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पश्चिम सिंहभूम : 20 सालों के संघर्ष के बाद भी आज तक नहीं बना कराइकेला अलग प्रखंड, मूलभूत सुविधा से लोग वंचित

सरकार तो झारखंड में कई बनी. सभी दलों को यहां राज करने का मौका भी मिला लेकिन आज तक कराईकेला प्रखंड नहीं बन पाया. जबकि कराईकेला से प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है.

बंदगांव, अनिल तिवारी : पश्चिम सिंहभूम जिला के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड एक आंदोलनकारियों की भूमि रही है. यहां के लोग सदा ही अपने हक के लिए एवं झारखंड अलग राज्य के लिए कई लड़ाइयां लड़ी. जिसके फलस्वरूप झारखंड राज्य तो अलग हो गया. लेकिन यहां के लोगों के वर्षों पुरानी मांग कराईकेला अलग प्रखंड की मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई. यहां के लोगों ने बंदगांव प्रखंड से अलग हटकर 6 पंचायत कराईकेला, हुडंगदा, नकटी, भालूपानी, लाडुपोदा एवं ओटार को मिलाकर एक अलग प्रखंड कराईकेला की मांग कर रहे हैं. यह मांग लगभग 20 वर्षों से यहां के ग्रामीण करते आ रहे हैं. जबकि अलग प्रखंड बनने की सभी प्रकिया कराईकेला पूरा करती है. 6 पंचायत मिला कर कुल आबादी लगभग 50 हजार है. सरकार तो झारखंड में कई बनी. सभी दलों को यहां राज करने का मौका भी मिला लेकिन आज तक कराईकेला प्रखंड नहीं बन पाया. जबकि कराईकेला से प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है.

घने जंगल एवं पहाड़ों और घाटी होते हुए लोगों को कुछ भी छोटा से छोटा काम के लिए प्रखंड मुख्यालय बंदगांव जाना पड़ता है. जिससे लोगों को समय के साथ-साथ पैसा भी खर्च करना पड़ता है. अगर कोई काम एक दिन में नहीं होने पर उसे बार-बार जाने की नौबत प्रखंड मुख्यालय आ पड़ती है. इससे लोग काफी अपने आप को बेबस महसूस करते हैं. यहां के ग्रामीणों की मांग है कि जब अलग प्रखंड की सारी प्रक्रिया 6 पंचायत मिलाकर हो सकती है तो कराईकेला प्रखंड क्यों नहीं हो सकता. जबकि इस जगह में कई राजनेता लोग अपने चुनावी भाषण में कराईकेला को अलग प्रखंड का दर्जा देने की बात कह चुके हैं. मगर आज तक अलग प्रखंड नहीं बन पाया है. अब लोगों को सरकार पर से भी भरोसा उठने लगा है.

लोगों का कहना है कि जब तक इस प्रखंड का निर्माण नहीं होगा तब तक यहां विकास होना असंभव साबित होगा. विडंबना यह है कि बंदगांव प्रखंड 80 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. जिस कारण घना जंगल एवं नक्सल क्षेत्र होने के कारण पदाधिकारी भी गांव में नहीं जा पाते हैं. जिससे यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है. महतो देवगांव के परमेश्वर महतो ने कहा कि लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एवं प्रखंड की दूरी को देखते हुए क्षेत्र के विकास के लिए कराईकेला प्रखंड बनना चाहिए. उन्होंने कहा यहां के लोग अब तक अलग प्रखंड के लिए की मांग करते करते थक चुके हैं. अब सरकार को जागने की जरूरत है. जिससे कराईकेला अलग प्रखंड बन सके.

कांग्रेसी नेता सह 20 सूत्री सदस्य महेश प्रसाद साहू ने कहा कि यहां के लोगों की अलग प्रखंड की मांग काफी जायज है. इसकी जानकारी सांसद गीता कोड़ा एवं कांग्रेस के मंत्री लोग को भी दिया जाएगा. और मांग की जाएगी कि जल्द से कराईकेला को अलग प्रखंड का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा यहां अस्पताल में 24 घंटा डॉक्टर भी उपस्थित नहीं रहते हैं जिससे लोगों को स्वास्थ्य विधा के लिए भी काफी दिक्कतें होती है .अलग प्रखंड बन जाने से सभी सुविधाएं ग्रामीणों को प्राप्त होगी.समाजसेवी अवनी महतो ने कहा कि अलग प्रखंड कराईकेला का होना बहुत ही जरूरी है. यहां के बहुत सारे लोग बंदगांव जाने में असक्षम साबित होते हैं .यहां पर क्षेत्र में काफी गरीबी है. लोगों की समस्या को देखते हुए एवं क्षेत्र का विकास के लिये प्रखंड का दर्जा कराईकेला को मिलना चाहिए .उन्होंने कहा चुनाव के वक्त सभी पार्टी का एक ही नारा होता है कि जल्द से जल्द करें कि कराईकेला प्रखंड बनाया जाएगा .मगर अब तक यहां के लोगों के लिए दुर्भाग्य है कि अब तक कराईकेला अलग प्रखंड नहीं बन पाया है.

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Nutan kumari
Nutan kumari
Digital and Broadcast Journalist. Having more than 4 years of experience in the field of media industry. Specialist in Hindi Content Writing & Editing.

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