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Muharram 2023: आज मनाया जा रहा है मुहर्रम, जानिए इसका महत्व और इतिहास

Muharram 2023: मुहर्रम की दसवीं तारीख यानी यौम-ए-आशूरा के दिन ताजिए निकाले जाते हैं. इस्मालिक मान्यताओं के अनुसार, कई सौ साल पहले मुहर्रम के 10वें दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी.

Muharram 2023:  यौम-ए-आशूरा मुहर्रम के दसवें दिन में मनाया जाता है. इस साल यौम-ए-आशूरा आज 29 जुलाई 2023 को आयोजित किया जाएक होगी. यह मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए मातम का दिन होता है. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले मुहर्रम के 10वें दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी.  

क्या है यौम-ए-आशूरा

मुहर्रम की दसवीं तारीख यानी यौम-ए-आशूरा के दिन ताजिए निकाले जाते हैं. इस्मालिक मान्यताओं के अनुसार, कई सौ साल पहले मुहर्रम के 10वें दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. दरअसल, कर्बला की जंग में इस्लाम की रक्षा करने के लिए अपने परिवार और 72 साथियों के साथ शहादत दी थी. कहा जाता है कि यह जंग इराक और कर्बला में यजीद की सेना और हजरत इमाम हुसैन के बीच हुई थी.

आशूरा का ऐतिहासिक महत्व

इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले अशुरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है. अशुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मानने वाले मुसलमान रोजा-नमाज के साथ इस दिन ताजियों-अखाड़ों को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं.

मुहर्रम का इतिहास

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार पैगंबर मोहम्मद साहब के पोते हजरत इमाम हुसैन और बादशाह यजीद की सेना के बीच जंग हुई थी. जंग में बादशाह यजीद की सेना द्वारा हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवरा को उनके सेनाओं के साथ शहीद कर दिया गया था. मान्यताओं के मुताबिक मुहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी. इसलिए हर वर्ष मुहर्रम महीने के 10वें दिन मुहर्रम मनाया जाता है.

जानिए कैसे मनाया जाता है मुहर्रम

मुहर्रम का पूरा महीना रहमत वाला होता है. इस महीने की शुरुआत से ही लोग अपने-अपने इलाकों में तजिया बनाने का काम करते हैं. मुहर्रम के एक दिन पहले लोग तजिया को चबूतरा पर रख देते हैं और अगले दिन सुबह तजिया जुलूस निकालते हैं. साथ ही इस दिन क्षेत्र में होने वाले मेलों में तजिया सम्मेलन कराते हैं.

शिया समुदाय निकालता है ताजिया

आशूरा के दिन इस्लाम धर्म में शिया समुदाय के लोग ताजिया निकालते हैं और मातम मनाते हैं. इराक में हजरत इमाम हुसैन का मकबरा है, उसी मकबरे की तरह का ताजिया बनाया जाता है और जुलूस निकाला जाता है.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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