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गोरखपुर रेलवे जंक्शन पर पॉड होटल को मंजूरी, यात्रियों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं, जानें क्यों होता है खास

पाड होटल में रुकने वाली यात्रियों को उनके कमरे में ही खान-पान और अन्य जरूरी सुविधाएं मिल जाएंगी. वहीं होटल के पास खाली पड़े फूड प्लाजा में कैफेटेरिया खुलेगा. इसके लिए लखनऊ मंडल प्रशासन ने एक एजेंसी को होटल चलाने के लिए 10 वर्ष के लिए नामित कर दिया है.

Gorakhpur: पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में आने वाले यात्री जल्द ही पॉड होटल की सुविधा ले सकेंगे. गोरखपुर जंक्शन पर पॉड होटल को हरी झंडी मिल गई है. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 के हैंगिंग वेटिंग हॉल में 653 वर्ग मीटर में होटल खुलेगा. इसके लिए एजेंसी जल्द अपना काम शुरू कर देगी.

गोरखपुर रेल जंक्शन पर जल्द शुरू होगा निर्माण

मुंबई की तर्ज पर जल्द ही पॉड होटल का निर्माण गोरखपुर रेल जंक्शन पर शुरू हो जाएगा. भारतीय रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर देश में सबसे पहले पॉड होटल की शुरुआत हुई थी. अब पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में भी यात्री इस सुविधा का आनंद ले सकेंगे.

इसमें छोटे-छोटे केबिननुमा यानी कैप्सूल की तरह बेड युक्त कमरे होंगे. गोरखपुर जंक्शन पर आने वाले यात्री रिटायरिंग रूम की तरह रेलवे स्टेशन पर घंटे के हिसाब से पॉड होटल में रुक सकेंगे.

होटल के पास खाली पड़े फूड प्लाजा में खुलेगा कैफेटेरिया

पाड होटल में रुकने वाली यात्रियों को उनके कमरे में ही खान-पान और अन्य जरूरी सुविधाएं मिल जाएंगी. वहीं होटल के पास खाली पड़े फूड प्लाजा में कैफेटेरिया खुलेगा. इसके लिए लखनऊ मंडल प्रशासन ने एक एजेंसी को होटल चलाने के लिए 10 वर्ष के लिए नामित कर दिया है.पॉड होटल में यात्रियों को ठहरने के साथ-साथ सस्ते दर अन्य सुविधाएं भी मिल जाएंगी. इससे यात्रियों को राहत मिलने के साथ-साथ रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी.

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कम बजट में ठहरने की आधुनिक व्यवस्था

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर स्लीपिंग पॉड लगाने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट फाइनल किया है. इसके लग जाने से यह आधुनिक सुविधा गोरखपुर में भी उपलब्ध हो जाएगी, जिससे गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी और उनका कम बजट भी खर्च होगा. यह व्यवस्था मुंबई मंडल में चल रही है.

देश में सबसे पहले मुंबई में हुई शुरुआत

पहले पॉड होटल की शुरुआत भारतीय रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर हुई थी. अब यह सुविधा गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भी शुरू होने जा रही है, जिसकी कवायद शुरू हो गई है. पॉड होटल में यात्रियों को ठहरने के साथ-साथ सस्ती दर पर सुविधा भी मिल जाएगी. इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी और रेलवे की आमदनी में भी इजाफा होगा. जानकारों के अनुसार पॉड होटल बनने के साथ ही किराया आदि भी निर्धारित कर दिया जाएगा.

फिलहाल गोरखपुर जंक्शन पर यात्रियों के ठहरने की समुचित व्यवस्था नहीं है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) के अधीन 17 में से सिर्फ तीन रिटायरिंग रूम ही चल रहे हैं. वर्तमान में 31 डॉरमेट्री से ही काम चल रहा है.

ये सुविधाएं रहेंगी उपलब्ध

बताते चलें कि पॉड होटल में विश्राम के लिए कंपार्टमेंट की तरह पुरुष, महिला और दिव्यांगजन के लिए छोटे-छोटे कमरे बने होते हैं. इन कमरों में वॉशरूम, लगेज रूम, शावर रूम, कॉमन एरिया और फ्री वाई-फाई जैसी सुविधाएं मिलती हैं. टेलीविजन, चार्जिंग पॉइंट और पढ़ने के लिए रीडिंग लाइट की भी व्यवस्था रहती है. यह रिटायरिंग रूम की अपेक्षा काफी सस्ता होता है, जिससे यात्रियों को सुविधा के साथ साथ उनके पैसे की बचत भी होती है और रेलवे को लाभ भी होता है.

क्या है पॉड होटल

पॉड होटल में कैप्सूल की तरह एक व्यक्ति के सोने के लिए बेहद छोटे कमरे होते हैं, जिनमें तमाम तरह की सुविधाएं होती हैं. यह रिटायरिंग रूम की तुलना में सस्ता है. भारतीय रेलवे के यात्री और यहां तक कि आम लोग भी अब अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर यहां आधुनिक विश्राम सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.

पॉड डिजाइन का यह रिटायरिंग रूम भारतीय रेलवे का अपनी तरह का पहला रिटायरिंग रूम है. रेलवे के इतिहास में पहली बार यात्रियों को मुंबई सेंट्रल पहुंचने पर अब एक पूरी तरह से नई बोर्डिंग सुविधा का अनुभव हो रहा है. आईआरसीटीसी ने ओपन टेंडर प्रक्रिया के जरिए नौ साल के लिए पॉड कॉन्सेप्ट रिटायरिंग रूम की स्थापना, चलाने और प्रबंधन का ठेका दिया है.

यहां वाईफाई, टीवी, एक छोटा लॉकर, आईना और रीडिंग लाइट, इंटीरियर लाइट, मोबाइल चार्जिंग, स्मोक डिटेक्टर, डीएनडी इंडिकेटर आदि जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. पॉड होटल में कई छोटे बिस्तर वाले कैप्सूल होते हैं और यह यात्रियों को रात भर ठहरने के लिए किफायती आवास प्रदान करता है.

विदेशों से किया जाता है आयात

रेलवे स्टेशन पर इस तरह के पॉड रिटायरिंग रूम के लिए जरूरी सामान विदेशों से आयातित किया जाता है. जापान, दक्षिण कोरिया व चीन इस तरह के पॉड तैयार करता है. बने-बनाए पॉड को सिर्फ इंस्टॉल करना होता है.

मुंबई रेलवे स्टेशन पर पॉड होटल में ये सुविधाएं उपलब्ध

मुंबई रेलवे स्टेशन की पहली मंजिल पर बना पूरा पॉड होटल करीब तीन हजार स्क्वायर फीट में फैला है. इसमें कैप्सूल की तरह दिखने वाले 48 कमरे हैं जिन्हें क्लासिक पॉड, प्राइवेट पॉड, पॉड्स फॉर वूमेन और दिव्यांगों के लिए बांटा गया है. क्लासिक पॉड की संख्या 30 है जबकि लेडीज के लिए ऐसे सात पॉड बनाए गए हैं. इसके अलावा 10 प्राइवेट पॉड और दिव्यांगों के लिए एक पॉड की सुविधा दी गई है.

रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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