
October 2023 Vrat Tyohar List: अक्टूबर महीना अब शुरू होने वाला है. 01 अक्टूबर 2023 को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष का दूसरा दिन है. इस दिन पितृ पक्ष का तृतीया तिथि का श्राद्ध किया जाएगा. अक्टूबर महीना व्रत-त्योहार के लिहाज से बेहद खास रहने वाला है. अक्टूबर में शारदीय नवरात्रि, जीवित्पुत्रिका व्रत, दशहरा, इंदिरा एकादशी, सर्व पिृत अमावस्या, शरद पूर्णिमा, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण जैसे आदि बड़े व्रत-त्योहार पड़ेंगे. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री से कि अक्टूबर 2023 में कब कौन से व्रत-त्योहार पड़ेंगे. यहां जानें व्रत त्योहारों की लिस्ट.

इस साल जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 46 मिनट से शरू होगा और दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर खत्म होगा. वहीं ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और 05 बजकर 28 पर खत्म होगा. अष्टमी तिथि का प्रारंभ 6 अक्टूबर, सुबह 6 बजकर 34 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगी.

प्रतिवर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है. इंदिरा एकादशी व्रत विशेष तौर पर पितरों के लिए रखा जाता है. पितृपक्ष के दौरान पड़ने के कारण भगवान की कृपा से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. यह एकादशी मुख्य रूप से पितरों को समर्पित होती है.

पितृ पक्ष में धरती पर पधारे हमारे पूर्वजों की विदाई पितृ अमावस्या के दिन की जाती है. महालय आरंभ 29 सितंबर शुक्रवार से होगा. महालय श्राद्ध 14 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा. मुख्य रूप से उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है. जिनके मरने की तिथि हमें ज्ञात नहीं होती है. पितृ पक्ष में महालय अमावस्या को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.

इस साल शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर 2023 दिन रविवार से शुरू होंगे और इसका समापन 23 अक्टूबर को होगा. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से होती है और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन के साथ मां को विदा कर दिया जाता है. इस दिन शारदीय नवरात्रि के रुप में मनाते हुए प्रतिपदा को घर- घर में कलश स्थापित करके, दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां की आराधना करते है. 15 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह कलश स्थापित का शुभ मुहूर्त सुबह 11.44 से दोपहर 12.30 तक है.

दुर्गाष्टमी इस बार 22 अक्टूबर को होगी. शारदीय नवरात्र की दुर्गाष्टमी का शास्त्रों में महत्व बहुत ही खास माना जाता है. इस दिन महागौरी पूजन के साथ ही कन्या पूजन भी किया जाता है. नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी को महाष्टमी व दुर्गाष्टमी कहा जाता है. जो देवी दुर्गा के भक्तों के महत्वपूर्ण दिन होता है. अन्य त्योहार जो अष्टमी तिथि में आते हैं, जैसे शीतला अष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, अहोई अष्टमी, गोपाष्टमी.

महानवमी पर मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है और इसके साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाता है. इस दिन नवरात्र का व्रत रखने वाले लोग अपने घरों में कन्या पूजन करके नवरात्र के व्रत को पूरा करते हैं और इसी के साथ शारदीय नवरात्र का समापन हो जाता है.

दशहरा का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त की थी. तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. इसीलिए इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है. इस उपलक्ष्य में यह जीत का पर्व मनाया जाता है.

पापांकुशा एकादशी 25 अक्टूबर दिन बुधवार को होगी. इस दिन व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है. इस व्रत के प्रभाव से अनेक अश्वमेघ और सूर्य यज्ञ करने के समान फल की प्राप्ति होती है. इसलिए पापाकुंशा एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. माना जाता है इस दिन व्रत और भगवान पद्मनाभ की सच्चे मन से पूजा करने से सब पापों का बंधन खत्म होकर भगवान की प्राप्ति होती है.

पंचांग में बताया गया है कि शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होगी. इस दिन मां लक्ष्मी रात्रि में भ्रमण करने धरती पर आती हैं. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा के रात शुद्ध दूध से घी, शर्करा युक्त निर्मित खीर को पूर्ण चंद्रमा की अमृतोमय चांदनी में रख दिया जाता है और प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है.

साल का दूसरा सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा और 15 अक्टूबर तक रहेगा. भारतीय समय अनुसार, सूर्य ग्रहण रात में 8 बजकर 34 मिनट से आरंभ होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण अश्विन मास की अमावस्या तिथि के दिन लगने वाला है. इससे पहले 20 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है. साल 2023 का सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि से एक दिन पहले अश्विन माह की अमावस्या तिथि को लगेगा.

अक्टूबर माह में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. दूसरा चंद्र ग्रहण इसलिए खास है क्योंकि पहला चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं था, लेकिन दूसरा चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत में है और भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 05 मिनट से सूतक काल लग जाएगा. वहीं चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि में 2 बजकर 30 मिनट तक ग्रहण रहने वाला है. साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है. इसीलिए धार्मिक आधार पर इसका सूतक काल मान्य होगा.