27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

टीचिंग करियर में ऐसे बढ़ें आगे, इन परीक्षाओं की करें तैयारी, आसानी से मिलेगी नौकरी

भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. दुनिया भर में शिक्षक का सम्मान करने की परंपरा है, लेकिन भारत में शिक्षक को ईश्वर के बरक्स देखा जाता है. आप अगर बतौर शिक्षक करियर बनाना चाहते हैं, तो डालें एक नजर...

‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय. गुरु और गोविंद (भगवान) एक साथ खड़े हों, तो किसे प्रणाम करना चाहिए – गुरु को अथवा गोविंद को? ऐसी स्थिति में गुरु के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है, जिनके कृपा रूपी प्रसाद से गोविंद का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. भारत में गुरु को ईश्वर के बरक्स रखने की परंपरा रही है. शिक्षक को समाज निर्माता के तौर पर देखा जाता है, जो छात्रों के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. छात्रों को शिक्षा देने के साथ-साथ जीवन और आजीविका के लिए तैयार करना, उनके चरित्र का निर्माण करना, व्यक्तित्व को आकार देना शिक्षक का काम है. आप अगर एक शिक्षक के तौर पर करियर बनाना चाहते हैं, तो अपनी शैक्षणिक योग्यता एवं संचार कौशल के अनुकूल राह चुन कर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

एक विकल्प चुन कर बढ़ें आगे

स्कूल शिक्षक से लेकर कॉलेज अध्यापक तक शिक्षक के तौर पर आगे बढ़ने के कई विकल्प हैं. आप अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार एक विकल्प चुन कर खुद को तैयार करेंगे, तो शिक्षक के तौर पर जॉब हासिल करना आपके लिए आसान होगा. आप प्ले स्कूल, नर्सरी स्कूल, प्राइमरी/ एलिमेंट्री स्कूल, सेकेंडरी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, एजुकेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट, स्पेशल स्कूल टीचिंग में से किसी एक राह को चुन सकते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में स्वयं का इंस्टीट्यूट/ ट्यूटोरियल शुरू करने का भी विकल्प है.

नर्सरी, प्राइमरी/ एलिमेंट्री स्कूल

आप नर्सरी या प्राइमरी टीचर के तौर पर जॉब करना चाहते हैं, तो 12वीं के बाद नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कर अच्छी शुरुआत कर सकते हैं . एनटीटी दो साल का कोर्स है, जिसमें कई जगह प्रवेश परीक्षा, तो कहीं- कहीं 12वीं के अंकों के आधार पर एडमिशन दिया जाता है. जूनियर टीचर ट्रेनिंग एवं डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) जैसे कोर्स प्राइमरी टीचर बनने का रास्ता बनाते हैं. इन कोर्सेज में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं है.

मिडिल स्कूल

कक्षा छठवीं से आठवीं तक के छात्रों यानी मिडिल स्कूल की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं और टीचर्स ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (टीटीसी) एवं ग्रेजुएशन के साथ बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) है.

सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी

आमतौर पर सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल (9वीं से 12वीं तक) में हर एक विषय के विशेष शिक्षक होते हैं. सेकेंडरी एवं सीनियर सेकेंडरी के छात्रों को पढ़ाने की न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) एवं मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड) है.

स्पेशल स्कूल

यह शिक्षण का एक बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है. इसमें शारीरिक और मानसिक तौर पर अक्षम बच्चों को पढ़ाना होता है. इस काम में भावनात्मक और शारीरिक रूप से बहुत धैर्य की जरूरत होती है. यहां पढ़ाने के लिए 10+2 के साथ डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन होना चाहिए.

फिजिकल एजुकेशन

निजी स्कूल हो या सरकारी, अब सभी में फिजिकल टीचर नियुक्त किये जाते हैं. फिजिकल एजुकेशन टीचर बनने के लिए किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से फिजिकल एजुकेशन में बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) करना जरूरी है. इसके बाद चाहें तो एमपीएड (मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन)भी कर सकते हैं. इन कोर्सेज के एंट्रेंस टेस्ट में फिजिकल फिटनेस टेस्ट के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी देनी होती है. एंट्रेंस टेस्ट में पास होने के बाद इंटरव्यू भी क्लियर करना होता है.

असिस्टेंट प्रोफेसर

कॉलेज/ यूनिवर्सिटी में करियर की शुरुआत असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर होती है, जिसमें आगे अनुभव एवं समय के साथ एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर बनने का मौका मिलता है. कॉलेज प्राध्यापक एक विषय विशेष के विशेषज्ञ के तौर पर व्याख्यान देते हैं और छात्र के शैक्षिक अनुसंधान कार्य में मार्गदर्शन करते हैं. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापन के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के साथ एमफिल, पीएचडी डिग्री को प्राथमिकता दी जाती है. इसके साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) पास होना आवश्यक है.

परीक्षाएं, जो दिलायेंगी जॉब

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) : केंद्रीय विद्यालय, तिब्बती स्कूल और नवोदय विद्यालयों समेत तमाम सरकारी विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित परीक्षा सीटेट पास करना आवश्यक है. 12वीं पास होने के साथ दो वर्षीय प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा या 12वीं के साथ चार वर्षीय बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन या न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों में स्नातक के साथ बीएड डिग्री धारक यह परीक्षा दे सकते हैं. सीटेट का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता. सीटेट 2021 के दूसरी बार के आयोजन के लिए तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है. अभ्यर्थियों को परीक्षा से संबंधित अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट विजिट करते रहने की सलाह दी गयी है.

टीजीटी एवं पीजीटी

राज्य स्तर पर आयोजित होनेवाली परीक्षाएं- टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) देने के लिए ग्रेजुएट व बीएड एवं पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के लिए पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड होना आवश्यक है. टीजीटी पास शिक्षक 6वीं से लेकर 10वीं तक एवं पीजीटी के शिक्षक सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी छात्रों को पढ़ाते हैं.

टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी)

कई राज्यों में बीएड करने के बाद शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है. इस टेस्ट को पास करने पर एक निश्चित अवधि के लिए सर्टिफिकेट मिलता है, जो सरकारी स्कूल में शिक्षक की जॉब में आवेदन के लिए मान्य होता है.

Also Read: Sarkari Naukri-Result 2023 Live: SSC दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के लिए आई बंपर बहाली, देखें अन्य वैकेंसी डिटेल
Also Read: SSC दे रहा है ट्रांसलेटर की सरकारी नौकरी से जुड़ने का मौका, जानें क्या है योग्यता
Also Read: GATE 2024: IISc बैंगलोर आज से शुरू कर सकता है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, देखें क्या है लेटेस्ट अपडेट
Also Read: होटल मैनेजमेंट में दें करियर को मजबूती, जानें 10वीं 12वीं के बाद कहां ले सकेंगे एडमिशन, कितनी मिलेगी सैलरी

Preeti Singh Parihar
Preeti Singh Parihar
Senior Copywriter, 15 years experience in journalism. Have a good experience in Hindi Literature, Education, Travel & Lifestyle...

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel