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बालासोर ट्रेन हादसे पर बोलीं ममता बनर्जी- राजनीति का वक्त नहीं, रेलवे सेफ्टी कमीशन करे जांच

बालासोर रेल हादसे के बाद ममता बनर्जी ने भारतीय रेलवे और ओडिशा सरकार दोनों को मदद की पेशकश की है. पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा है कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है. जो मर गये, उन्हें हम वापस नहीं ला सकते. लेकिन घायलों को बेहतर इलाज दे सकते हैं. जनजीवन फिरसे समान्य हो इसकी पहल हमें करनी होगी.

ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बालासोर पहुंचीं. जिस जगह रेल दुर्घटना हुई, वहां भी गयीं. इस अवसर पर तीन बार देश की रेल मंत्री रह चुकीं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है. उन्होंने घायलों के उपचार के लिए 40 डॉक्टरों की टीम भेजी है. ममता बनर्जी ने कहा कि वह घायलों का कोलकाता में इलाज करवाने के लिए तैयार हैं.

बंगाल सरकार ने 110 एंबुलेंस और 40 डॉक्टर भेजे

तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि कल ही बंगाल सरकार ने घायलों की मदद के लिए 40 एंबुलेंस भेज दी थी. आज फिर 70 एंबुलेंस भेजे हैं. हमारे 40 डॉक्टरों की टीम घायलों के इलाज में मदद कर रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि रेल मंत्रालय ने मृतकों के निकट परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. बंगाल के जिन लोगों की इस हादसे में जान गयी है, उनके परिजनों को हमारी सरकार अलग से 5-5 लाख रुपये आर्थिक सहायता देगी.

ममता बनर्जी ने रेलवे, ओडिशा सरकार से की ये पेशकश

ओडिशा के बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट के बाद स्थिति को सामान्य करने के लिए रेलवे को हर तरह की मदद देने की ममता बनर्जी ने पेशकश की. उन्होंने कहा कि जब तक रेस्क्यू एवं बचाव कार्य खत्म नहीं हो जाता, उनकी सरकार रेलवे और ओडिशा सरकार को मदद करने केलिए तैयार है.

कोरोमंडल एक्सप्रेस सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेस ट्रेनों में एक

बालासोर ट्रेन जिस जगह दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस जगह पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस सबसे बेहतरीन एक्सप्रेस ट्रेनों में एक है. उन्होंने कहा कि मैं तीन बार रेल मंत्री रही. 21वीं सदी की यह सबसे बड़ी रेल दुर्घटना है. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच की जिम्मेदारी रेलवे सेफ्टी कमीशन को सौंप दी जानी चाहिए, ताकि वे जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दे सकें.

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एंटी कोलिजन डिवाइस ट्रेन में लगे होते, तो रुक सकता था हादसा

ममता बनर्जी ने कहा, ‘जहां तक मैं जानती हूं, ट्रेनों में एंटी कोलिजन डिवाइस (टक्कर रोधी उपकरण) नहीं थे. अगर ये डिवाइस ट्रेन में लगे होते, तो इतना भीषण हादसा नहीं होता.’ पूर्व रेल मंत्री सुश्री बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों की इस हादसे में मौत हो गयी है, उन्हें हम वापस तो नहीं ला सकते. अब हम सिर्फ राहत और बचाव कार्य कर सकते हैं. रेलवे की पटरियों के साथ-साथ लोगों का जीवन सामान्य कैसे हो, उस पर काम कर सकते हैं.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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