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Parivartan Rajyog: 10 साल बाद बन रहा परिवर्तन राजयोग, जानें व्यक्ति के जीवन में इस योग का प्रभाव

Parivartan Rajyog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब की ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तब बने नए योग का प्रभाव जातक के जीवन में शुभ या अशुभ दोनों तरीके से पड़ता हैं. परिवर्तन राजयोग का प्रभाव जातक के जन्म कुंडली में ही देखने को मिलता हैं.

Parivartan Rajyog 2023: वैदिक ज्योतिष अनुसार, सभी ग्रह अपने निश्चित समयांतराल में एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में गोचर करते हैं. इसके साथ ही ये कई शुभ और राजयोग का निर्माण करते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन सहित पूरे देश- दुनिया पर देखने को मिलता है. बता दें कि इस महीने मंगल और देव गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करके परिवर्तन राजयोग का निर्माण करने जा रहे हैं. यह राजयोग 27 दिसंबर यानि आज से बन जाएगा. ज्योतिष के अनुसार, इस समय मंगल ग्रह मकर राशि के 12वें भाव में संचरण करेंगे और गुरु ग्रह मकर राशि के चौथे भाव में वक्री अवस्था में भ्रमण करेंगे. जिससे मंगल और युति परिवर्तन राजयोग का निर्माण करेंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर परिवर्तन राजयोग होता क्या हैं और इसका प्रभाव मानव जीवन पर कैसे पड़ता हैं?

कैसे बनता हैं परिवर्तन राजयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, परिवर्तन राजयोग का निर्माण उस समय होता हैं, जब दो ग्रह आपस में अपने भावों का आदान-प्रदान करते हैं तो वे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे अपने ही भाव में विराजमान हों. हालांकि, जब भी दोनों ग्रह जिस भाव में भी बैठे होते हैं, उसके महत्व को बढ़ाने की कोशिश करते हैं. जब ग्रह अपने भाव में स्थित होते हैं, तो यह ग्रह जातक को मजबूत परिणाम प्रदान करता है. इसके साथ ही परिवर्तन योग में दोनों ग्रह एक समान व्यवहार करते हैं. ऐसा भी माना जाता हैं कि ग्रहों के स्वामित्व वाले भावों के संयुक्त आदान-प्रदान से परिवर्तन योग का निर्माण होता है. यह विनिमय दोनों भावों को बहुत महत्वपूर्ण बनाता है और इन भावों पर अपना प्रभाव डालता है.

मानव जीवन में ऐसे प्रभाव डालता हैं ये योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब की ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तब बने नए योग का प्रभाव जातक के जीवन में शुभ या अशुभ दोनों तरीके से पड़ता हैं. परिवर्तन राजयोग का प्रभाव जातक के जन्म कुंडली में ही देखने को मिलता हैं. वहीं जन्म कुण्डली में शुभ योगों का बनना कुंडली को शक्तिशाली बनाता है. राजयोग और धन योग के अलावा, अन्य अनुकूल योग भी हैं, जो जन्म कुंडली को शक्तिशाली बनाने में मदद करते हैं. जब अनुकूल भावों का संबंध अन्य अनुकूल भावों से अनुकूल योगों के माध्यम से बनता है, तो यह शुभ और अनुकूल परिणाम प्रदान करता है, इस राजयोग के निर्माण होने से जातक के जीवन में कई तरह के अनुकूल परिणाम देखने को मिलता हैं. आपके आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलता हैं. पारिवारिक कलह दूर हो जाता हैं. इसके साथ ही जीवन में चल रहे सभी समस्याओं से जातक को राहत मिलती हैं.

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परिवर्तन योग का महत्व

ज्योतिष शस्त्र के अनुसार, कुंडली में बने राजयोग हमेशा सकारात्मक ही नहीं होता हैं. कभी- कभी ये योग मानव जीवन में कई तरह की समस्या भी खड़ी कर देती हैं. जातक कई तरह के बिमारियों से घिर जाता हैं. इसके साथ ही ये छात्रों के जीवन को भी प्रतिकूल प्रभाव डालता हैं. इसके कुंडली में निर्माण होने से गृह स्थिति के आधार पर संशोधित होता हैं. यदि लाभ भावों के स्वामी विनिमय में शामिल हों, तो परिवर्तन योग लाभकारी होते हैं और जातक के लिए कई तरह के साकारात्मक प्रभाव लेकर आता हैं. यदि विनिमय का संबंध प्रतिकूल भावों से हो, तो यह प्रतिकूल होगा. इसलिए योग के आकलन में गृह स्वामी का निर्धारण करना काफी महत्वपूर्ण बताया गया हैं.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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