को फंसाने का तरीका सिखाया जाता था. मुझे लगा यह गलत हो रहा है तो शुरू दिन से ही विरोध किया. विरोध करने पर मुझे टारगेट में ले लिया गया. मैंने किसी तरह अपने परिजनों से संपर्क साधा और यहां से बचकर निकला. इसके बाद अपने पिता व तीन-चार अन्य लोगों के साथ पहुंचा तो दबाव देने पर मेरे द्वारा शुरू में दिए गए 21 हजार में से 15 हजार रुपये वापस कर दिया गया. केस मुकदमा हमलोगों के बस का नहीं है, इसलिए लिखित शिकायत नहीं की.

केस स्टडी-3

भागलपुर का रहने वाला गौतम कुमार की उम्र आधार व मैट्रिक प्रमाणपत्र के अनुसार अभी 18 वर्ष से कम है, फिर भी उसे कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम फंसाया गया. इससे ज्वाइनिंग के नाम पर 23 हजार रुपये लिया गया. कहा गया कि झारखंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में नौकरी है 15 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे. गौतम ने कहा- ‘मैं करीब तीन माह तक रहा. इस दौरान सुबह-शाम ट्रेनिंग के अलावा दिन भर कमरे में बंद रखा जाता था. सिर्फ शाम में एक घंटे निकलने दिया जाता था. ट्रेनिंग में दूसरे को कैसे यहां बुलाना है, इसक पाठ पढ़ाया जाता था. समाजशास्त्र, सफल भवन योजना सहित अन्य 12 तरह के क्लास के नाम पर सिर्फ उलझाकर रखा गया. परीक्षा तक में मुझे आने नहीं दिया गया. मेरा पूरा पैसा यहां फंस गया. मैं गरीब परिवार से हूं, समझ नहीं आया क्या करूं, इसलिए भाग आया.’

फर्जीवड़े की जानकारी नहीं, ऐसा है तो कार्रवाई होगी : डीसी

कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं के साथ ठगी व फर्जीवाड़ा किए जाने से संबंधित जानकारी नहीं है और न ही इस तरह की कोई शिकायत अब तक मुझे मिली है. आपके माध्यम से अभी मुझे यह जानकारी मिल रही है. इसकी पूरी जांच कराई जाएगी. फर्जीवाड़ा हो रहा है तो कार्रवाई होगी.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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