22.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Jharkhand News: चतरा में नया स्कूल बनकर तैयार, फिर क्यों पेड़ के नीचे, बरामदे में बैठकर पढ़ते हैं बच्चे?

Jharkhand News: उत्क्रमित उच्च विद्यालय बड़गांव का भवन जर्जर हो चुका है. बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसे देखते हुए नया स्कूल भवन बना दिया गया, लेकिन बच्चे वहां जा नहीं सकते. सर्दी, गर्मी और बरसात में उन्हें खुले आसमान के नीचे पढ़ना पड़ता है.

Jharkhand News: झारखंड और बिहार की सीमा पर स्थित है चतरा जिला. इस जिला के टंडवा प्रखंड मुख्यालय से 17 किलोमीटर बड़गांव पंचायत है. इस पंचायत में एक स्कूल है, जिसका नाम है उत्क्रमित उच्च विद्यालय बड़गांव. इस स्कूल के बच्चे पढ़ना चाहते हैं, शिक्षक पढ़ाना चाहते हैं, फिर भी बच्चों को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्हें पेड़ के नीचे और बरामदे में बैठकर पढ़ना पड़ता है.

स्कूल का भवन हो चुका है जर्जर

उत्क्रमित उच्च विद्यालय बड़गांव का भवन जर्जर हो चुका है. बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसे देखते हुए नया स्कूल भवन बना दिया गया, लेकिन बच्चे वहां जा नहीं सकते. सर्दी, गर्मी और बरसात में उन्हें खुले आसमान के नीचे पढ़ना पड़ता है. बच्चे पांच से छह किलोमीटर की दूरी तय करके हर दिन पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं. नया भवन इस स्कूल से भी 4 किलोमीटर दूर बना दिया गया है.

Also Read: चतरा के कुंदा प्लस टू उच्च विद्यालय का हाल : 14 वर्षों से अधूरा है स्कूल भवन
स्कूल में 10वीं तक की होती है पढ़ाई

अभिभावक बच्चों को इतनी दूर भेजना नहीं चाहते. मजबूरी में शिक्षकों को उन्हें पुराने भवन में ही पढ़ाना पड़ता है. बड़गांव विद्यालय में कुल 763 बच्चे नामांकित हैं. विद्यालय में कक्षा एक से 10 तक की पढ़ाई होती है. पुराने स्कूल भवन में कमरों का घोर अभाव है. फलस्वरूप कक्षा एक से सात तक के बच्चे पेड़ के नीचे विद्यालय के बरामदे में व सीढ़ियों पर बैठकर पढ़ते हैं.

हर मौसम में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश बच्चे

आलम यह है कि गर्मी, जाड़ा हो या बरसात, गुरुजी को बच्चों को बाहर बैठाकर ही पढ़ाना पड़ता है. कहते हैं कि विद्यालय में काफी कम कमरे हैं. विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया, पर उच्च विद्यालय का भवन पुराने विद्यालय से चार किलोमीटर दूर बना दिया गया है. ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे को उच्च विद्यालय के नये भवन में नहीं भेजना चाहते हैं.

स्कूल में नहीं है शौचालय की उचित व्यवस्था

ग्रामीणों ने बताया की विद्यालय परिसर में कई जर्जर भवन हैं, जिसे तोड़कर परिसर में ही अतिरिक्त कमरे की व्यवस्था की जा सकती है. विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. इससे बच्चों को शौचालय जाने में समस्या होती है. बच्चों ने बताया कि 10वीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन शिक्षक मात्र 7 हैं, जिससे पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाती है. प्रधानाध्यापक उमेश कुमार ने बताया कि विद्यालय कई समस्याओं से जूझ रहा है. सबसे बड़ी समस्या भवन व शौचालय की है.

ठेकेदार की मनमानी से बढ़ी बच्चों की परेशानी : मुखिया

मुखिया अहिल्या देवी ने कहा कि ठेकेदार ने मनमानी करते हुए स्कूल का नया भवन बना दिया. विद्यालय परिसर में कई जर्जर भवन हैं, जिसे तोड़कर नया भवन बनाया जा सकता था. बाली, बानपुर, गोंदा, नवादा, डहु, सुइयाटांड व अन्य गांवों से बच्चे यहां पढ़ने आते हैं. इसके लिए उन्हें 4 से 6 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. नया भवन बड़गांव से भी 4 किलोमीटर दूर बना दिया गया है. अगर बच्चे नये भवन में जायेंगे, तो उन्हें 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी. नया भवन जंगल से भी सटा है. मुखिया ने कहा कि डीएमएफटी मद से उपायुक्त से भवन का निर्माण कराने की मांग की गयी है. परिसर में दो और तीन तल्ला भवन बना दिया जाये, तो समस्या का समाधान हो जायेगा.

रिपोर्ट- बरुण सिंह, टंडवा, चतरा

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel