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झारखंड : दुर्गा पूजा में दहकते अंगारों पर चलते हैं भक्त, मां की महिमा से नहीं पड़ते छाले

सरायकेला के मुरुप गांव में देवी वनदुर्गा मां के प्रति भक्तों की भक्ति ऐसी है कि वे माता को प्रसन्न करने के लिए दहकते अंगारों चलते हैं. यहां के लोगों की मानें तो मां की महिमा ऐसी है कि श्रद्धालुओं के पैर पर छाले भी नहीं पड़ते.

सरायकेला, शचिंद्र दास : सरायकेला के मुरुप गांव में देवी वनदुर्गा मां के प्रति भक्तों की आस्था कहिए या देवी वनदुर्गा की असीम कृपा, लेकिन यह सच है कि यहां माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई आकर्षक व हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं. यह आस्था व भक्ति आज नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही है, जो आज के कंप्यूटर युग में भी जारी है. मुरुप गांव के रहने वाले हेमसागर प्रधान ने बताया कि गांव में स्थित दुर्गा मंदिर में स्थापित माता देवी वनदुर्गा की प्रतिमा की पूजा विधिवत दशमी से 15 दिन पहले शुरू हो जाती है. दशमी के बाद एकादशी के दिन यहां माता की भव्य पूजा अर्चना की जाती है. एकादशी के दिन, यानी इस साल 25 अक्टूबर को स्थानीय जलाशय से जल देवी की पूजा अर्चना कर भक्तों द्वारा दंडी पाठ करते हुए मंदिर परिसर पहुंचेंगे. मंदिर पहुंचने से पहले भक्तों से लोग अपने घरों में परिवार की सुख शांति व समृद्धि के लिए पूजा अर्चना कराते हैं. इस दौरान भक्तों द्वारा मां को प्रसन्न करने के लिए कई आकर्षक करतब दिखाएंगे.

अग्निकुंड पर चलते हैं भक्त, नहीं पड़ते छाले

मंदिर परिसर में मां पाऊड़ी के समक्ष 20 फीट लंबा और दो फीट चौड़ा व गड्ढा खोदकर अग्निकुंड बनाया गया है. यहां देवी माता अग्नि कुमारी की पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजा के बाद भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए दहकते अंगारों पर नंगे पांव दौड़ेंगे. देवी वनदुर्गा की असीम भक्ति की कृपा से इन भक्तों के पांव में छाले तक नहीं पड़ते हैं. मन्नत के अनुसार महिला व पुरुष अपने अराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए कंटीले झाड़ियों पर लेटकर भक्ति की परीक्षा देते हैं. भक्तों के करतब को देखने के लिए हर साल यहां पड़ोसी जिला समेत आसपास के हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती हैं, जिसकी निगरानी शुभनाथ क्लब, मुरुप द्वारा की जाती है.

क्या कहते हैं पुजारी

सरायकेला के इस मंदिर में देवी वनदुर्गा की पूजा देउरी द्वारा की जाती है. मंदिर में कई साल से पुजारी के रूप में रामनाथ होता, गौर दास व कुथलु प्रधान द्वारा पूजा कराई जा रही है. पुजारी रामनाथ होता ने बताया कि माता की असीम कृपा के कारण माता के दरबार में भक्तों द्वारा सच्ची मन से मांगी गई हर मुरादें पूरी होती है. पुजारी गौर दास ने बताया कि देवी माता वनदुर्गा पर सच्ची आस्थापूर्वक नंगे पांव अंगारों पर चलने के बावजूद भक्तों के पांव में छाले नहीं पड़ते है. पुजारी कुथलु प्रधान ने बताया कि यहां एक ओर भक्त अपनी फरियाद लेकर मां के दरवार में अर्जी लगाने आते हैं, वहीं दूसरी ओर भक्त अपनी मन्नते पूरी होने पर मां को शुक्रिया अदा करने के लिए दरबार में पहुंचते हैं. इस अवसर पर भक्तों की भीड़ लग जाती है.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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