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कोडरमा के एक क्लिनिक में अव्यवस्था देख प्रशासन के उड़े होश, जांच में मिली भारी गड़बड़ी, किया सील

कोडरमा के एक क्लिनिक राजेंद्र क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर में एक महिला की मौत मामले में जिला प्रशासन ने जांच पड़ताल की, तो अव्यवस्था देख उनके होश उड़ गये. क्लिनिक में जहां शराब की खाली बोतल मिली, वहीं कोई कागजात में संचालक पेश नहीं कर पाये. जिला प्रशासन ने क्लिनिक को सील कर जांच पड़ताल तेज कर दी है.

Jharkhand news: कोडरमा बाईपास रोड सुभाष चौक के समीप स्थित राजेंद्र क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर में प्रसव के बाद 25 वर्षीय महिला कौशल्या देवी की मौत के मामले की जांच करने जिला प्रशासन की टीम पहुंची. डीसी आदित्य रंजन के निर्देश पर एसडीओ मनीष कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने यहां जांच की तो स्थिति देख हैरान रह गई. अस्पताल की संचालन व्यवस्था को देख टीम ने कड़ी नाराजगी जताई. भारी गड़बड़ी एवं अव्यवस्था देखे जाने पर एसडीओ ने तत्काल इस क्लिनिक को सील करवा दिया. टीम में एसडीओ के अलावा कोडरमा सीओ अनिल कुमार, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार, सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ भारती सिन्हा, डॉ मयूरी सिन्हा एवं डॉ संदीप कुमार शामिल थे.

क्लिनिक के प्रथम तल्ले पर शराब की मिली खाली बोतल

इससे पहले क्लिनिक में अनियमितता की जांच करने पहुंची टीम को भी प्रबंधन का काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. फोन करने पर डॉ नीरज चंद्रा मौके पर पहुंचे. इस दौरान जांच टीम ने जब क्लिनिक का मुआयना किया, तो अंदर की स्थिति देखकर सभी दंग रह गए. अस्पताल के अंदर चारों तरफ गंदगी का अंबार पाया गया. ऑपरेशन रूम में भी एक्सपायर केमिकल, जुगाड़ तकनीक से ओटी मशीन का संचालन पाया गया. इसके अलावा क्लिनिक के प्रथम तल्ले पर शराब की कई खाली बोतलें भी बरामद की गई.

एक भी कागज प्रस्तुत नहीं किया गया

मौके पर उपस्थित क्लिनिक के चिकित्सक डॉ नीरज चंद्रा से जब जांच टीम ने क्लिनिक के रजिस्टर समेत अन्य दस्तावेजों की मांग की, तो डॉ चंद्रा एक भी कागज प्रस्तुत नहीं कर पाए. इसके बाद जब जांच टीम ने उनसे पूछा कि जिस महिला की मौत क्लिनिक में हुई है उसका ऑपरेशन किसने किया था. इस पर भी डॉ चंद्रा कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पाए. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सात अक्टूबर की रात में हुआ था, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि ऑपरेशन किसने किया था. जांच के दौरान टीम को यह भी जानकारी मिली है कि क्लिनिक में कार्यरत ओटी असिस्टेंट किशोर कुमार समेत अन्य नर्सों द्वारा महिला का ऑपरेशन किया गया था. हालांकि, जब टीम क्लिनिक में जांच करने पहुंची, तो क्लिनिक पूरी तरह से खाली था. क्लिनिक में न कोई स्टाफ मौजूद था और न ही कोई मरीज. यही नहीं अस्पताल में तीन अलग-अलग डॉक्टरों का नाम डिस्पले कर रखा दिखा, जबकि इसमें से एक डॉ उपेंद्र कुमार राज्य से बाहर पदस्थापित हैं.

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डीसी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

इस संबंध में एसडीओ ने बताया कि मृतक महिला का पोस्टमार्टम भी होना चाहिए था. कहीं न कहीं इसमें पुलिस ने भी लापरवाही बरती है. एसडीओ ने डॉ नीरज चंद्रा को जांच पूरी होने तक शहर से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया. क्लिनिक की जांच के उपरांत एसडीओ ने क्लिनिक को सील करवा दिया. जांच के क्रम में अस्पताल में सीसीटीवी भी क्रियाशील नहीं मिला. एसडीओ ने बताया कि जांच की पूरी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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