27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Makar Sankranti 2022: झारखंड में मकर संक्रांति पर है अनोखी परंपरा, ऊंचे कद के लिए निभायी जाती है ये रस्म

Makar Sankranti 2022: बताया जाता है कि बड़कागांव के जल कुंडों में नहाने से चर्म रोग खत्म हो जाते हैं. यही कारण है कि इन कुण्डों में स्नान करने वालों की भीड़ सालोंभर लगी रहती है. मेले के दिन स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ जाती है.

Makar Sankranti 2022: झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में मकर संक्रांति मेले की तैयारी जोरों पर है. हर चौक चौराहों में दुकानों में तिलकुट बनाया जा रहा है. बच्चों में पतंगबाजी का उत्साह देखा जा रहा है. यहां मकर संक्राति पर अनोखी परंपरा है. यहां बच्चों के ऊंचे कद को लेकर पहले स्नान कराया जाता है. उसके बाद तिल की आग के ऊपर से पार कराया जाता है. इसके बाद पूजा-अर्चना करवाकर उन्हें तिलकुट, गुड़, चूड़ा एवं दही खिलाया जाता है.

हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के लॉकरा स्थित गंघुनिया, सोनपुरा के पंचवाहनी मंदिर, बादम के पंचवाहनी मंदिर, नापो कला पंचायत के मुरली पहाड़ में मेले का आयोजन होता है. पंचवानी मंदिर के बगल में जल कुंड एवं लॉकरा के गंधुनिया के जल कुंड में नहाने वाले लोगों की भीड़ उमड़ती है. बताया जाता है कि इन कुंडों में नहाने से चर्म रोग खत्म हो जाता है. यही कारण है कि इन कुण्डों में स्नान करने वालों की भीड़ सालोंभर लगी रहती है. मेले के दिन स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ जाती है.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के दूसरे मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर हुए कोरोना पॉजिटिव

बड़कागाांव में बच्चों के ऊंचे कद के लिए मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले स्नान कराया जाता है. उसके बाद तिल की आग के ऊपर से पार कराया जाता है. इसके बाद पूजा-अर्चना करवाकर उन्हें तिलकुट, गुड़, चूड़ा, दही खिलाया जाता है. अगर इतने में भी बच्चे 5 वर्ष या 10 वर्ष तक लंबे नहीं होते हैं, तो उनके कान में कनौसी पहना दिया जाता है. इसी दिन लड़कियों के कान छिदवाये जाते हैं. बच्चे पतंग उड़ाकर भी मकर संक्रांति मनाते हैं. मकर संक्रांति के अगले दिन सुबह लोग नदियों में जाकर स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करते हैं. मकर संक्रांति के दिन स्नान कर बड़े बुजुर्ग भी तिल की लकड़ी जलाकर सेंकते हैं. यह परंपरा पूर्वजों से चली आ रही है.

Also Read: Jharkhand News: कोरोना से जंग को तैयार पाकुड़ के अस्पतालों में इलाज की क्या है व्यवस्था, DC ने की ये अपील

मकर संक्रांति में ‘मकर’ शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि ‘संक्रांति’ का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण हो जाता है अर्थात सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन की लंबाई बड़ी और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है. भारत में इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है.

Also Read: झारखंड के बीडीओ को पश्चिम बंगाल के ठग ने लगाया 4 लाख रुपये का चूना, सोने के सिक्के के नाम पर ऐसे की ठगी

रिपोर्ट: संजय सागर

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel