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Manish Gupta Murder Case: सीबीआई करेगी मनीष गुप्ता केस की जांच, मामले में आया नया मोड़

Manish Gupta Murder Case: गोरखपुर में रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के कृष्णा पैलेस होटल में मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले की जांच अब सीबीआई के पास चली गई है.

Gorakhpur News : गोरखपुर में रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के कृष्णा पैलेस होटल में मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले की जांच अब सीबीआई के पास चली गई है. सीबीआई ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है.

जल्द ही सीबीआई गोरखपुर आकर घटनास्थल का निरीक्षण भी करेगी. तथा कानपुर के बरा निवासी मनीष के परिजनों से मुलाकात करके घटना की पूरी जानकारी लेगी. और उन्हें एफआईआर की कॉपी भी सौंपेगी.

मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. इसी क्रम में सीबीआई की लखनऊ यूनिट ने आज हत्या की की धारा में केस दर्ज कर लिया है. केस मीनाक्षी के द्वारा उसी तहरीर के आधार पर दर्ज किया गया है जिस पर गोरखपुर में आरोपी पुलिसकर्मियों के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी.

क्या था पूरा मामला : जोधपुर के रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र के कृष्णा पैलेस होटल में 27 नवंबर को कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मौत उस समय हुई थी. जब रामगढ़ ताल के थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव, और 3 अन्य आरोपी सिपाही होटल के कमरा नंबर 512 में संदिग्धों के रुकने की सूचना पर रात 12:00 बजे दाखिल हुए.

आरोप है कि वहीं पर हुए विवाद के बाद के बाद पुलिस वालों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले थे. इसके बाद पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव, उप निरीक्षक राहुल दुबे, कांस्टेबल प्रशांत कुमार, आरक्षी कमलेश यादव को निलंबित कर दिया था. 28 सितंबर की देर रात 1:30 बजे के करीब इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.

इसमें जगत नारायण सिंह, अक्षय मिश्रा और विजय यादव को नामजद और 3 अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने 4 अक्टूबर को सभी आरोपियों के खिलाफ एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया. बांसगांव पुलिस ने 10 अक्टूबर को आरोपी प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह और अक्षय मिश्रा को रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अन्य चारों आरोपियों को भी एक के बाद एक गोरखपुर की कैंट पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद उन्हें एसआईटी को सौंपा.

एसआईटी ने उन्हें पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद मुख्य आरोपी जगत नारायण सिंह और अक्षय मिश्रा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गई थी. जहां पर एसआईटी के तरफ से जांच अधिकारी छत्रपाल सिंह ने साक्ष्य संकलन पूरा ना होने का हवाला दिया था. जिस पर की आरोपियों की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी गई थी.

रिपोर्ट : अभिषेक पांडेय

Prabhat Khabar News Desk
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